पहुंच पथ के अभाव में रेल ओवरब्रिज की आस अधूरी
चौसा बक्सर। रेल विभाग द्वारा ओवरब्रिज का निर्माण पूरा होने के बाद भी लोगों के लिए रेल ओवरब्रिज का सपना अधूरा है। हालांकि आज भी राज्य सरकार से उम्मीद है कि जल्द दोनों तरफ के पहुंच पथ पुल का निर्माण शुरू हो जाएगा। बता दें कि दानापुर मु़गलसराय रेलखंड पर चौसा के पश्चिमी रेलवे गुमटी 78बी गेट से चौसा-कोचस मार्ग पर गुजरने वाले लोगों को भारी फजीहत झेलनी पड़ती थी।
चौसा, बक्सर। रेल विभाग द्वारा ओवरब्रिज का निर्माण पूरा होने के बाद भी लोगों के लिए रेल ओवरब्रिज का सपना अधूरा है। हालांकि, आज भी राज्य सरकार से उम्मीद है कि जल्द दोनों तरफ के पहुंच पथ पुल का निर्माण शुरू हो जाएगा। बता दें कि, दानापुर मु़गलसराय रेलखंड पर चौसा के पश्चिमी रेलवे गुमटी 78बी गेट से चौसा-कोचस मार्ग पर गुजरने वाले लोगों को भारी फजीहत झेलनी पड़ती थी।
मुख्य मार्ग होने से इस मार्ग पर वाहनों के आवागमन को देखते हुए सरकार द्वारा ओवरब्रि•ा निर्माण की घोषणा की गई। कुछ दिनों के बाद 2015 में रेल विभाग द्वारा निर्माण कार्य प्रारम्भ किया गया। इसके तहत विभाग द्वारा दोनों ट्रैक के क्रॉसिग पर पाए का निर्माण कर दिया गया। इसके बाद दो वर्षो तक निर्माण एजेंसी की लापरवाही से कार्य ठप रहा। वर्ष 2018 के अंत में रेल विभाग ने दोनों पटरियों के ऊपर पुल का निर्माण कार्य पूरा कर दिया गया। अब जबकि, निर्माण के दो वर्ष बीत गए, लेकिन पहुंच पथ पुल का निर्माण शुरू नहीं हो सका। गौरतलब हो कि, रेल ओवरब्रिज का निर्माण दो पार्ट में होना है। ट्रैकों के बीच पुल का निर्माण रेल विभाग के जिम्मे था। जिसे रेलवे ने पूरा कर दिया। अब पहुंच पथ पुल का निर्माण राज्य सरकार के पथ निर्माण विभाग द्वारा किया जाना है।
- अतिव्यस्तम सड़क को देख शुरू हुआ ओवरब्रि•ा निर्माण बक्सर-कोचस और चौसा-मोहनिया मार्ग पर जाने के लिए वाहनों को पश्चिमी गुमटी 78बी गेट से होकर ही गुजरना पड़ता है। चौसा स्टेट हाईवे अति व्यस्त सड़क है। जिस पर वाहनों का आवागमन बना रहता है। वहीं, दानापुर-मु़गलसराय रेलखण्ड पर ट्रेनों की अधिक संख्या होने से ट्रेनों का आवागमन लगा रहता है। जिससे हमेशा रेलवे फाटक गिरे रहने से वाहनों का जाम लग जाता है। इससे दूर-दराज से लेकर इलाकाई लोगों को भी फजीहत झेलनी पड़ती है। लोगों का कहना है कि पहले तो निर्माण का इंतजार था। अब निर्माण पूरा हो गया तो अब राज्य सरकार की उपेक्षा से मामला अधूरा पड़ा है।