समीप के बजाए तीन किमी दूर शिफ्ट किया स्कूल
रघुनाथपुर के उर्दू प्राथमिक विद्यालय को समीप के विद्यालय में शिफ्ट करने के बदले बीईओ द्वारा दूर के विद्यालय में शिफ्ट करने के बाद वहां विवाद उत्पन्न हो गया है। बीईओ द्वारा ग्रामीणों की मांग की अनदेखी करने के बाद मामला जिलाधिकारी से लेकर लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी तक पहुंच गया।
बक्सर । रघुनाथपुर के उर्दू प्राथमिक विद्यालय को समीप के विद्यालय में शिफ्ट करने के बदले बीईओ द्वारा दूर के विद्यालय में शिफ्ट करने के बाद वहां विवाद उत्पन्न हो गया है। बीईओ द्वारा ग्रामीणों की मांग की अनदेखी करने के बाद मामला जिलाधिकारी से लेकर लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी तक पहुंच गया। ज्ञात हो कि प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी 31 दिसंबर को एक पत्र लिखकर उर्दू प्राथमिक विद्यालय रघुनाथपुर को भवनहीन होने के चलते वहां के मध्य विद्यालय में शिफ्ट करने का आदेश दिया। उन्होंने आदेश में कहा है कि उर्दू विद्यालय रघुनाथपुर के एक मस्जिद में चलता है। जिससे मस्जिद में नमाज पढ़नेवाले अल्पसंख्यक लोगों को परेशानी होती है। साथ ही, छात्रों के पठन-पाठन में भी बाधा उत्पन्न होती है। एक ऐसा आवेदन उनके पास दिया था। इसके लिए 1 सप्ताह का समय दिया है। इस आदेश के बाद मामला तूल पकड़ लिया। ब्रह्मपुर दक्षिणी के जिला परिषद सदस्य तथा उत्पादन समिति की अध्यक्ष अनीता देवी डीएम तथा लोक शिकायत में दिए आवेदन में आरोप लगाई है कि बीईओ मनमाने ढंग से उर्दू विद्यालय को अनुसूचित उत्क्रमित मध्य विद्यालय में शिफ्ट नहीं किए. जिसकी दूरी महज 400 मीटर है। बीईओ सारे नियमों तथा प्राथमिक शिक्षा निदेशक के आदेशों की धज्जियां उड़ाते हुए 3 किलोमीटर दूर मध्य विद्यालय में शिफ्ट करने का आदेश दिए। विद्यालय दूर होने के कारण कई छात्र पढ़ाई छोड़ने पर विवश हो जाएंगे। जबकि, उत्क्रमित मध्य विद्यालय के पास पूरा भवन भी है तथा छात्रों को काफी सुविधा भी होगी। विद्यालय पोषक क्षेत्र में भी है। लेकिन, बीईओ छात्रों व अभिभावकों की सुविधा को दरकिनार कर विवाद उत्पन्न कर रहे हैं। अनीता देवी ने आरोप लगाया है कि अभिभावकों की शिकायत पर जब बीईओ से बात की गई तो उन्होंने स्पष्ट कहा कि जो हमने किया वह सही है। मेरे कार्यों में दखल न दें। उन्होंने अधिकारियों से इस मामले की जांच कर कार्रवाई करने की गुहार लगाई है। उन्होंने यह भी बताया कि यदि इस पर रोक नहीं लगी तो विद्यालय दूर होने के कारण बहुत से छात्र वहां पढ़ने नहीं जाएंगे।