सेमिनार में दूसरे दिन कृषि शोध पर हुई गहन परिचर्चा
वीर कुंवर सिंह कृषि महाविद्यालय डुमरांव में चल रहे सेमिनार के दूसरे दिन सतत ग्रामीण विकास के लिए कृषि क्षेत्र में आधुनिक प्रगति विषय पर चर्चा हुई।
बक्सर । वीर कुंवर सिंह कृषि महाविद्यालय, डुमरांव में चल रहे सेमिनार के दूसरे दिन सतत ग्रामीण विकास के लिए कृषि क्षेत्र में आधुनिक प्रगति विषय पर चर्चा हुई। बिहार कृषि विश्वविद्यालय सबौर से आए डॉ.रेवती रमन सिंह ने कार्यक्रम का उद्घाटन किया। दूसरे दिन कुल 57 वैज्ञानिकों ने कृषि शोध पत्र पर चर्चा की। इन शोध पत्रों की चर्चा के दौरान विभिन्न प्रदेश से आए हुए कुल 16 वैज्ञानिकों ने अलग-अलग तकनीकी सत्र में इन शोध पत्रों का मूल्यांकन किया। साथ ही, अपने बहुमूल्य सुझाव भी दिए। इन तकनीकी सत्रों में पौधा प्रजनन एवं जैव प्रौद्योगिकी, सतत कृषि ग्रामीण विकास के लिए आर्थिक एवं सामाजिक नीतियां, पौध संरक्षण में आधुनिक विकास एवं पशु तथा मत्स्य संसाधन में विकास विषयों पर शोध पत्र प्रस्तुत किए गए। इस मौके पर बनारस हिदू विश्वविद्यालय वाराणसी से आए हुए डॉ.आरपी सिंह ने सुगंधित धान के क्षेत्र में हो रहे विकास पर चर्चा की। हिमाचल प्रदेश कृषि विश्वविद्यालय से आए डॉ.पंकज सूद ने वनस्पति कीट टूटा अबसोलुटा के अनुवंशिक विकास पर शोध पत्र प्रस्तुत किए। इस कीट के विनाशकारी प्रभाव से बचने के उपाय भी बताए। शीशा परियोजना से आई डॉ.सुगंधा ने कृषि में महिलाओं की भागीदारी पर चर्चा की। उन्होंने कृषि क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने की आवश्यकता पर बल दिया। बोधगया के मगध यूनिवर्सिटी से आए प्रो.बीएन पांडे ने जिले के ग्रामीण विकास के लिए मत्स्य एवं पशु पालन पर जोर दिया। मुख्यमंत्री के 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने में इसके अहम योगदान की बात कही। आज के कार्यक्रम के विभिन्न सत्रों का मंच संचालन वीर कुंवर सिंह महाविद्यालय के डॉ.विकास चंद्र वर्मा ने किया एवं सत्र का धन्यवाद ज्ञापन डॉ.शांति भूषण ने किया। सेमिनार के एसोसिएट सेक्रेटरी डॉ.सुदय प्रसाद एवं डॉ.पवन शुक्ला ने सेमिनार में भाग लेने आए कृषि वैज्ञानिक एवं अतिथियों का स्वागत किया।