मनरेगा में गबन के आरोप में पीओ और मुखिया पर प्राथमिकी
बक्सर। प्रखंड के गहौना पंचायत में मनरेगा योजना के नाम पर लाखों रुपये गबन करने के आरोप में ब्रह्मपुर के तत्कालीन कार्यक्रम पदाधिकारी सहायक अभियंता तथा मुखिया सहित आठ लोगों के विरुद्ध थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई गई है। जिलाधिकारी राघवेंद्र सिंह द्वारा पहले ही सभी आरोपितों से रुपया वसूल करने का आदेश दिया गया था। लेकिन रुपया जमा नहीं करने पर डीएम के आदेश पर कार्यक्रम पदाधिकारी संजय कुमार द्वारा प्राथमिकी दर्ज कराई गई है।
बक्सर। प्रखंड के गहौना पंचायत में मनरेगा योजना के नाम पर लाखों रुपये गबन करने के आरोप में ब्रह्मपुर के तत्कालीन कार्यक्रम पदाधिकारी, सहायक अभियंता तथा मुखिया सहित आठ लोगों के विरुद्ध थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई गई है। जिलाधिकारी राघवेंद्र सिंह द्वारा पहले ही सभी आरोपितों से रुपया वसूल करने का आदेश दिया गया था। लेकिन, रुपया जमा नहीं करने पर डीएम के आदेश पर कार्यक्रम पदाधिकारी संजय कुमार द्वारा प्राथमिकी दर्ज कराई गई है।
जिलाधिकारी के आदेश के बाद योजनाओं में भ्रष्टाचार तथा अनियमितता करनेवाले लोगों में हड़कंप मचा है। बताया जाता है कि गहौना पंचायत की कुल 11 योजनाओं में आधा-अधूरा काम करा विभागीय अधिकारियों तथा पंचायत प्रतिनिधि द्वारा लाखों रुपये का बंदरबांट कर लिया गया। इसकी शिकायत मिलने के बाद जिलाधिकारी द्वारा अधिकारियों की एक टीम गठित कर पूरे मामले की जांच कराई गई। जांच में कुल 11 लाख 23 हजार 214 रुपये गबन करने का मामला उजागर हुआ। इस जांच रिपोर्ट के बाद जिलाधिकारी ने मनरेगा के अधिकारियों, कर्मचारियों तथा मुखिया से रुपया वसूल करने का आदेश दिया। गबन किए गए कुल राशि सात बराबर भागों में बांटकर प्रति व्यक्ति एक लाख 60 हजार 459 रुपया वसूल करने का आदेश दिया गया। साथ ही, सभी से स्पष्टीकरण की मांग भी की गई। लेकिन, जिलाधिकारी के आदेश की धज्जियां उड़ा दी गई। दूसरी ओर, स्पष्टीकरण के जवाब में कार्यक्रम पदाधिकारी बराबर भागों में बांट कर प्रति व्यक्ति एक लाख 40 हजार 402 रुपया वसूल करने के लिए मनरेगा के छह अधिकारियों और कर्मचारियों मुखिया तथा आरोप लगानेवाले विनय कुमार दुबे को भी नोटिस भेजा गया। बावजूद, किसी ने रुपया जमा नहीं किया। जिलाधिकारी के आदेश के बाद भी योजना में अनियमितता और भ्रष्टाचार के मामले में कोई कार्रवाई नहीं हुई तो मामला ग्रामीण विकास विभाग के सचिव के पास पहुंच गया। इसके बाद पूरे मामले की सुनवाई करने के बाद सचिव ने भ्रष्टाचार के सभी आरोपितों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया। इसके बाद डीएम के आदेश पर प्राथमिकी दर्ज कराई गई। डीएम ने रुपया वसूल करने के लिए सर्टिफिकेट केस भी दायर करने का आदेश कार्यक्रम पदाधिकारी को दिया है। प्रभारी थानाध्यक्ष रंजीत कुमार सिन्हा ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि मामले को दर्ज कर जांच-पड़ताल शुरू कर दी गई है। - घोटालेबाज अधिकारियों तथा कर्मचारियों पर गिरी गाज
मनरेगा योजना में लाखों रुपये गबन करने के मामले में अधिकारी से लेकर कर्मचारी तक शामिल हैं। इस मामले में तत्कालीन कार्यक्रम पदाधिकारी अजय कुमार जिला ग्रामीण विकास अभिकरण बक्सर, धीरेंद्र कुमार सिंह, सहायक अभियंता, संप्रति मुख्य अभियंता कार्यालय जल संसाधन विभाग गया, रजनीश कुमार कनीय अभियंता संप्रति मनरेगा कार्यालय बक्सर, धान जी सिंह तकनीकी सहायक मनरेगा कार्यालय चौसा, माया कुमारी लेखापाल संप्रति मनरेगा कार्यालय इटाढ़ी, इंद्रजीत प्रसाद पंचायत रोजगार सेवक संप्रति रसेन पंचायत राजपुर 36 मनरेगा के अधिकारियों तथा कर्मचारियों के अलावा गहौना पंचायत की मुखिया अमरावती देवी तथा शिकायतकर्ता विनय कुमार दुबे के विरुद्ध नामजद प्राथमिकी दर्ज कराई गई है।