सूखा राहत को आए महज डेढ़ हजार आवेदन
सरकार की योजनाओं पर किसानों का विश्वास किस कदर डांवाडोल है। इसका अंदाजा सूखा राहत के प्राप्त आवेदन से लगाया जा सकता है। डुमरांव प्रखंड को सूखाग्रस्त घोषित करने के बाद किसानों से आवेदन लेने की तिथि 15 फरवरी निर्धारित की गई है।
बक्सर । सरकार की योजनाओं पर किसानों का विश्वास किस कदर डांवाडोल है। इसका अंदाजा सूखा राहत के प्राप्त आवेदन से लगाया जा सकता है। डुमरांव प्रखंड को सूखाग्रस्त घोषित करने के बाद किसानों से आवेदन लेने की तिथि 15 फरवरी निर्धारित की गई है। आवेदन प्राप्त करने की तिथि 2 दिन में समाप्त होनेवाली है। लेकिन, महज डेढ़ हजार किसान ही सूखा राहत के लिए ऑनलाइन आवेदन कर पाए हैं। जबकि, प्रखंड में रजिस्टर्ड किसानों की संख्या साढे़ आठ हजार हो चुकी है। सूखा राहत के लिए कम आवेदन प्राप्त होने से कृषि विभाग भी सकते में है। राज्य सरकार द्वारा प्रखंड को सूखाग्रस्त घोषित नहीं किए जाने पर किसानों द्वारा जमकर हो हल्ला किया जा रहा था। इसके लिए धरना-प्रदर्शन के अलावा मंत्री का घेराव और मुख्यमंत्री तक पत्राचार भी हुआ। किसानों का यह प्रयास आखिरकार रंग लाया। जब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने डुमरांव को भी सूखाग्रस्त क्षेत्र घोषित कर किसानों के जख्म पर मरहम लगाया था। सूखा राहत का मुआवजा देने के लिए किसानों को ऑनलाइन आवेदन करना है। इसके लिए रजिस्टर्ड होने के साथ ही जमीन का विवरण, खाता-खेसरा और रकबा का ब्यौरा देना है। जिसके सत्यापन के दौरान किसानों को अपने मालिकाना हक का कागजात देना होगा। इस आवेदन प्रक्रिया को खत्म होने में दो ही दिन शेष बचे हैं। लेकिन, कृषि विभाग के आंकड़े गवाह हैं कि महज डेढ़ हजार किसान ही अब तक सूखा राहत अनुदान के लिए आवेदन कर पाए। प्रखंड कृषि विभाग का कहना है सूखा राहत का अनुदान उसी किसानों को मिलेगा। जो ऑनलाइन आवेदन किए हैं। सरकार द्वारा सूखा राहत के लिए घोषित राशि ¨सचित जमीन के लिए साढ़े आठ हजार रुपया प्रति हेक्टेयर है। जबकि, अ¨सचित के लिए 68 सौ रुपये निर्धारित की गई है। कहते हैं पदाधिकारी सूखा राहत अनुदान के लिए अब तक महज डेढ़ हजार किसान ऑनलाइन आवेदन किए हैं। जबकि, प्रखंड में रजिस्टर्ड किसानों की संख्या साढ़े आठ हजार के करीब है। जिन किसानों द्वारा ऑनलाइन आवेदन किया जाएगा, उन्हीं को सूखा राहत का अनुदान मिलेगा।
- कृष्ण मोहन चौधरी, प्रखंड कृषि पदाधिकारी, डुमरांव।