सिमरी में नर्स के भरोसे प्रसूति विभाग, महिला डॉक्टर की नहीं हुई पदस्थापना
राज्य व केंद्र सरकार द्वारा स्वास्थ्य सेवा आम लोगों तक पहुंचाने के लाख दावे किए जा रहे हो।
बक्सर। राज्य व केंद्र सरकार द्वारा स्वास्थ्य सेवा आम लोगों तक पहुंचाने के लाख दावे किए जा रहे हों लेकिन, जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां करती है। हेल्थ फॉर ऑल के तहत लोगों को बुनियादी स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध नहीं होना मौजूदा हाईटेक व्यवस्था को आईना दिखाने के लिए काफी है। हालात यह है कि सरकारी स्वास्थ्य व्यवस्था की लचर स्थिति से निजी स्वास्थ्य सेवा का कारोबार तेजी फल-फूल रहा है। प्रखंड क्षेत्र के लगभग तीन लाख की आबादी की बात करें तो सरकार की व्यवस्था व उसके तमाम दावों के बीच स्वास्थ्य सेवा लोगों की पहुंच से कोसों दूर है। लापरवाह व हांफती व्यवस्था के चलते मजबूरी में लोग निजी क्लिनिक व निजी चिकित्सक की शरण में जाने को मजबूर हैं।
दैनिक जागरण ने जब प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में बहाल सेवा की पड़ताल की तो सामने स्याह तस्वीर के सिवा कुछ नहीं मिला। ग्रामीणों का कहना था कि इस पीएचसी में तीन चिकित्सकों का पद सृजित है, जिसमें एक महिला चिकित्सक का होना अनिवार्य है। मगर आज तक विभाग द्वारा इस केंद्र पर महिला चिकित्सक की तैनाती नहीं की गई। उनका फर्ज एएनएम निभा रही हैं। ऐसी स्थिति में अधिकांश प्रसूति महिलाओं का इलाज नीम-हकीमों पर आश्रित है। राम कुमार, कमलेश राय, आरएन पांडेय, अनिल पाण्डेय, निर्मल यादव की मानें तो स्थानीय सांसद सह केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री द्वारा पीएचसी प्रवास के दौरान महिला चिकित्सक तत्काल पदस्थापित कराने का आश्वासन दिया गया था। मगर क्षेत्रीय लोगों का सपना साकार नहीं हुआ।
एक्स-रे मशीन खराब
प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में लगी एक्स-रे मशीन महीनों से खराब है। लिहाजा, इसके लिए मरीजों को जिला या फिर अनुमंडल मुख्यालय का चक्कर लगाना पड़ रहा है। हालांकि, अन्य पैथोलोजिकल जांच पूर्ववत जारी है। स्वास्थ्य प्रबंधन का कहना है कि एक्स-रे मशीन खराब होने के बारे में विभागीय अधिकारियों को अवगत करा दिया गया है।
दवा का घोर अभाव
इस केंद्र पर दवा का घोर अभाव है। विभाग द्वारा बाहृ कक्ष के लिए निर्धारित 33 में से 12 एवं अन्त:कक्ष के लिए 112 में से मात्र 70 दवाएं ही उपलब्ध हैं। ऐसी स्थिति में चिकित्सकों द्वारा निर्गत पुर्जे की अधिकांश दवाइयां मरीजों को बाहर से खरीदनी पड़ रही है।
बेड की स्थिति
प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के लिए 6 बेड स्वीकृत हैं। लेकिन, मरीजों की सुविधा के लिए स्वास्थ्य प्रबंधन द्वारा अतिरिक्त चार बेड की व्यवस्था की गई है। सारे बेड सुव्यवस्थित थे। वैसे इस संबंध में जब स्वास्थ्य प्रबंधक से संपर्क किया गया तो उन्होंने कहा कि सीमित संसाधनों के बीच मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा का हमेशा ख्याल रखा जाता है।
साफ-सफाई की व्यवस्था
यह केंद्र साफ-सफाई के मामले में निश्चित तौर पर जिले का रोल मॉडल साबित हो रहा है। अस्पताल परिसर में फूलों से सजे गुलदस्तें स्वच्छता के मिशाल पेस कर रहे है। हालांकि, स्थानीय लोग इसका प्रमुख कारण स्वास्थ्य प्रबंधन की स्वच्छता के प्रति जागरूकता मान रहे हैं।
कहते हैं ग्रामीण
- तिलक राय के हाता गांव निवासी हरेन्द्र मिश्रा ने बताया कि पीएचसी में दवा की घोर किल्लत होने से मरीजों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। इस पर विभागीय अधिकारियों को ध्यान देना चाहिए।
- जितेन्द्र ¨सह का कहना था कि एंबुलेंस चालकों की मनमानी के चलते मरीजों को सरकारी स्वास्थ्य सुविधा का लाभ नहीं मिल पा रहा है।
- श्रीराम यादव ने कहा कि सरकार गांव स्तर पर गुजर-बसर करनेवालें लोगों को स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराने के लिए काफी प्रयास कर रही है। लेकिन, यहां महिला चिकित्सक नहीं होने से महिलाओं को काफी परेशानी झेलनी पड़ती है।
- भगवान प्रसाद का कहना था कि स्थानीय लोगों द्वारा अनेक बार इस केन्द्र की स्थिति सुधारने के लिए विभागीय अधिकारियों को लिखित शिकायत दी गई। मगर उन्होंने कोई कार्रवाई नहीं किया।
मेरी समझ से इस केंद्र पर महिला चिकित्सक का होना अति आवश्यक है। इसके लिए सतत प्रयास भी जारी है। हालांकि, अभी तक इसकी व्यवस्था नहीं हो पाई है।
डॉ. निर्मल कुमार ओझा, प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, सिमरी।