डीपीओ ने माना वित्तीय प्रभार नहीं देने पर हुई गड़बड़ी
राशि के अभाव में पिछले तीन-चार माह से बेपटरी हुए कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय में लापरवाही और अनियमितता का मामला तूल पकड़ते जा रहा है। इस गंभीर मामले में राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी ने जिला कार्यक्रम पदा. को पत्र भेजकर अविलंब जांच प्रतिवेदन की मांग करते हुए दोषियों पर कार्रवाई की बात कही है।
बक्सर । राशि के अभाव में पिछले तीन-चार माह से बेपटरी हुए कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय में लापरवाही और अनियमितता का मामला तूल पकड़ते जा रहा है। इस गंभीर मामले में राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी ने जिला कार्यक्रम पदा. को पत्र भेजकर अविलंब जांच प्रतिवेदन की मांग करते हुए दोषियों पर कार्रवाई की बात कही है। इसको लेकर शिक्षा विभाग में खलबली मची हुई है।
राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी द्वारा भेजे गए पत्र में दर्शाया गया है कि कोरानसराय में संचालित कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय के संचालन में जिलास्तरीय कार्यालय की असंवेदनशीलता परिलक्षित होती है। मामले की जांच कराते हुए दोषी कर्मियों के विरुद्ध यथोचित कार्रवाई करते हुए अविलंब राज्य कार्यालय को प्रतिवेदन प्रस्तुत करने की बात कही गई है। अब विभाग द्वारा सिस्टम को पटरी पर लाने की पहल शुरू हुई हैं। जागरण की खबर पर राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी ने संज्ञान लिया तो विभाग में खलबली मच गई। कई माह तक इस मामले में चुप्पी साधे डुमरांव के प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी विजय कुमार आननफानन में स्कूल के वित्तीय प्रभार का हस्तांतरण वरीय शिक्षक को सौंपा गया। तेजी से चली कार्रवाई के बाद चार रोज पहले विद्यालय के वित्तीय प्रभार पर कुंडली मारकर बैठे म.वि. कोरानसराय के एचएम से वित्तीय प्रभार छीनकर वित्तीय प्रभार वरीय शिक्षक नंदलाल को सौंपा गया। यहीं नहीं, इस मामले में विभाग द्वारा लटकाए गए चार माह से पैसा भी खाते में आने की बात बीईओ द्वारा कही जा रही है। हालांकि, पिछले कई दिनों से यहां चल रहे गड़बड़झाला और संसाधनों की कमी के कारण घर गई ज्यादातर छात्राएं अभी तक यहां नहीं पहुंची हैं। सनद रहे कि इस मामले को दैनिक जागरण द्वारा गंभीरता के साथ उठाए जाने के बाद राज्यस्तरीय अधिकारियों द्वारा संज्ञान लिए जाने के बाद पूरे विभाग में हड़कंप का माहौल है। स्टेट लेबल पर लिए गए एक्शन के बाद सिस्टम के साथ खिलवाड़ करनेवाले अधिकारियों एवं कर्मियों पर गाज गिरना तय माना जा रहा है।
इस मामले में प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी, कस्तूरबा गांधी विद्यालय की वार्डेन बीना राय एवं प्रधानाध्यापक छोटेलाल गोंड़ सहित कई लोगों से स्पष्टीकरण की मांग की गई है। खाता में पैसा रहते हुए भी वित्तीय प्रभार हस्तांतरित नहीं करने को लेकर यहां छात्राओं को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा। राज्यस्तरीय अधिकारियों के निर्देश पर जांच प्रतिवेदन सौंप दिया गया है। मामले में दोषियों पर गाज गिरना तय है।
- राजेन्द्र प्रसाद (डीपीओ सर्वशिक्षा अभियान, बक्सर)।