पंचकोसी का तीसरा पड़ाव भार्गव आश्रम बदहाल
प्रसिद्ध पंचकोसी मेला प्रारंभ होने में महज कुछ दिन शेष है। पंचकोसी मेला में शामिल होने वाले श्रद्धालुओं की सुविधाओं-असुविधाओं की पड़ताल को लेकर जागरण की टीम मंगलवार को मेले के तीसरे पड़ाव के रूप में भार्गव ऋषि के आश्रम भभुअर पहुंची। जहां प्रशासनिक अव्यवस्था को लेकर स्थानीय लोगों में काफी काफी आक्रोश देखा गया।
बक्सर । प्रसिद्ध पंचकोसी मेला प्रारंभ होने में महज कुछ दिन शेष है। पंचकोसी मेला में शामिल होने वाले श्रद्धालुओं की सुविधाओं-असुविधाओं की पड़ताल को लेकर जागरण की टीम मंगलवार को मेले के तीसरे पड़ाव के रूप में भार्गव ऋषि के आश्रम भभुअर पहुंची। जहां प्रशासनिक अव्यवस्था को लेकर स्थानीय लोगों में काफी काफी आक्रोश देखा गया। वहीं, प्रसिद्ध मानसरोवर की हालत भी बेहद खराब दिखी। यहीं नहीं, भार्गव ऋषि आश्रम में अवस्थित शिव मंदिर भी टूट-फूट का शिकार हो गया है। साथ ही, आश्रम परिसर में बना चापानल बंद पड़ा है। चहारदीवारी टूट गई है। साथ ही, भारी संख्या में आने वाले लोगों के लिए सामुदायिक शौचालय जैसी व्यवस्था भी गांव में नहीं है। गांव से होते हुए मंदिर तक जाने वाली सड़क पर भी अक्सर जल जमाव रहता है। जिससे आने-जाने वाले श्रद्धालुओं को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है। ग्रामीणों का कहना है कि स्थानीय जनप्रतिनिधियों से लेकर प्रशासनिक अधिकारियों को इन अव्यवस्थाओं की सूचना अक्सर दी जाती रहती है। लेकिन, उनके द्वारा कोई पहल नहीं की गई है। पंचकोसी परिक्रमा समिति भी साल में केवल एक बार आकर आनन-फानन में व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने की कोशिश करती है। कहते हैं लोग - स्थानीय निवासी प्रदीप कुमार पांडेय बताते हैं कि मंदिर परिसर की साफ-सफाई से लगायत उसकी देखरेख की सारी जिम्मेदारी स्थानीय लोग निभाते हैं। इस ऐतिहासिक मंदिर की देखरेख के लिए प्रशासन अथवा पंचकोसी परिक्रमा समिति की ओर से कोई सहयोग नहीं मिलता। - उमाशंकर पांडेय बताते हैं कि आश्रम परिसर में बना सामुदायिक भवन जर्जर हालत में है। उसकी छत से बरसात में पानी टपकता है। आश्रम परिसर की चहारदीवारी भी टूटी हुई है। - द्वारिका पांडेय बताते हैं कि भार्गव आश्रम में अवस्थित शिव मंदिर की स्थिति भी बदहाल है। मंदिर का मुख्य भवन टूट-फूट रहा है। मंदिर परिसर की चारदीवारी भी टूट गई है। वहीं, बारिश के दिनों में पोखरे से मंदिर तक आने वाली सड़क पर जलजमाव रहता है। जिसके चलते पूजा करने आनेवाले श्रद्धालुओं को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। - दारोगा पांडेय ने बताया कि पोखरे तथा मंदिर में लाइट का भी अभाव है। रात्रि के समय लाइट नहीं होने के चलते यहां पहुंचनेवाले श्रद्धालुओं को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। - श्रीगणेश पांडेय ने बताया कि पंचकोसी परिक्रमा समिति को साल में केवल एक बार इस स्थल की याद आती है। हालांकि, व्यवस्था को सुधारने के लिए कोई प्रयास नहीं किया जाता। उन्होंने बताया कि जहां पूरे जिले को खुले में शौच मुक्त बनाने की बात कही जा रही है। वहीं पंचकोसी परिक्रमा के तीसरे पड़ाव पर आनेवाले श्रद्धालुओं के लिए सामुदायिक शौचालय की व्यवस्था नहीं की गई है। - वार्ड सदस्य देव कुमार गुप्ता का कहना है कि पोखर का पानी बदलने के लिए एक आहर का निर्माण करने की बात मुखिया से लेकर प्रखंड विकास पदाधिकारी तक से कहीं गई है। लेकिन, किसी के द्वारा किसी प्रकार का कोई प्रयास नहीं किया गया। वहीं, पोखरे के अतिक्रमण के संबंध में भी अंचलाधिकारी से कई बार शिकायत की गई है। लेकिन, उन्होंने इस विषय में अभी तक कोई पहल नहीं की।