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बिजली कारोबारी से लूट का 24 घंटे में पर्दाफाश, सभी अपराधी गिरफ्तार

बक्सर। गुरुवार की देर शाम करीब 9.30 बजे नगर के ज्योति चौक पर बिजली कारोबारी से हुई छह लाख रुपये की लूट का न सिर्फ पुलिस ने पर्दाफाश कर लिया बल्कि घटना के महज 24 घंटों के अंदर लूट में शामिल सभी अपराधियों को गिरफ्तार भी कर लिया। सबूत के तौर पर घटना के समय जिन कपड़ों को पहन अपराधियों ने वारदात को अंजाम दिया था उसके अलावा लूट के दौरान इस्तेमाल हथियार भी पुलिस ने बरामद कर लिए।

By JagranEdited By: Published: Sat, 19 Jun 2021 06:31 PM (IST)Updated: Sat, 19 Jun 2021 06:31 PM (IST)
बिजली कारोबारी से लूट का 24 घंटे में पर्दाफाश, सभी अपराधी गिरफ्तार

बक्सर। गुरुवार की देर शाम करीब 9.30 बजे नगर के ज्योति चौक पर बिजली कारोबारी से हुई छह लाख रुपये की लूट का न सिर्फ पुलिस ने पर्दाफाश कर लिया, बल्कि घटना के महज 24 घंटों के अंदर लूट में शामिल सभी अपराधियों को गिरफ्तार भी कर लिया। सबूत के तौर पर घटना के समय जिन कपड़ों को पहन अपराधियों ने वारदात को अंजाम दिया था उसके अलावा लूट के दौरान इस्तेमाल हथियार भी पुलिस ने बरामद कर लिए।

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पूरे घटनाक्रम का खुलासा करते हुए पुलिस अधीक्षक नीरज कुमार सिंह ने बताया कि बिजली कारोबारी से लूट की साजिश उनके दुकान पर काम करने वाले वीर कुंवर सिंह कॉलोनी निवासी मुनद्रिका पांडेय के पुत्र सुशील कुमार पांडेय ने रची थी। दरअसल, उसे दुकानदार की एक-एक गतिविधियों की जानकारी रहती थी और उसे यह भी पता होता था कि किस दिन कहां से कितने रुपये तगादा कर लाया गया है। अपने इसी जानकारी का लाभ उठाते हुए सुशील ने मुहल्ले के रहने वाले एक प्रतिष्ठित चिकित्सक के चालक अखौरी विमल कुमार के पुत्र आयुष कुमार सिन्हा को शामिल किया और योजना की रूप रेखा उसके सामने रखी। शुरू से ही आपराधिक प्रवृति के आयुष ने तत्काल साजिश पर काम करने के लिए अपने दो साथियों दिनारा के लहेरी गांव निवासी विकास सिंह, पिता रणविजय सिंह तथा दिनारा के बछियांव निवासी हरेराम सिंह पिता स्व.दीनानाथ सिंह से बात कर उन्हें लूट के लिए तैयार कर लिया। गुरुवार को तीनों वारदात को अंजाम देने के लिए हथियारों से लैस होकर तैयार थे और दुकान का स्टॉफ सुशील उन्हें हर पल की जानकारी दे रहा था। इस बीच जैसे ही कारोबारी जितेंद्र त्रिपाठी अपनी एजेंसी पर पहुंचे कि महज दो मिनट के अंदर वारदात को अंजाम देकर अपराधी पैदल ही फरार हो गए। लूट में दो वाहनों का किया था इस्तेमाल

एसपी ने बताया कि घटना को अंजाम देने के बाद अपराधी पैदल ही वहां से निकल गए और आगे जाकर सड़क किनारे खड़ी पल्सर बाइक लेकर वहां से निकल गए। कुछ ही दूर आगे जाने के बाद उन्होंने बाइक को छोड़ दिया और शहर के एक प्रसिद्ध चिकित्सक की सफेद रंग की कार से दिनारा पहुंच गए। यह वही कार थी जिसे आयुष एक चालक के रूप में चलाता था। लूट में प्रयुक्त दोनों वाहनों को जब्त कर लिया गया है। सख्ती से पूछताछ में सुशील ने उगल दिया राज

दरअसल दुकान के स्टॉफ सुशील पांडेय की संदिग्ध गतिविधियों को देखते हुए कारोबारी जितेंद्र त्रिपाठी को शुरू से ही लूट में उसके शामिल होने की आशंका थी। लिहाजा पुलिस को यह बताने के बाद जब सुशील पांडेय को हिरासत में लेकर सख्ती से पूछताछ की तब उसने अपने सारे साथियों का नाम उगल दिया। इसके बाद तकनीकी अनुसंधान के द्वारा पुलिस जल्द ही अपराधियों को दबोचने में सफल रही। -अपराधियों के पास से लूट में इस्तेमाल हथियार बरामद

घटना को अंजाम देने के लिए अपराधियों ने लूट में जिन हथियारों का इस्तेमाल किया था तथा जिन वाहनों का इस्तेमाल किया था उसे पुलिस ने बरामद कर लिया है। इसके साथ ही अपराधियों के पास से लूट के छह लाख रुपयों में से 1.67 लाख नगद कैश के अलावा कारोबारी की लैपटॉप, बैंक के कागजात के अलावा दो लोडेड कट्टा तथा एक लोडेड सिक्सर भी पुलिस ने बरामद कर लिया है। इसके अलावा सीसीटीवी फुटेज में दिखाई दे रहे जिन कपड़ों को लुटेरों ने पहना था वो सारे कपड़े भी पुलिस द्वारा बरामद कर लिए गए हैं। -आयुष का पुराना आपराधिक इतिहास

एसपी ने बताया कि पुलिस बार-बार चेतावनी देती है कि किसी भी स्टाफ अथवा नौकर को रखने के पहले पुलिस वेरिफिकेशन जरूर करा लें, पर पुलिस के इन निर्देशों पर कभी कोई ध्यान नहीं देता है। दरअसल शहर के प्रसिद्ध चिकित्सक का कार चालक आयुष कुमार पूर्व से ही आपराधिक प्रवृति का रहा है तथा पूर्व में वो कई बार जेल भी जा चुका है। लेकिन उसे चालक के रूप में रखने के पहले चिकित्सक द्वारा पुलिस से पता करने की कोई जरूरत नहीं समझी गई। नतीजतन उन्हीं की कार लेकर उसने लूट की वारदात में इस्तेमाल कर लिया। वहीं, बिजली करोबारी द्वारा भी इस बात पर ध्यान नहीं दिया गया कि सुशील के बारे में पहले पता करा लें। -टीम को किया जाएगा पुरस्कृत

घटना के बाद एसपी के निर्देश पर सदर डीएसपी गोरख राम के नेतृत्व में पुलिस टीम का गठन किया गया था, जिसमें निरीक्षक मुकेश कुमार, नगर थानाध्यक्ष रंजीत कुमार, डीआइयू प्रभारी दिनेश कुमार मालाकार, डीआइयू के अमित कुमार, एसआई सुनील कुमार निर्झर, एसआइ रंजीत कुमार सिन्हा, एसआइ रजनीश कुमार रंजन, एएसआइ फूलचंद राम के अलावा डीआइयू तथा नगर के सिपाही शामिल थे। एसपी ने बताया कि पुलिस की इस सफलता के लिए टीम में शामिल सभी को पुरस्कृत किया जाएगा।


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