ठप हो सकती है ढकाइच एसएस से बिजली आपूर्ति
छोटका ढकाइच स्थित पॉवर सब स्टेशन इस कदर बदहाल है कि किसी भी वक्त यहां से बिजली की सप्लाई ठप हो सकती है। जिससे गर्मी के इस मौसम में दो दर्जन से अधिक गांवों में अंधेरा पसर जाएगा।
बक्सर । छोटका ढकाइच स्थित पॉवर सब स्टेशन इस कदर बदहाल है कि किसी भी वक्त यहां से बिजली की सप्लाई ठप हो सकती है। जिससे गर्मी के इस मौसम में दो दर्जन से अधिक गांवों में अंधेरा पसर जाएगा। यह नौबत बिजली कंपनी के पदाधिकारियों के उदासीनता से आई है। 2012 में स्थापित इस सब-स्टेशन का वर्तमान लोड तीन मेगा वाट से अधिक है। यहां पांच एमवीए के दो ट्रांसफार्मर लगाए गए हैं। लेकिन, दो में से एक ट्रांसफार्मर 28 अक्टूबर 2016 से ही जला पड़ा है।
फिलहाल एक ही ट्रांसफार्मर से विद्युत सप्लाई की जा रही है। इस सब-स्टेशन का ब्रेकर भी लंबे समय से खराब है। सब स्टेशन का संचालन ऑटोमेटिक के बजाय मैनुअल किया जाता है। यहां का अर्थिंग और ट्रेंच भी खराब पड़ा है। सब-स्टेशन का निर्माण श्याम पावर कंस्ट्रक्शन द्वारा किया गया था। जो बेहद ही घटिया के तरीके से किया गया है। यार्ड में गिट्टी नहीं डाले जाने से जगह-जगह घास का जंगल लगा हुआ है। जिससे हर समय दुर्घटना का खतरा बना रहता है। सब स्टेशन का बसवार भी जर्जर है। श्याम कंस्ट्रक्शन कंपनी द्वारा आधा अधूरा काम ही किया गया। वहीं, सब-स्टेशन का शौचालय इस कदर जर्जर है कि कोई घुसने का हिम्मत न करता है। खतरे से खेलते हैं बिजली कर्मी ढकाइच स्थित पॉवर सब स्टेशन की स्थिति इस कदर खराब है कि कर्मियों को हर समय जान हथेली पर रखकर काम करना पड़ता है। इसके संचालन के लिए 8 कर्मी होने चाहिए। लेकिन, यहां चार कर्मी ही मौजूद हैं। जिसमें एक सरकारी तो तीन अनुबंध पर बहाल कर्मी है। पॉवर सब स्टेशन का अग्निशमन यंत्र पिछले कई वर्षों से बेकार पड़ा है। जरूरत के अनुरूप पांच अग्निशमन यंत्र चाहिए। लेकिन, तीन ही हैं, जिसमें गैस भी नहीं है। कर्मियों को जान हथेली पर रखकर घास और जंगल में घुसकर काम करना पड़ता है। लोड अधिक होने से बार-बार बिजली सप्लाई ट्रिप करने की शिकायत मिलती है। दो दर्जन गांव है सब स्टेशन के दायरे में ढकाइच सब-स्टेशन के दायरे में दो पिलर है, एक ढाकाइच तो दूसरा डीके कॉलेज फीडर। इसके अंदर दो दर्जन से अधिक गांव हैं। जिसमें बड़का ढकाइच, लेवाड़, नया भोजपुर, हथेलीपुर, मठिया, बड़का सिंहनपुरा, डुमरी, हरखाही मठिया, डीके कॉलेज, रेलवे लाइन तक रामपुर मठिया, काजीपुर, चकनी, रामधनपुर, दुरासन, बैदा, चौकिया आदि जैसे गांव शामिल हैं। कर्मियों का कहना है कि बिजली ट्रिप करने की शिकायत बहुत ज्यादा मिलती है। जिस कारण हर समय तत्पर रहना पड़ता है।
कहते हैं पदाधिकारी जले हुए ट्रांसफार्मर को बदलने के लिए कागजी प्रक्रिया चल रही है। नए ट्रांसफार्मर की डिमांड की गई है। सब-स्टेशन की बदहाली को दूर करने के लिए प्राक्कलन का निर्माण किया जा रहा है। उपभोक्ताओं को निर्बाध गति से बिजली मिलती रहेगी।
- संदीप कुमार, सहायक अभियंता, बिजली बोर्ड, डुमरांव।