दशानन का बनाया वीडियो क्लीप
बक्सर । इसे विकास की परिधि से जोड़कर देखेंगे या शिक्षा की दहलीज की ओर महिलाओं के बढ़
बक्सर । इसे विकास की परिधि से जोड़कर देखेंगे या शिक्षा की दहलीज की ओर महिलाओं के बढ़ते कदम। विजयादशमी पर्व पर ऐतिहासिक किला मैदान में गुरूवार को कुछ यही देखने को मिला। जब हाथ में मोबाइल लिए कहीं की तस्वीर खींच रही थी तो कुछ महिलाएं उसकी वीडियो क्लीप बनाने में भी मशगूल दिखीं।
इस दरम्यान महिलाओं द्वारा मोबाइल के सहारे दर्शकों की भीड़ व रावण, मेघनाद के बने पुतले के ²श्य को अपने कैमरे में कैद करने की कोशिश कर रही थीं। इस जत्थे में पढ़ी-लिखी महिलाओं के अलावा वे भी शामिल थी, जिन्हें देख यह भी अनुमान लगाया जा सकता है कि शायद ही उन्होंने कभी स्कूल का मुंह देखा हो। लेकिन, इस कला में उन्हें जैसे महारत हासिल हो। इस ²श्य ने यह तो साबित कर ही दिया कि अब महिलाएं किसी भी मामले में पुरुष से पीछे रहना नहीं चाहती। मौके पर ग्रामीण बैंक के उपप्रबंधक ईश्वर चंद शर्मा इसे विकास से जोड़कर देखते हैं। उनका कहना है कि जहां मोबाइल लोगों की जरूरत बन गयी है। वहीं, इसके खर्च की भरपायी भी वे आसानी से कर ले रही हैं। अब तो बैं¨कग कार्य में भी ये अपनी क्षमताओं का सुघड़ परिचय दे रही हैं। वहीं, पंडित रणधीर ओझा व आचार्य मुक्तेश्वर शास्त्री का कहना था कि मध्यकाल में भी नारियों का राष्ट्र व मानवता के प्रति समर्पण का भाव परिलक्षित होता है। यह भी उनके आत्मविश्वास का बढ़ता हिस्सा है। जिसे शिक्षा व सुरक्षा के रूप में उनके बढ़ते विश्वास से आंका जा सकता है।