अपराधियों के खिलाफ चलेगा ऑपरेशन सफाया, पहुंचे 70 चीता कमांडो
बिहार की सियासत और पुलिस में बक्सर के दो शख्सियत अहम भूमिका निभा रहे हैं। एक ओर बिहार पुलिस के मुखिया गुप्तेश्वर पांडेय इस भूमिका में नजर आ रहे हैं तो दूसरी ओर सियासत में प्रशांत किशोर हैं। ऐसे में बक्सर को अपराधमुक्त करने के लिए बिहार पुलिस ने बड़ी मुहिम छेड़ी है।
बक्सर । बिहार की सियासत और पुलिस में बक्सर के दो शख्सियत अहम भूमिका निभा रहे हैं। एक ओर बिहार पुलिस के मुखिया गुप्तेश्वर पांडेय इस भूमिका में नजर आ रहे हैं तो दूसरी ओर सियासत में प्रशांत किशोर हैं। ऐसे में बक्सर को अपराधमुक्त करने के लिए बिहार पुलिस ने बड़ी मुहिम छेड़ी है। अपराधियों के खिलाफ ऑपरेशन सफाया तथा नक्सलियों एवं दुर्दांत अपराधी गिरोहों के खिलाफ अभियान चलाने के लिए प्रशिक्षित 70 चीता कमांडो को जिले में उतारा गया है। ये चुन-चुनकर अपराधियों का सफाया करेंगे। जिले के वरीय पुलिस अधिकारियों के नेतृत्व में इन कमांडों को छापेमारी में लगाया जाएगा और मुख्यालय से इसकी दैनिक मॉनीट¨रग होगी। बताते चलें कि बिहार पुलिस का कार्यभार संभालने के बाद पिछले दिनों पहली बार बक्सर पहुंचे डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय ने साफ कर दिया था कि बक्सर में अपराध और अपराधी नहीं रहेंगे। उन्होंने जिले के पुलिस अधिकारियों को दस दिनों की मोहल्लत भी दी थी। अब लोकल पुलिस से मंत्रणा के बाद अपराध पर नकेल कसने के लिए चीता कमांडो की पूरी एक कंपनी बक्सर भेज दी गई है। ये कमांडो न सिर्फ अपराध पर काबू करेंगे और अपराधियों को सलाखों के पीछे करेंगे बल्कि, चुनाव से पहले भयमुक्त समाज का संदेश भी देंगे। विगत एक वर्ष के आंकड़ों पर निगाह डालें तो जिले में अपराध में काफी वृद्धि हुई है। जबकि नए साल के पहले दिन से ही प्रतिदिन जिले में हत्या और गोलीबारी के साथ लूट की वारदातों को अपराधी अंजाम दे रहे हैं। आए दिन हो रही हत्या, लूट और छिनतई जैसे अपराधों से जिलावासी दहशत के माहौल में जी रहे हैं। इधर, हाल के दिनों में एक के बाद एक कर रंगदारी की कई घटनाओं के सामने आने के बाद अपने गृह जिला बक्सर पहुंचे डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय ने इसे गंभीरता से लिया है। जिले से अपराध के साथ अपराधियों के सफाया के लिए ही विशेष रूप से यहां कमांडो दस्ता को भेजा गया है। 70 कमांडो का दस्ता न सिर्फ जिले में अपनी पैठ जमा चुका है बल्कि आने के साथ ही इसकी गतिविधियां शुरू हो गई हैं। जिसके बाद जिले के अपराधियों की अब खैर नहीं है। अब तक जिन अपराधियों से जनता को खौफ था अब वही अपराधी खुद हर पल खौफ के साए में अपनी सांस गिनेंगे। चीता कमांडो की विशेषता
चीता कमांडो दस्ता को इसकी क्षमता को देखते हुए किसी विशेष मुहिम पर ही लगाया जाता है। विशेष रूप से प्रशिक्षित चीता कमांडो के एक-एक जवान अकेले सौ लोगों पर भारी पड़ते हैं। इन्हें विषम से विषम परिस्थितियों का सहज ही सामना करने और निपटने के लिए विशेष रूप से प्रशिक्षित किया जाता है। जो अपराधियों के लिए किसी यमदूत से कम नहीं होते। और अपराधी किसी भी बिल में छिपे हो उन्हें अपने बिल से बाहर निकालकर मार देने में सक्षम होते हैं। अपराधियों की होगी गिरफ्तारी
विगत एक वर्षाें से जिले में जिस गति से अपराध में काफी वृद्धि हुई है उस रफ्तार से अपराधियों को पकड़ने में पुलिस को सफलता नहीं मिली है। ऐसे में जिले के तमाम नक्सली और दुर्दांत आपराधिक गिरोहों की सूची कमांडो दस्ता को सौंप दिया जाएगा। जिन्हें चुन-चुन कर कमांडो दस्ता के जवान गिरफ्तार कर उन्हें उनके मुकाम तक पहुंचाएंगे। इसके लिए चीता कमांडो के जवान स्थानीय पुलिस अधिकारियों से सीधे संपर्क में रहेंगे। साथ ही प्रतिदिन इनके तमाम गतिविधियों की मॉनिट¨रग पुलिस मुख्यालय से की जाएगी। घटना होने पर तुरंत होगी कार्रवाई जिले के किसी भी इलाके में अब कोई वारदात होने के बाद जिला पुलिस के साथ कदम से कदम मिलाकर कमांडो के जवान अपराध पर लगाम लगाएंगे। जिले के किसी भी क्षेत्र में कोई वारदात होते ही कमांडो दस्ता की त्वरित कार्रवाई होगी जिससे अपराधियों को बचने का कोई मौका नहीं मिलेगा। चुनाव से पहले होगा भयमुक्त समाज का निर्माण
दरअसल, जिले में चीता कमांडो भेजने के पीछे लोकसभा चुनाव भी है। अप्रैल माह में शुरू होने वाले चुनाव को लेकर इसकी पृष्ठभूमि पहले से ही भयमुक्त समाज की तैयार करने की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा। चुनाव से पहले जिले को अपराध और अपराधियों के चंगुल से मुक्त कर भय मुक्त समाज का निर्माण करना है। जिससे शांतिपूर्ण माहौल में लोक सभा चुनाव संपन्न कराया जा सके।