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कोरोना काल में पिपरामेंट की खेती से किसान रहेंगे कूल

बक्सर टेलीविजन पर एक कंपनी के प्रचार में महानायक अमिताभ बच्चन मेंथा तेल के विज्ञापन में कहत

By JagranEdited By: Published: Thu, 07 May 2020 06:06 PM (IST)Updated: Sat, 09 May 2020 06:08 AM (IST)
कोरोना काल में पिपरामेंट की खेती से किसान रहेंगे कूल
कोरोना काल में पिपरामेंट की खेती से किसान रहेंगे कूल

बक्सर : टेलीविजन पर एक कंपनी के प्रचार में महानायक अमिताभ बच्चन मेंथा तेल के विज्ञापन में कहते हैं टेंसन जाओगे भूल, जब लगाओगे ठंडा-ठंडा कूल-कूल। जिले में इटाढ़ी, नावानगर, चौंगाई और केसठ प्रखंड में मेंथा की खेती करने वालों के लिए महानायक की बात सत्य साबित होने वाली है। कोरोना और मौसम के कहर से जहां अन्य फसलें तबाह हो रही हैं, वहीं पिपरामेंट की इस बार अच्छी पैदावार हुई है। ऐसे में प्रति बीघा 12 हजार रुपये खर्च कर मेंथा की खेती करने वाले किसान इसका तेल बेच 64 हजार रुपये तक हासिल करने की उम्मीद लगा रहे हैं।

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जिले में लगभग 12 हजार एकड़ भूमि पर पिछले कुछ वर्षों से मेंथा की खेती हो रही है। इसमें लागत के अनुरूप किसानों को अधिक बचत होती है। किसानों के मुताबिक फरवरी महीने में मेंथा की रोपनी खेतों में कर दी गई थी। इसकी खेती में पानी ज्यादा लगता है। संयोग है कि इस बार हर कुछ दिनों के अंतराल पर बारिश हो रही है और खेत में नमी बनी हुई है। जिससे इस वर्ष बेहतर उत्पादन होने का अनुमान लगाया जा रहा है। कृषि विज्ञान केंद्र के विशेषज्ञ डॉ.देवकरण के मुताबिक मेंथा की खेती में अप्रैल से जून महीना तक प्रत्येक सप्ताह पटवन करना जरूरी होता है। वहीं, खेतों में उगे खर-पतवार नाशक रसायन का उपयोग जरूरी है। बसांव खुर्द के किसान संतोष कुमार ओझा ने बताया कि मेंथा की खेती में मेहनत अधिक है। गर्मी और तेज धूप के कारण पानी की अधिक जरूरत होती है। इस बार मौसम साथ दे रहा है। वहीं, कृषि विभाग द्वारा मेंथा की खेती को बढ़ावा देने के लिए अनुदान राशि भी दी जा रही है।

बाजार खुलने पर किसानों को अच्छी आमद की उम्मीद

जिले के डाफाडीह, हरोजा, परमेश्वरपुर, कुरमनपुर, अतिमी, जितवाडीह और रूपसागर आदि गांवों में कई किसान पिछले दो-तीन वर्षों से मेंथा की खेती से जुड़े हैं। किसान शिवनारायण यादव का कहना है कि फसल तैयार होने के बाद पौधे को जड़ के पास से काटकर बॉयलर में उसे पानी के साथ खौलाया जाता है। इसी दौरान भाप बनकर तेल निकलता है, जिसे अलग से संग्रह किया जाता है। किसान ने बताया कि प्रति बीघा इस बार 40 से 45 लीटर मेंथा ऑयल के उत्पादन की उम्मीद है। पिछले बार जिले में मेंथा तेल की ट्रेडिग 16 सौ से दो हजार रुपये प्रति लीटर हुई थी। उस हिसाब से इस बार भी इसकी खेती अच्छा मुनाफा देगी।


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