जब राम ने छोड़ा अग्निबाण धू-धू कर जला अहंकारी रावण
जिले भर में अधर्म पर धर्म की विजय का उत्सव विजयदशमी धूमधाम से मनाया गया। इस मौके पर मंगलवार को किला मैदान में प्रभु श्रीराम और रावण की सेना के बीच युद्ध हुआ और जैसे ही राम का अग्निबाण अहंकारी रावण की नाभि कमल में लगा दशानन का शरीर छिन्न-भिन्न होकर जमीन पर गिर पड़ा। रावण की सेना में हाहाकार मच गया और थोड़ी ही देर में जिले के सभी स्थानों पर रावण कुंभकर्ण और मेघनाथ के पुतले धू-धू कर जल उठे। चारों ओर जय श्रीराम-जय श्रीराम की जय-जयकार होने लगी।
बक्सर । जिले भर में अधर्म पर धर्म की विजय का उत्सव विजयदशमी धूमधाम से मनाया गया। इस मौके पर मंगलवार को किला मैदान में प्रभु श्रीराम और रावण की सेना के बीच युद्ध हुआ और जैसे ही राम का अग्निबाण अहंकारी रावण की नाभि कमल में लगा, दशानन का शरीर छिन्न-भिन्न होकर जमीन पर गिर पड़ा। रावण की सेना में हाहाकार मच गया और थोड़ी ही देर में जिले के सभी स्थानों पर रावण, कुंभकर्ण और मेघनाथ के पुतले धू-धू कर जल उठे। चारों ओर जय श्रीराम-जय श्रीराम की जय-जयकार होने लगी।
इससे पूर्व किला मैदान के रामलीला मंच पर अपराह्न 3 बजकर 5 मिनट पर शुरू हुई लीला प्रसंग में दिखाया गया कि जब कुम्भकरण वध की सूचना रावण को मिलती है तो वह सेनापतियों को ललकारते हुए युद्ध के लिए प्रस्थान करता है। दोनों तरफ से घनघोर संग्राम होता है। राक्षसी सेना हारने लगती है और भयभीत होकर रावण के पास आती है। तब रावण स्वयं अस्त्र-शस्त्र लेकर रणभूमि में पहुंच श्रीराम के सामने आकर डट जाता है। दोनों बीच वाक युद्ध होता है, माहौल गर्म होता है और देखते ही देखते दोनों तरफ से वाणों की वर्षा होने लगती है। अंत में विभीषण, रावण के नाभि में अमृत का रहस्य बताते है। तब एक साथ 31 वाण रावण पर लक्ष्य कर श्रीराम चलाते हैं, जो उसके नाभि कमल पर लगता है और अहंकारी रावण धरासायी हो जाता है। वहीं, प्राचीर किले में 45 फूट का विशालकाय रावण का पुतला कलात्मक आतिशबाजी के साथ धू-धू कर जल उठता है और क्षण भर में खाक हो जाता है। इसके 7 मिनट पूर्व 5.43 बजे 40 फूट ऊंचा मेघनाथ का पुतला पटाखों के कर्कश ध्वनि बीच दहन होता है। दर्शकों से खचाखच भरा था किला मैदान रावण वध कार्यक्रम को देखने हेतु दर्शकों से पूरा किला मैदान खचाखच भरा हुआ था। मैदान सहित स्टेडियम की तीनों तरफ की सीढि़यां दूर-दूर से आए श्रद्धालुओं से पटी हुई थीं। कार्यक्रम को सफल बनाने हेतु मैदान पर उमड़ा जिला प्रशासन का काफिला भी किसी भी अनहोनी न होने देने को बारीकी से इसकी निगरानी कर रहा था बल्कि, ऐसा प्रतीत हो रहा था जैसे पूरा जिला किला मैदान में उमड़ आया हो। मैदान में सांसद सह केंद्रीय परिवार कल्याण राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे, सदर विधायक संजय कुमार तिवारी, जिला पदाधिकारी राघवेंद्र सिंह, आरक्षी अधीक्षक उपेंद्र वर्मा, अनुमंडलाधिकारी केके उपाध्याय, आरक्षी उपाधीक्षक सतीश कुमार सहित जिले के अन्य पदाधिकारी मौजूद थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता श्री रामलीला समिति के कार्यकारी अध्यक्ष रामावतार पांडेय, संचालन बैकुंठनाथ शर्मा व धन्यवाद ज्ञापन सुरेश संगम एवं हरिशंकर गुप्ता ने संयुक्त रूप से किया। मेले में जमकर हुई खरीदारी विजयोत्सव पर्व पर शहर में दर्जनों मां दुर्गा की प्रतिमाएं स्थापित की गई थीं। इस दौरान पूजा पंडाल की विभिन्न समितियों द्वारा पूर्ति की रूप सज्जा से लेकर पंडाल को आकर्षक रूप दिए हुए थे। इस कारण रावण वध समापन के बाद दर्शकों का हुजूम उस ओर टूट पड़ा। भीड़ को कंट्रोल करने को लेकर जगह-जगह प्रशासन की ओर से पुलिस बल तैनात किए गए थे। जहां, उन्हें काफी मशक्कत करनी पड़ी। हालांकि, महोत्सव में शरीक श्रद्धालु महिलाओं ने जहां बाजार में मन पसंद जहां सामानों की जमकर खरीदारी की। वहीं, बच्चों समेत चाट पकौड़ी का आनंद लिया। मेले में जहां पुलिसकर्मी सादे कपड़ों में भी मुस्तैद थे। वहीं, महिला पुलिसकर्मियों द्वारा भी मनचलों पर कड़ी नजर रखी जा रही थी। जबकि इधर रावण दहन के दौरान फायर ब्रिगेड की गाड़ियां भी मुस्तैद रहीं। बावजूद इसके, कुछेक छिटपुट घटनाएं होते रहीं। वाच टॉवर से की जा रही थी निगहबानी कार्यक्रम में उमड़ने वाली भीड़ के मद्देनजर विधि व्यवस्था को कायम रखने को पुलिस द्वारा सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे। इसके लिए किला मैदान में वॉच टावर बनाए गए थे। जिस पर मौजूद पुलिस बल के जवान और अधिकारी किला मैदान में मौजूद लाखों की भीड़ पर एक साथ नजर गड़ाए बैठे थे। पुलिस बल के जवानों की पैनी नजर एक-एक आदमी की हरकतों का अध्ययन करते नजर आ रही थी। वहीं, दूसरी ओर विशाल भीड़ में मौजूद हर एक व्यक्ति की तमाम हरकतों पर सीसीटीवी कैमरे की नजर लगी हुई थी। जो हर व्यक्ति की एक-एक हरकतों को रिकॉर्ड कर रही थी।