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सैन्य सम्मान के साथ जवान को दी अंतिम विदाई

स्थानीय थाना क्षेत्र के टुड़ीगंज निवासी सेना के जवान शिवजी ¨सह का पार्थिव शरीर पैतृक गांव पहुंचा। मातम के माहौल में शुक्रवार की दोपहर पठानकोट से सड़क मार्ग से चलकर पैतृक गांव टुड़ीगंज जवान का शव पहुंचते ही अंतिम दर्शन के लिए ग्रामीणों की भीड़ उमड़ पड़ी। परिजनों के दर्शन के बाद शव को बक्सर श्मशान घाट ले जाया गया। जहां राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार कर दिया गया।

By JagranEdited By: Published: Fri, 09 Nov 2018 05:57 PM (IST)Updated: Fri, 09 Nov 2018 05:57 PM (IST)
सैन्य सम्मान के साथ जवान को दी अंतिम विदाई
सैन्य सम्मान के साथ जवान को दी अंतिम विदाई

बक्सर । स्थानीय थाना क्षेत्र के टुड़ीगंज निवासी सेना के जवान शिवजी ¨सह का पार्थिव शरीर पैतृक गांव पहुंचा। मातम के माहौल में शुक्रवार की दोपहर पठानकोट से सड़क मार्ग से चलकर पैतृक गांव टुड़ीगंज जवान का शव पहुंचते ही अंतिम दर्शन के लिए ग्रामीणों की भीड़ उमड़ पड़ी। परिजनों के दर्शन के बाद शव को बक्सर श्मशान घाट ले जाया गया। जहां राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार कर दिया गया। सेना के जवान के इकलौता पुत्र अभिषेक ¨सह ने मुखाग्नि दी। जवान के शव के साथ पठानकोट तथा दानापुर के बिहार रेजिमेंट से अधिकारी तथा सेना के जवान पहुंचे हुए थे। जवान के पार्थिव शरीर के सम्मान में कृष्णाब्रह्म पुलिस भी मौजूद रही। बताते चलें कि, सेना में हवलदार के पद पर टुड़ीगंज निवासी शिवजी ¨सह पठानकोट में तैनात थे। जहां ड्यूटी के दौरान मंगलवार की देर शाम हाटैक आने से मौत हो गई। मौत के कुछ घंटे पहले सेना के जवान ने अपनी पत्नी और बच्चों से फोन पर सीने में दर्द की बात कही थी। उसके चंद घंटों बाद जवान के मौत की सूचना परिजनों को मिली। जवान की मौत से परिजनों पर टूटा दुखों का पहाड़ कृष्णाब्रह्म (बक्सर) : स्थानीय थाना क्षेत्र टुड़ीगंज गांव निवासी सेना में तैनात जवान के मौत से परिजनों पर टूटा दुख का पहाड़ शुक्रवार के दिन जैसे ही सेना में हवलदार के पद पर तैनात शिवजी ¨सह का शव घर पहुंचा कि पत्नी दहाड़ मारकर फूट पड़ी। पति के शव देख कभी-कभी बेहोश हो जा रही थी। वहीं, पिता की मौत से इकलौते पुत्र अभिषेक की आंखों से आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे थे। जबकि, इकलौती पुत्री नेहा कुमारी पिता की मौत से यह कहकर रो पड़ती थी कि हमार पापा कहवा चल गइले हो दादा.। परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल हो गया था। आस-पड़ोस के लोग ढांढ़स बंधाने के लिए आ रहे थे। लेकिन, वहां का गमगीन माहौल देख आने-जाने वाले लोगों की भी आंखे नम हो जा रही थी।

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