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रबी महोत्सव से किसानों ने अधिकारियों को खदेड़ा

रविवार को प्रखंड मुख्यालय पर आयोजित रबी महाअभियान किसानों के हंगामे की भेंट चढ़ गया। महाअभियान में शामिल होने आए किसान जिला कृषि पदाधिकारी पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए।

By JagranEdited By: Published: Sun, 28 Oct 2018 05:15 PM (IST)Updated: Sun, 28 Oct 2018 05:15 PM (IST)
रबी महोत्सव से किसानों ने अधिकारियों को खदेड़ा

बक्सर । रविवार को प्रखंड मुख्यालय पर आयोजित रबी महाअभियान किसानों के हंगामे की भेंट चढ़ गया। महाअभियान में शामिल होने आए किसान जिला कृषि पदाधिकारी पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए। किसानों का आक्रोश इस कदर भड़का की जिला कृषि पदाधिकारी के खिलाफ जमकर मुर्दाबाद के नारे लगे। स्थिति की गंभीरता को भांप जिला कृषि पदाधिकारी कृष्णानंद चक्रवर्ती को भागकर बीडीओ कक्ष में शरण लेनी पड़ी। सूखे की मार झेल रहे किसानों के आक्रोश को देख तत्काल कार्यक्रम को स्थगित करना पड़ा। कार्यक्रम के आयोजन के लिए लगे टेंट शामियाना चंद पलों में उखड़ गया तथा कृषि विभाग के अन्य कर्मी भी आयोजन स्थल से खिसक गए। किसानों का साफ कहना था कि कृषि विभाग से किसानों को कोई भी लाभ बिना चढ़ावा दिए नहीं मिल रहा है। तीन-चार सालों से पड़े अनुदान के आवेदन का निष्पादन नहीं हो रहा है। जांच के नाम पर लटकाया गया है। गलत प्रभेद एवं गुणवत्ताहीन बीज विभाग से दिया जाता है। सरकार द्वारा किसानों के बीच मुफ्त वितरण के लिए भेजे गए अरहर बीज का वितरण आज तक नहीं किया गया। जबकि, अरहर बोवाई का सही समय जुलाई में ही खत्म हो चुका है। सरकार द्वारा किसान हित में चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं का सही अनुपालन नहीं होने की मुख्य वजह किसान जिला कृषि पदाधिकारी की संवेदनहीनता को बता रहे थे। इसी मुद्दे पर किसान गहराई से चर्चा कर रहे थे। लेकिन, कार्यक्रम में उपस्थित जिला कृषि पदाधिकारी किसानों की ऐसी बातें सुनने को तैयार नहीं थे, नतीजतन किसान हंगामा पर उतर गए। जिला कृषि पदाधिकारी पर लगे भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप

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कार्यक्रम में मौजूद नगर के अग्रणी किसान प्रकाश राय का कहना था कि उनके ड्रिप ¨सचाई योजना एवं प्लास्टिक म¨ल्चग में अनुदान के लिए आवेदन पिछले 10 माह से विभाग में पड़ा है। इसका सत्यापन के नाम पर हर बार टालमटोल किया जा रहा है। विभाग के इस टालमटोल नीति के कारण 40 बीघा जमीन पर इस बार खेती नहीं हो पाई। इसमें ज्यादातर खेत मालगुजारी पर लिए गए हैं और ड्रिप ¨सचाई योजना लगा दी गई है। इस योजना के लिए विभाग को अनुदान की राशि निर्गत करनी है। लेकिन, अभी तक अनुदान राशि मिलनी तो दूर उसकी उचित प्रक्रिया भी शुरू नहीं हो पाई है। किसान अभय, रंजन राय, संजय राय, रणजीत राय, ज्ञानचंद राय आदि का कहना है कि कृषि विभाग में बगैर कुछ दिए अनुदान की राशि लेना मुश्किल है। बीज वितरण में गड़बड़ी बना आक्रोश का कारण

कार्यक्रम में किसानों का आक्रोश बीज की गुणवत्ता तथा प्रभेद के सवाल पर काफी भड़क गया। अरहर बीज के वितरण के लिए आज तक टकटकी लगाए किसान इस बात से नाराज थे कि उन्हें सरकारी स्तर पर निर्गत धान के बीज की गुणवत्ता काफी खराब है। किसान बसंत राय, आशुतोष पांडेय, सोनू राय, संजय राय आदि का कहना था कि सरकारी स्तर पर निर्गत बीज घटिया स्तर के हैं। जिस कारण फसल चौपट है। किसान जिला कृषि पदाधिकारी से यह भी जानना चाह रहे थे कि किन शर्तों पर नावानगर प्रखंड सूखाग्रस्त घोषित हो गया। जबकि, डुमरांव नहीं। किसानों के इस सवाल के जवाब को टाल जिला कृषि पदाधिकारी महोत्सव को आगे बढ़ाना चाहे। लेकिन, किसान इस मुद्दे पर हंगामा करने लगे। आखिरकार, किसानों के बढ़ते आक्रोश तथा मुर्दाबाद के नारे को देख जिला कृषि पदाधिकारी कृष्ण चक्रवर्ती, आत्मा के निदेशक देवनंदन राम, अनुमंडल कृषि पदाधिकारी कमलेश प्रसाद तथा प्रखंड कृषि पदाधिकारी भागकर बीडीओ चेंबर में चले गए।

कहते हैं पदाधिकारी ड्रिप ¨सचाई योजना में भ्रष्टाचार का हवाला देकर कुछ लोग प्रेशर बनाना चाहते हैं। विभाग सही ढंग से अपना काम कर रहा है। भ्रष्टाचार का आरोप गलत है। पिछले रबी अभियान का भुगतान शुरू कर दिया गया है।

कृष्णानंद चक्रवर्ती, जिला कृषि पदाधिकारी, बक्सर।


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