Move to Jagran APP

श्रावणी मेला का बदला स्वरूप, शिवालय के दरवाजे पर ही जलार्पण

बक्सर आसमान में कई दिनों से पैंतरेबाजी करते बादल सावन की पहली सोमवारी के दिन धार्मिक नगर

By JagranEdited By: Published: Mon, 06 Jul 2020 05:12 PM (IST)Updated: Mon, 06 Jul 2020 06:04 PM (IST)
श्रावणी मेला का बदला स्वरूप, शिवालय के दरवाजे पर ही जलार्पण
श्रावणी मेला का बदला स्वरूप, शिवालय के दरवाजे पर ही जलार्पण

बक्सर : आसमान में कई दिनों से पैंतरेबाजी करते बादल सावन की पहली सोमवारी के दिन धार्मिक नगरी बक्सर में मेहरबान हुए। इस दौरान हुई झमाझम बारिश से ऐसा प्रतीत हुआ मानो मेघराज इंद्र बाबा भोलेनाथ का जलाभिषेक करने के लिए अवतरण लिए हों।

loksabha election banner

हिदू ज्योतिष पंचांग के अनुसार साल का 5वां महीना सावन आज से प्रारंभ हो गया। इसे भगवान शिव का महीना भी कहा जाता है। इस माह में शिवभक्त जल के कांवर के साथ बोलबम का जयघोष करते कई किलोमीटर पैदल व कष्टपूर्ण यात्रा कर बाबा ब्रह्मेश्वरनाथ, सोखा बाबा, गुप्ता धाम समेत अपने ग्रामीण क्षेत्र के देवालयों में पहुंचते हैं तथा पवित्र गंगाजल से उनका जलाभिषेक करते हैं। परन्तु, कोरोना संक्रमण की महामारी को लेकर पहली मर्तबा श्रावणी मेला का स्वरूप आज पूरी तरह से बदला हुआ था। जो पौराणिक व प्रसिद्ध धार्मिक स्थल रामरेखाघाट भगवा वस्त्र धारियों से पटा रहता था। आज वहां गिने-चुने लोग ही दिख रहे थे। जबकि, इस अवसर पर दूरदराज से भी काफी संख्या में श्रद्धालु यहां की पवित्र गंगा में स्नान करने, प्रसिद्ध रामेश्वरनाथ मंदिर के शिवलिग पर जलाभिषेक करने तथा जलभरी हेतु उमड़ते हैं।

पहली सोमवारी पर रामेश्वरनाथ मंदिर के दोनों दरवाजे बंद

दरअसल, रामरेखाघाट स्थित रामेश्वरनाथ मंदिर में ब्रह्ममुहूर्त की आरती, पूजन किए जाने के बाद प्रबंधन ने पहली सोमवारी पर आमजनों की बढ़ने वाली भीड़ को देखते हुए दोनों दरवाजे बंद कर दिए। प्रबंधन के मुताबिक नागरिक सुरक्षा के हित में कोरोना महामारी फैलने की आशंका को देखते हुए ऐसा निर्णय प्रशासनिक अधिकारियों के साथ हुई बैठक में दो दिन पूर्व ही ले लिया गया था। वहीं, अन्य दिनों में भी भक्तों से मास्क लगाकर व एक-दूसरे से शारीरिक दूरी रखते हुए प्रांगण में प्रवेश लेने को कहा गया है। उधर, नाथबाबा मन्दिर में भी बड़ा दरवाजा बंद रखा गया था। हालांकि, आसपास के श्रद्धालुओं ने गंगा स्नान भी किया और छोटे दरवाजे से प्रवेश कर देवालय में शीश झुकाए।

घाट के रास्ते में बैरिकेडिग कर तैनात रही पुलिस

स्नान व जलभरी किए जाने को लेकर घाटों पर भीड़ न बढ़े। इसके लिए बांस-बल्ली लगाकर मार्ग को अवरुद्ध कर दिया गया था। वहीं, मौके पर पुलिस भी तैनात थी। जो भीड़भाड़ न बढ़े इस पर नजर रखी हुई थी। यह व्यवस्था द्वय प्रमुख घाटों के अलावा भी अन्य जगहों पर किया गया था।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.