शहर में नो इंट्री का आदेश फेल, भारी वाहनों का प्रवेश जारी
शहर में नो एंट्री का आदेश पुलिस वालों के लिए कमाई का जरिया बन गया है। यह आदेश उन वाहन चालकों के लिए लागू नहीं है, जो अपनी जेब ढीली कर पुलिस की जेब गर्म करने को तैयार हैं।
बक्सर । शहर में नो एंट्री का आदेश पुलिस वालों के लिए कमाई का जरिया बन गया है। यह आदेश उन वाहन चालकों के लिए लागू नहीं है, जो अपनी जेब ढीली कर पुलिस की जेब गर्म करने को तैयार हैं। आए दिन शहर में लागू नो एंट्री के आदेश में पुलिसवाले कमाई करते हैं। भारी वाहन के साथ ही ट्रक वालों को शहर में घुसने की अनुमति आसानी से मिल जाती है। दीपावली की उमड़ी भारी भीड़ के बीच घुसे ट्रक बड़े खतरे का संकेत देते रहे। इस कारण गोला बाजार मोड़ पर घंटों जाम लगा रहा। जाम में फंसे लोग भी हतप्रभ थे कि शहर में सुबह आठ बजे से रात के आठ बजे तक नो एंट्री का आदेश है। बावजूद, शाम छह बजे यह ट्रक बाजार के बीच-ओ-बीच वाली सड़क पर कैसे पहुंच गया। ट्रक के साथ पुलिस वाले भी चल रहे थे तथा ट्रक को निर्बाध गति से बाहर निकालने के प्रयास में लगे थे। बाद में प्रत्यक्षदर्शी लोगों ने बताया कि ट्रक चालकों की मिलीभगत पुलिसवालों के साथ रहती है। तब उसे नो एंट्री से पार कराया जाता है। यह एक दिन की प्रक्रिया नहीं है। नो एंट्री में अगर कोई भारी वाहन लेकर सड़क पार करना चाहता है तो परेशान होने की जरूरत नहीं है। नया थाना से लेकर टेढ़की पुल तक पुलिस की मुस्तैदी है। पुलिस बड़ी आसानी से ट्रक के साथ चलते हुए उसे शहर से बाहर निकाल देती है। निकालने की शर्त बस इतनी कि पुलिस के चेहरे पर मुस्कान बनी रहे। सात वर्षों से शहर में भारी वाहनों का प्रवेश वर्जित
डुमरांव में नो इंट्री का आदेश सात वर्ष पूर्व से जारी है। इस आदेश के तहत शहर में भारी वाहन खासकर ट्रकों का प्रवेश सुबह आठ बजे से शाम के आठ बजे तक नहीं करना है। बस, सि¨लडर गाड़ी, दुग्ध वाहन, स्कूल बस जैसे भारी वाहनों का परिचालन निर्धारित गति सीमा में करने का निर्देश है। लेकिन, शहर की बेलगाम ट्रॉफिक व्यवस्था को बनाए रखने में भारी वाहनों का पूरा योगदान है। ऐसा कोई दिन नहीं जब आदेश को ठेंगा दिखा शहर में ट्रक का परिचालन न होता हो। इस परिचालन में सुरक्षा के लिए तैनात पुलिसकर्मियों का बड़ा योगदान माना जाता है। कई जगहों पर तैनात पुलिसवाले ट्रक चालकों से हाथ मिलाते ही नो इंट्री का आदेश भूल जाते हैं। गत दिनों नावानगर में ट्रक चालकों से अवैध वसूली के मामले में कई पुलिसकर्मियों पर निलंबन की गाज भी गिर चुकी है।