पंचायतस्तरीय क्वारंटाइन सेंटर पर खाने-पीने की व्यवस्था बदहाल
बक्सर कोरोना महामारी को लेकर जिला प्रशासन की पहल पर पंचायतों में बनाए गए क्वारंटाइन सें
बक्सर : कोरोना महामारी को लेकर जिला प्रशासन की पहल पर पंचायतों में बनाए गए क्वारंटाइन सेंटर पर खाने-पीने की समुचित व्यवस्था नहीं हैं। इस तरह की शिकायत प्रखंड के सभी पंचायतों में बने अधिकतर सेंटरों पर मिल रही है। मध्य विद्यालय देवढि़यां में बनाए गए सेंटर पर बुधवार की सुबह उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ से लगभग एक सप्ताह तक ट्रक एवं पैदल चलकर गांव पहुंचे अख्तर अंसारी बोक्सा, इरशाद सांई, दिलशाद सांई, मनउर सांई, खुर्शीद सांई, इसरार सांई, कृष्णा कुमार ने अपनी आपबीती सुनाते हुए कहा कि 24 अप्रैल को अलीगढ़ से गांव के लिए पैदल चले थे।
बुधवार की सुबह गांव पहुंचने से पहले ही पंचायत के सरपंच प्रतिनिधि शंभुनाथ मिश्र को फोन किया गया। इनकी पहल पर गांव में बने इस सेंटर पर रखा गया है। इन मजदूरों के आने के बाद राजपुर बीडीओ अरूण सिंह को सरंपच प्रतिनिधि शंभुनाथ मिश्र द्वारा 9431818027 पर फोन किया गया। लेकिन, उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया। रात्रि प्रहरी संतोष कुशवाहा ने बताया कि इसके पूर्व भी असगर अंसारी और युनुस अंसारी 14 दिनों तक यहां रहे हैं। उनको भी खाना उनके घर से ही आता था। इनकी स्वास्थ्य जांच को एएनएम गीता कुमारी मौजूद रहती है। समय-समय पर मेडिकल टीम भी दौरा करती है। परन्तु, मजदूरों को खाना नहीं मिलना दुर्भाग्यपूर्ण है। विदित हो कि सरकार द्वारा जारी निर्देश के आलोक में इन सेंटरों पर नाश्ता एवं भोजन के अलावा कपड़ा, साबुन एवं अन्य आवश्यक वस्तुओं की व्यवस्था करनी है। वहीं, मगरांव में बना क्वारंटाइन सेंटर बंद रहता है। कोई बाहर से आता है तो मेडिकल जांच के बाद उसे घर भेज दिया जाता है। नागपुर के ईंटवा मध्य विद्यालय पर बने सेंटर पर भी कुछ लोग ठहरे हैं। यहां भी खाना या किसी प्रकार की कोई व्यवस्था नहीं हैं।
घर-घर होगी जांच
राज्य स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी निर्देश के आलोक में शुक्रवार से घर-घर पहुंचकर सभी लोगों का स्वास्थ्य परीक्षण किया जाएगा। चिकित्सा प्रभारी डॉ. अशोक कुमार ने बताया कि इसके लिए प्रखंड स्तर पर 69 लोगों की टीम बनाई गई है। यह टीम सबके घरों तक पहुंचकर उसकी जांच करेगी।