Move to Jagran APP

क्वारंटाइन सेंटर में खर्च के अबतक नहीं बने मानक रोस्टर

बक्सर कोरोना आपदा के एक माह से अधिक समय गुजरने के बाद भी अभी तक जिला प्रशासन के पास क्वार

By JagranEdited By: Published: Tue, 05 May 2020 03:44 PM (IST)Updated: Tue, 05 May 2020 05:25 PM (IST)
क्वारंटाइन सेंटर में खर्च के अबतक नहीं बने मानक रोस्टर
क्वारंटाइन सेंटर में खर्च के अबतक नहीं बने मानक रोस्टर

बक्सर : कोरोना आपदा के एक माह से अधिक समय गुजरने के बाद भी अभी तक जिला प्रशासन के पास क्वारंटाइन सेंटर में रह रहे लोगों के खर्चों का हिसाब नहीं है। सूबे के अन्य जिलों में जहां प्रति व्यक्ति खर्च का हिसाब पूर्व में ही निर्धारित कर दिया गया है। वहीं, बक्सर जिले में अधिकारियों को यह भी पता नहीं है कि अब तक उन्होंने कोरोना संकट के नाम पर कितनी राशि खर्च कर दी। इस संबंध में पूछे जाने पर अधिकारी पल्ला झाड़ लेते हैं।

loksabha election banner

बताया जाता है कि सदर प्रखंड के विभिन्न पंचायतों में क्वारंटाइन सेंटर बनाए गए हैं। इसके अतिरिक्त जिला मुख्यालय में भी विभिन्न होटलों में संक्रमण के संदिग्ध लोगों को रखा गया है। वहीं, होटलों और मैरेज हॉल को कोरोना संदिग्ध मरीजों को रखने के लिए चयनित किया गया है। बताया जाता है कि सभी क्वारंटाइन लोगों को दैनिक जीवन में उपयोग में आनेवाली सामग्रियों के साथ-साथ भोजन आदि का भी बेहतर प्रबंध करने का निर्देश सरकार से प्राप्त हुआ है। जिसके आलोक में बक्सर में भी क्वारंटाइन सेंटर में रह रहे लोगों को साबुन, पेस्ट, टूथब्रश, गमछा, साड़ी आदि का एक किट प्रदान किया जा रहा है। इसके अतिरिक्त हलवाई के माध्यम से भोजन का प्रबंध भी कराया जा रहा है। साफ-सफाई, सुरक्षा आदि के इंतजाम भी किए गए हैं। ऐसे में प्रति व्यक्ति खर्च का हिसाब होना आवश्यक है। लेकिन, प्रशासन के पास इसकी कोई जानकारी नहीं है।

मुख्यालय से अंचल तक के अधिकारी अनभिज्ञ

इस संदर्भ में एडीएम चंद्रशेखर झा से बात की गई तो उन्होंने बताया कि प्रति व्यक्ति जरूरी सामानों की जो किट प्रदान की जा रही है। उसकी कीमत तकरीबन 600 रुपये है। हालांकि, भोजन आदि का खर्च वे नहीं बता सके। उन्होंने बताया कि व्यापक क्षमता के क्वॉरंटाइन सेंटर सभी प्रखंडों में बनाए जा रहे हैं। आपदा प्रभारी प्रभात कुमार से बात करने पर वे भी कुछ खास नहीं बता सके। इस बारे में आपदा विभाग के कर्मियों से पूछताछ करने पर उन्होंने भी अनभिज्ञता जाहिर करते हुए बताया कि, अंचलाधिकारी इस संदर्भ में बता सकते हैं। वहीं, अंचलाधिकारी ने बताया कि क्वारंटाइन सेंटर में पहुंचने वाले हर व्यक्ति की छोटी-बड़ी जरूरतों को पूरा करने के लिए आपदा विभाग से प्राप्त राशि खर्च की जा रही है। लेकिन, यह बताना संभव नहीं है कि अभी तक कुल कितनी राशि का व्यय हुआ है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.