नर्सों के भरोसे संचालित हो रहा था प्रसूति विभाग, लगा कूड़े का अंबार
बक्सर राज्य व केंद्र सरकार द्वारा स्वास्थ्य सेवा को आम लोगों तक पहुंचाने के लाख दावें किए जा
बक्सर : राज्य व केंद्र सरकार द्वारा स्वास्थ्य सेवा को आम लोगों तक पहुंचाने के लाख दावें किए जा रहे हों, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां करती है। सरकारी स्वास्थ्य व्यवस्था की लचर स्थिति से निजी स्वास्थ्य सेवा का कारोबार तेजी फल-फूल रहा है। दैनिक जागरण ने मंगलवार को जब सिमरी के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में बहाल सेवा की पड़ताल की तो सामने स्याह तस्वीर के सिवा कुछ नहीं मिला।
प्रसूति विभाग को नर्सों के भरोसे छोड़ दिया गया है। ग्रामीणों का कहना था कि इस सीएचसी में चिकित्सकों के 11 पद सृजित है, लेकिन वर्तमान समय में मात्र दो चिकित्सक डॉ.इकबाल और डॉ.विनोद कुमार पदस्थापित है। ऐसी स्थिति में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र एवं अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र से जुड़े चिकित्सकों के जरिए व्यवस्था संचालित हो रही है। इनमें तीन आयुष और एक होम्योपैथ के चिकित्सक है। इसके अलावे सीएचसी में महिला चिकित्सक का होना अनिवार्य है। एक का पदस्थापन भी हुआ था, परन्तु वह उच्च शिक्षा ग्रहण करने के नाम पर यहां से रुखसत हो गई। फिलहाल उनका फर्ज एएनएम निभा रही है। लिहाजा अधिकांश प्रसूति महिलाओं का इलाज नीम हकीमो पर आश्रित है। आरएन पाण्डेय, अनिल राय, संजय पाण्डेय की माने तो स्थानीय सांसद सह केन्द्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री द्वारा पीएचसी प्रवास के दौरान महिला चिकित्सक तत्काल पदस्थापित कराने का आश्वासन दिया गया था। हालांकि, बाद में कोई महिला चिकित्सक प्रतिनियुक्त नहीं हुईं।
दवा का घोर अभाव
इस केन्द्र पर दवा का घोर अभाव है। विभाग द्वारा बाहृय कक्ष के लिए निर्धारित 55 में से 30 एवं अन्त:कक्ष के लिए 59 में से मात्र 24 दवाइयां ही उपलब्ध मिलीं। हालात तो यहां तक पहुंच गई है कि चिकित्सकों द्वारा निर्गत पूर्ज की अधिकांश दवाइयां मरीजों को बाहर से खरीदनी पड़ रही है। अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि जिले से दवा की डिमांड की गई है। दवा कब आएगी, इसकी कोई गारंटी नहीं है।
साफ सफाई की व्यवस्था : 30 बेड वाले इस सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पर साफ सफाई कि व्यवस्था अपेक्षाकृत ठीकठाक है। मरीजों ने बताया कि सुबह में अस्पताल की साफ सफाई की जाती है। मगर स्तनपान कक्ष एवं अस्पताल परिसर में साफ सफाई का अभाव भी देखने को मिला। इसके अलावे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में प्लेसेंटा रखने के लिए कोई व्यवस्था नहीं है। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में इसके लिए काफी पहले टब बनाया गया था। जो अब पूरी तरह भर गया है।
मरीजों के स्वजनों का है कहना
1- सिमरी कि सिधुजा देवी ने बताया कि सीएचसी में दवा की घोर किल्लत होने के चलते मरीजो को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। इस पर विभागीय अधिकारियों को ध्यान देना चाहिए।
2- शोभा देवी का कहना है कि यह सीएचसी सारी सुविधाओं से लैस होते हुए भी महिला चिकित्सक के अभाव में अधूरी है। जिला पदाधिकारी महोदय को इसके लिए सार्थक पहल करनी चाहिए।
3- प्रियंका देवी ने कहा कि सरकार गांव स्तर पर गुजर-वसर करनें वालें लोगों को स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराने के लिए काफी प्रयास कर रही है। लेकिन यहां पर महिला चिकित्सक नहीं होने के कारण महिलाओं को भारी परेशानियां झेलनीं पड़ रही है।
4- अंगद सिंह का कहना था कि इस केंद्र से जुड़ी समस्याओं के स्थायी निदान हेतु अनेकों बार विभागीय अधिकारियों को लिखित शिकायत दिया गया। मगर उन्होंने कभी भी इसे गंभीरता से नहीं लिया। जिसका खामियाजा मरीजों को भुगतना पड़ रहा है।
बयान : इस केन्द्र पर महिला चिकित्सक का होना अति आवश्यक है। इसके लिए सतत प्रयास भी जारी है। इतना ही नहीं मरीजों को बेहतर स्वास्थ सुविधा का लाभ मिले इसका भी पूरा ख्याल रखा जाता है। सारे चिकित्सकों को निर्धारित समयानुसार अस्पताल में सेवा देने के लिए निर्देशित किया गया है।
डॉ. प्रेमचंद प्रसाद, प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, सिमरी।