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गेहूं की पैदावार से किसान हैं खुश

¨हदू नववर्ष को खेती के लिए भी नया साल माला जाता है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 30 Mar 2017 03:04 AM (IST)Updated: Thu, 30 Mar 2017 03:04 AM (IST)
गेहूं की पैदावार से किसान हैं खुश
गेहूं की पैदावार से किसान हैं खुश

बक्सर। ¨हदू नववर्ष को खेती के लिए भी नया साल माला जाता है। चैत्र में गेहूं की कटाई के साथ ही खेती का एक साल का सत्र पूरा होता है और किसान खरीफ से साल के नए सत्र की तैयारियों में जुटते हैं। बीते साल फसलों की हुई अच्छी पैदावार ने किसानों की उम्मीदों को जगाया है। धान के बाद गेहूं की खेती ने किसानों का साथ दिया है। दलहन और तेलहन की रिकार्ड उत्पादन ने कृषि घाटे को कम किया है।

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मौसम से मिले साथ से कृषि लागत खर्च में कमी आई है। नए वर्ष में भी किसान प्रकृति से मेहरबानी की उम्मीद लगाए हैं। घाटे का सौदा साबित होने वाली खेती किसानों के लिए फायदेमंद साबित होगी।

गेहूं की अच्छी पैदावार से जगी उम्मीद

लंबे समय के बाद इस वर्ष धन की खेती ने किसानों को उम्मीद के अनुरूप उत्पादन दिया। समय-समय पर हुई बरसात से खेतों की ¨सचाई की समस्या दूर हुई। उसके बाद भी प्रकृति ने किसानों का साथ दिया। अब तक खेती किसानों के लिए वरदान बनी है। दलहन और तेलहन की खेती ने किसानों का भरपूर साथ दिया है। बेहतर उत्पादन का संकेत गेहूं के फसल से हैं। गेहूं की फसल कटने में अभी एक पखवारे की देर है। किसान फसल कटाई की तैयारी में लग गए हैं।

लक्ष्य के अनुरूप हुई बोवाई

बेहतर उत्पादन ने किसानों में आशा का संचार किया है। इस कारण इस वर्ष किसानों ने सरकारी स्तर पर निर्धारित लक्ष्य के अनुरूप खेतों की बोवाई की है। इस वर्ष गेहूं की बोवाई 9400 हेक्टेयर भूमि पर की गई है। सरसों की खेती 169 हेक्टेयर, चना 550 हेक्टेयर, मंसूर 1150 हेक्टेयर, मटर 80 हेक्टेयर, दलहन 800 हेक्टेयर तथा मक्का 183 हेक्टेयर भूमि पर निर्धारित लक्ष्य के अनुरूप बोवाई की गई है।

नए वर्ष में खेती की बढ़ी संभावनाएं

हिन्दू नव वर्ष से भी खेती की संभावनाएं कम नहीं हुई है। कारण की मौसम का साथ तथा सरकारी तत्परता बनी हुई है। वर्तमान में सरकारी स्तर पर मूंग बीजों का वितरण अनुदानित दर पर किया जा रहा है। प्रखंड के नया भोजपुर में खुले कृषि मॉल से भी किसानों को इस वर्ष भरपूर लाभ मिलने की उम्मीद की जा रही है। खेती में आधुनिक तकनीक के इस्तेमाल से आशा है कि एक तरफ खेती से पैदावार बढ़ेगा तो दूसरी तरफ लागत खर्च में कमी आएगी। मुनाफा किसानों की झोली में जाएगा। विभाग अभी से ही किसान सलाहकार तथा कृषि समन्वयकों के साथ बैठक कर अगले वर्ष के खेती की रणनीति तैयार करने में लगे हैं।

कहते हैं पदाधिकारी

इस वर्ष सभी फसलों की बोवाई सरकारी लक्ष्य के अनुरूप हुआ है। धान के बाद दलहन और तेलहन की खेती से संतोषजनक उत्पादन हुआ है। गेहूं से भी बेहतर पैदावार के संकेत मिले हैं। इस कारण किसानों का रुझान खेती कार्यो के प्रति बढ़ा है।

शौकत हुसैन, प्रखंड कृषि पदाधिकारी, डुमरांव।


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