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मकर सक्रांति महापर्व में श्रद्धालुओं की आस्था के आगे ठंड नतमस्तक

बक्सर स्नान-दान और अक्षय-पुण्य का महापर्व मकर-संक्रांति पर गुरुवार को पौराणिक स्थल रामरेख

By JagranEdited By: Published: Thu, 14 Jan 2021 04:45 PM (IST)Updated: Thu, 14 Jan 2021 05:56 PM (IST)
मकर सक्रांति महापर्व में श्रद्धालुओं की आस्था के आगे ठंड नतमस्तक
मकर सक्रांति महापर्व में श्रद्धालुओं की आस्था के आगे ठंड नतमस्तक

बक्सर : स्नान-दान और अक्षय-पुण्य का महापर्व मकर-संक्रांति पर गुरुवार को पौराणिक स्थल रामरेखाघाट पर स्नानार्थियों की अपार भीड़ उमड़ी हुई थी। खास बात तो यह थी कि मौसम का न्यूनतम टेंपरेचर 5.8 डिग्री सेल्सियस पर रहने के बावजूद श्रद्धालुओं की आस्था के आगे ठंड भी नतमस्तक होते दिखा। गंगा घाटों पर स्नानार्थियों की भीड़ अल सुबह से ही जुटी हुई थी। जहां पूरे मनोभाव से भक्तों ने पाप नष्ट को उत्तरायण व मोक्षदायनी मां गंगा के पवित्र जल में डुबकी लगाई। वहीं, यथासंभव चावल, गुड़, तिल, द्रव्य आदि का दान किए।

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इसके साथ ही एक महीने चला खरमास भी आज समाप्त हो गया। मनीषियों के मुताबिक अब सभी शुभ कार्य सम्पन्न हो सकेंगे। परंतु, शादी-ब्याह, उपनयन, मुंडन संस्कार आदि शुभ मुहूर्त की तिथियां फिलहाल नहीं होने के कारण अभी इंतजार करना होगा। इधर, मकर संक्रांति का पुण्यकाल पूरे दिन होने से सड़कों पर चहल-पहल अपराह्न तक बनी रही। दूरदराज से पहुंचे श्रद्धालुओं का कारवां अपने निजी वाहनों से पहुंचा हुआ था। जिन्होंने अपने वाहन को किला मैदान में जगह नहीं होने के कारण चरित्रवन रोड व स्टेशन रोड के सड़क किनारे खड़े किए हुए थे। वाहनों के बढ़े बोझ तले मॉडल थाना निकट खड़ी ट्रैफिक पुलिस के जवान जाम को हटाने को लेकर मशक्कत करते भी दिखे। इस दौरान पुलिस रामरेखाघाट पथ की ओर चार चक्के वाहनों के प्रवेश पर रोक लगाए हुई थी। घाट पर भी पुलिस की टुकड़ियां नजर आईं। - देवालयों में दर्शन पूजन कर किया दान पुण्य पौराणिक रामरेखाघाट पर गंगा स्नान को सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों से काफी संख्या में श्रद्धालु भक्त पहुंचे हुए थे। जिन्होंने गंगा स्नान करके समीप के देवालयों में जाकर देवी-देवताओं की विधि भाव से पूजा-अर्चना की। इसके बाद घाट के पंडितों व दरिद्रों को श्रद्धा भाव से काले तिल, चावल, ऊनी वस्त्र, गुड़, आंवला, घी और मौसमी फलों का उनके बीच दान किया। वहीं, कइयों ने घाट समीप ही प्रसाद के रूप में घर से साथ में लाए दही-चूड़ा का पारण किया। - आर्य समाज ने निरीहों को दी कम्बल की गर्मी संक्रांति के दिन निरीह व दिव्यांजनों के बीच आर्य समाजियों ने कम्बल वितरित किए। इस दौरान समाज के संरक्षक सुरेंद्रनाथ जायसवाल एवं वरिष्ठ अधिवक्ता रामेश्वर प्रसाद वर्मा ने संयुक्त रूप से कंबल प्रदान किया। वितरण का कार्य आर्य समाज मंदिर परिसर में किया गया। जहां तकरीबन दो सौ असहायों के बीच इस ठंड में कंबल की गर्मी पहुचाई गई। वहीं, लोगों ने इस बढ़ी ठंड में उदार दान की उन्मुक्त कंठ से प्रशंसा की। - फुटपाथी दुकानदारों की भी रही बल्ले-बल्ले इससे पूर्व कोरोना संक्रमण को लेकर घाटों पर तिर्थाटकों की भीड़ कम जुट रही थी। जिसका असर फुटपाथी दुकानदारों पर भी पड़ा। यह पहला मौका था जब मकर संक्रांति पर स्नानार्थियों की भीड़ अधिक तायदाद में जुटी। शहर के राम प्रबोध चौबे, सुरेंद्र सिंह, विजय चौधरी आदि की माने तो कई वर्षों बाद मकर संक्रांति के अवसर पर धर्मावलंबियों की इतनी अधिक भीड़ जुटी देखने को मिली है। इसके कारण फुटफाथी दुकानदारों की भी बल्ले-बल्ले रही। इंसर्ट., - स्नानार्थियों की भगवान इंद्रदेव ने ली कड़ी परीक्षा बादलों की ओट में सूर्यदेव के छिपे रहने से गुरुवार को ठंड काफी थी, जैसे कि इंद्रदेव भी आस्थावानों की कड़ी परीक्षा लेने को आतुर हो। कृषि विज्ञान केंद्र के अनुसार सुबह में मौसम का न्यूनतम टेंपरेचर भी 5.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। इसके बावजूद, स्नानार्थियों कि आस्था को इंद्रदेव नहीं डिगा सके। आचार्यों के मुताबिक मकर-संक्रांति का समय दोपहर 2 बजकर 3 मिनट का था। खास बात तो यह है कि इस दौरान जब सूर्य धनु राशि का त्याग कर मकर राशि में प्रवेश किए तब सूर्यदेव भी बादलों की ओट से झांकते हुए दिखे। यह अलग बात है कि धरा पर पड़ती ताप की किरणें ठंड की असर को कोई खास राहत देते नहीं दिखीं। इधर, मकर संक्रांति के मौके पर गंगा के पवित्र जल में स्नान करते समय कई श्रद्धालु माधौ नारायणं अचुयतं केशवं., का जप लगा रहे थे। वहीं, पवित्र मन से गंगाजल का भगवान भास्कर को आचमन किए। घाट पर पहुंचने वाले श्रद्धालुओं में महिलाओं की संख्या अधिक थी।


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