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बगैर ओडीएफ हुए मगरांव पंचायत को मिल गए तीन करोड़

मुख्यमंत्री सात निश्चय योजना के अंतर्गत निष्पक्ष तरीके से कार्य कराने के लिए सरकार द्वारा जारी निर्देश के बाद सभी पंचायतों में वार्ड प्रबंधन समिति का गठन किया गया।

By JagranEdited By: Published: Tue, 17 Jul 2018 05:14 PM (IST)Updated: Tue, 17 Jul 2018 05:14 PM (IST)
बगैर ओडीएफ हुए मगरांव पंचायत को मिल गए तीन करोड़
बगैर ओडीएफ हुए मगरांव पंचायत को मिल गए तीन करोड़

बक्सर । मुख्यमंत्री सात निश्चय योजना के अंतर्गत निष्पक्ष तरीके से कार्य कराने के लिए सरकार द्वारा जारी निर्देश के बाद सभी पंचायतों में वार्ड प्रबंधन समिति का गठन किया गया। इसके पहले सभी वार्ड में विकास की गति को देने के लिए पक्की गली, नाली एवं घर-घर शौचालय का निर्माण सहित अन्य कार्यो को पूरा करने के लिए नक्शे के साथ मास्टर प्लान बनाया गया था। इसी आलोक में काम भी किया जा रहा है। लेकिन, फिलहाल इन सभी योजनाओं में काम कम और लूट ज्यादा हो रही है।

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वार्ड प्रबंधन समिति के तहत होनेवाला यह कार्य मुखिया के प्रभाव से खुद मुखिया या फिर उसके द्वारा नियुक्त किए गए अपने चहेते ठेकेदार द्वारा कराया जा रहा है। जिसके चलते किसी भी पंचायतों में मानक के अनुसार काम नहीं हो रहा है। वहीं, किसी भी काम को आरंभ करने से पहले किसी भी योजना में बोर्ड नहीं लगाया गया है। फिलहाल इन्हीं योजनाओं की जांच करने प्रखंड के मगरांव पंचायत पहुंचे बीडीओ अरुण कुमार ¨सह द्वारा जांच के बाद पता चला है कि विकास के नाम राशि का दुरुपयोग किया गया है। इस पंचायत के लिए तीन करोड़ खुले में शौच मुक्ति के लिए विगत कई महीने पहले ही दे दिया गया है। जिसमें अधिकतम राशि की निकासी भी हो चुकी है। जबकि, यह राशि उसी पंचायत को देना है। जिस पंचायत में शौचालय बनाने का काम पूर्ण हो चुका है। इस संबंध में जानकारी देते हुए बीडीओ अरुण कुमार ¨सह ने बताया कि प्रखंड के रसेन, मगरांव, सिकठी, अकबरपुर, हेंठुआ सहित कुल छह पंचायतों में बगैर प्रशासनिक स्वीकृति के काम किया जा रहा है। प्रथम ²ष्टया सरकारी राशि का नियमानुकूल उपयोग नहीं हुआ है। इन सभी पंचायतों में लगभग 80 प्रतिशत तक राशि की निकासी भी कर ली गई है। कल जांच को पहुंचेंगे जिलाधिकारी कल 19 जुलाई को मगरांव पंचायत के वार्ड नं. 5 एवं 7 में जिलाधिकारी पहुंचकर योजनाओं की जांच पड़ताल करेंगे। मातहतों की जांच में सात निश्चय के तहत काम संतोषजनक नहीं पाया गया है। पाइप को दो से ढाई फीट तक नीचे गाड़ना है। लेकिन, एक फीट ही गड्ढा खोदा गया है। नल का कनेक्शन के क्रम में प्रत्येक घरों में तीन नल लगाना है। लेकिन, सिर्फ एक ही नल देखा गया। कई जगहों पर घटिया पाइप लगाने की शिकायत मिली है। जिसे शीघ्र ही जांच के लिए मुजफ्फरपुर स्थित प्रयोगशाला में भेजा जाएगा। जांच में पकड़े जाने पर संबंधित वार्ड प्रबंधन समिति के खिलाफ विधि सम्मत कानूनी कार्रवाई की जाएगी।


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