कोविड-19 का टीका लेकर गर्भवती महिलाओं ने प्रस्तुत किया उदाहरण
बक्सर जिले में अधिक से अधिक लाभार्थियों को टीकाकृत करने के उद्देश्य से राज्य स्वास्थ्य समिति ट
बक्सर : जिले में अधिक से अधिक लाभार्थियों को टीकाकृत करने के उद्देश्य से राज्य स्वास्थ्य समिति टीकाकरण अभियान को और भी सरल और सुविधाजनक बना रही है। इसी क्रम में सोमवार को जिले के सभी सरकारी अस्पतालों में प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के तहत गर्भवतियों के लिए भी टीकाकरण का आयोजन हुआ। इस दिन टीकाकरण के मेगा शिविर का भी आयोजन किया गया। जिसमें सैंकड़ों की संख्या में लाभार्थियों ने अपने हिस्से का टीका लिया। इस क्रम में सभी पीएचसी व आउटरीच सेंटर्स पर महिलाओं की एएनसी जांच भी की गयी। ताकि, माताएं अपने गर्भ में पल रहे शिशु की शारीरिक स्थिति से अवगत हो सकें।
गर्भवतियों को टीकाकृत करने का निर्णय के बाद आशा कार्यकर्ताओं के द्वारा गर्भवती महिलाओं को उनके या बच्चे के स्वास्थ्य पर कोविड 19 के संभावित जटिलताओं, जोखिमों व टीकाकरण के लाभों के बारे में बताया गया। जिसकी बदौलत एक बड़ी संख्या में गर्भवती महिलाएं टीकाकरण को राजी हुईं। इस परिस्थिति में कई जगह तो स्थिति यह हुई कि वैक्सीन ही घट गई और उन्हें बगैर टीका के ही लौटना पड़ा। इसके तहत पुराना सदर अस्पताल स्थित हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर में 23 गर्भवती महिलाओं की प्रसव पूर्व जांच की गई। तत्पश्चात जीएनएम स्कूल में चल रहे टीकाकरण केन्द्र पर उन्हें कोविड का टीका दिया गया। मौके पर चिकित्सक डॉ.अली, केयर के भीम कुमार, राकेश कुमार, जीएनएम मनीषा कुमारी, एएनएम संध्या कुमारी समेत विभिन्न क्षेत्रों से आई आशा कार्यकर्ता मौजूद थीं।
भ्रांतियों के डर से नहीं ले रही थी टीका
टीका लेने के बाद श्रीकृष्णा की गर्भवती पत्नी पूजा देवी ने बताया कि पूर्व में टीकाकरण को लेकर काफी भ्रांतियां फैली हुईं थी। जिसके कारण वह टीका लेने से डर रही थी कि कहीं टीका का दुष्प्रभाव उनके बच्चे पर न पड़ जाए। साथ ही, परिवार के अन्य सदस्य भी उन्हें टीका लेने से मना कर रहे थे। राजू चौहान की पत्नी करिश्मा कुमारी ने भी कुछ इसी तरह की प्रतिक्रिया व्यक्त की। बताया कि टीकाकरण को लेकर जितने मुंह उतनी बात से वो परेशान रही लेकिन, जब दोनों लाभार्थियों को आशा कार्यकर्ताओं ने सरकार के निर्देश व विशेषज्ञों की रिपोर्ट के बारे में बताया तब जाकर उनके मन से टीका की भ्रांतियां दूर हुईं, और उन्होंने कोविड का टीका लिया।
ट्रायल और लर्निंग बेसिस पर रही टीकाकरण की प्रक्रिया
जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ. राज किशोर सिंह ने बताया कि टीकाकरण की पूरी प्रक्रिया ट्रायल और लर्निंग बेसिस पर चली है। जैसे जैसे वैज्ञानिकों व विशेषज्ञों ने शोध किये वैसे वैसे टीकाकरण के नियमों में बदलाव होते रहे। इसी क्रम में विशेषज्ञों ने शोध किया कि गर्भावस्था के दौरान कोविड-19 संक्रमण से गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य में तेजी से गिरावट आ सकती है और यह भ्रूण को भी प्रभावित कर सकता है। साथ ही, गर्भवती महिलाओं को टीकाकरण के लाभ इसके संभावित जोखिमों से कहीं अधिक हैं। जिसे देखते हुए परिवार एवं कल्याण मंत्रायल की सिफारिश पर राज्य स्वास्थ्य समिति ने गर्भवतियों को टीकाकृत करने का निर्णय लिया। उन्होंने बताया कि गर्भवती महिलाओं को टीका लेने के बाद पौष्टिक भोजन के साथ साथ पर्याप्त मात्रा में आराम करना होगा। जिससे उनके शरीर के अंदर एन्टी बॉडीज का निर्माण जल्द हो सके।