धान बेचने के लिए टकटकी लगाए बैठे हैं किसान
धान खरीद मामले में पदाधिकारियों की कथनी और करनी में भारी अंतर है।
बक्सर। धान खरीद मामले में पदाधिकारियों की कथनी और करनी में भारी अंतर है। किसानों से धान खरीद के लिए निर्धारित 15 नवंबर के बाद 15 दिसंबर की तिथि भी हवा-हवाई साबित हुई। सरकारी स्तर पर धान की खरीद तो दूर डुमरांव व्यापार मंडल क्रय केंद्र खुला नहीं मिला। यहां अभी तक एक छटांक धान की खरीद नहीं हुई है। उधर, किसान तैयार धान के उचित मूल्य पर बिक्री के लिए दर-दर भटक रहे हैं। किसानों को उम्मीद थी कि पदाधिकारियों के घोषणा के अनुरूप धान की खरीद शुरू होगी तथा उनके खेतों से उत्पादित धान की बिक्री सही मूल्य पर हो सकेगा।
ऐसा नहीं होने से किसान निराश हैं। दूसरी तरफ, सरकार के इस हवा-हवाई घोषणा का लाभ उठाने को बिचौलिए और साहूकार तत्परता से लगे हैं। साहूकार दलालों के माध्यम से किसानों की नब्ज टटोल के उनका शोषण कर रहे हैं। रणनीति के तहत साहूकार वैसे जरूरतमंद किसानों के यहां दस्तक दे रहे हैं, जिनके यहां हाल के दिनों में शादी-विवाह सम्पन्न हुआ है या फिर जिनके यहां बच्चों की पढ़ाई या गंभीर बीमारी का खर्च है। वैसे किसानों को एक तरफ पैसे की दरकार है तो दूसरी तरफ खेत मे तैयार धान का रखरखाव समस्या बनी है।
मुश्किल में है शहरी क्षेत्र के किसान
व्यापार मंडल में धान की खरीद नहीं होने से सबसे अधिक मुश्किल में शहरी क्षेत्र के किसान हैं। शहरी किसान अपने धान की बिक्री व्यापार मंडल स्थित धान क्रय केंद्र पर करते हैं। इन किसानों को कृषि विभाग तथा पैक्स की कई सुविधाओं के लाभ से वंचित होना पड़ता है। अब जबकि उनके खेत में धान तैयार है तो बेचने की समस्या सामने खड़ी है। उनके लिए व्यापार मंडल क्रय केंद्र है। जहां, अभी तक धान की खरीद शुरू नहीं हो पाई है। व्यापार मंडल के अलावा सभी पैक्स अध्यक्षों को धान की खरीद करने का निर्देश दिया गया है। लेकिन, पदाधिकारी खुद अपनी कथनी और करनी में सामंजस्य नहीं बिठा पाए हैं।
नहीं है धान खरीद का पैसा और रजिस्टर
धान खरीद के सरकारी निर्देश यूं ही नहीं धराशाई है। धान खरीद के लिए सरकार से खरीद एजेंसी के सीसी खाता में पैसा आता है। बताया जाता है कि अभी तक व्यापार मंडल के खाता में धान की खरीद के लिए सिर्फ तीन लाख 15 हजार रुपया ही निर्गत हुआ है। जबकि, इस केंद्र से धान की खरीद के लिए डिमांड राशि एक करोड़ बताई गई है। पैसा भेजे जाने की कागजी प्रक्रिया भी अभी तक पूरा नहीं हुआ है। बताया जाता है कि बैंक की प्रक्रिया पूरा करने तथा सीसी राशि आने में अभी और वक्त लगेगा। धान की खरीद के लिए जरूरी धान क्रय पंजी भी अभी तक निर्गत नहीं किया गया है। क्रय पंजी नहीं होने से धान खरीद का काम अधर में है। कई कागजी प्रक्रिया अभी बाकी है।
कहते हैं किसान
- संजय राय का कहना है कि सरकारी घोषणा के अनुरूप अभी तक धान की खरीद शुरू नहीं हुई है। नतीजतन, किसान साहूकारों के हाथों की कठपुतली बनकर रह गए गए हैं। व्यापार मंडल क्रय केंद्र पर अब तक क्रय पंजी उपलब्ध नहीं हुआ।
- रणजीत राय का कहना है कि पदाधिकारियों की कथनी और करनी में सामंजस्य नहीं है। 15 नवंबर के बाद 15 दिसंबर भी बीत गया। लेकिन, खरीद शुरू नहीं होने से साहूकारों को सस्ते मूल्य पर उत्पादित धान बेचने की विवशता है।
- बसंत राय का कहना है कि साजिश के तहत किसानों का धान नहीं खरीदा जा रहा है। कभी नमी का बहाना तो कभी रजिस्टर नहीं होने की बात कही जा रही है। साहूकार और दलालों के धान से गोदाम भरने की तैयारी है।
- अजय राय का कहना है कि धान खरीद में हावी बिचौलिया संस्कृति से किसान लूट रहे हैं। सरकारी समर्थन मूल्य से काफी कम कीमत पर साहूकार धान खरीद रहे है। उत्पादित धान की रखवाली के लिए खलिहान में सोना पड़ रहा है।
- छोटकन पासवान का कहना है कि सरकारी स्तर पर धान खरीद शुरू होने का इंतजार करते एक माह गुजर गया। जिसके चलते कृषि घाटा का सौदा बन गया है। जरूरी है कि जल्द धान की खरीद शुरू हो।
- व्यापार मंडल अध्यक्ष अशोक ¨सह का कहना है कि धान की खरीद के लिए अभी तक क्रय पंजी निर्गत नहीं कराया गया है। धान की खरीद के लिए डिमांड राशि एक करोड़ के एवज में महज तीन लाख ही दिया गया है। पैसा और रजिस्टर मिलते ही खरीद शुरू हो जाएगी।
कहते हैं बीसीओ
धान की खरीद नमी के कारण प्रभावित है। क्रय एजेंसी के सीसी एकाउंट में पैसा जाने की प्रक्रिया तेज है। डुमरांव व्यापार मंडल में भी पर्याप्त राशि के अलावा क्रय पंजी दी जाएगी। प्रयास है कि सोमवार को सभी प्रक्रिया पूरी कर हो जाए।
सुभाष राम, बीसीओ, डुमरांव