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विदेश कमाने गए व्यक्ति की मौत, सदमे में परिजन

बक्सर। प्रखंड के कोरानसराय थाना अंतर्गत मोतीसाबाद गांव के एक व्यक्ति की विदेश में मौत हो गई है। विदेश में हुई मौत की खबर से सदमे में डूबे परिजन शव को विदेश से लाने की प्रक्रिया को लेकर परेशान हैं। हर आने-जाने वालों से घरवाले शव लाने में मदद की गुहार लगा रहे हैं। घर के एकमात्र कमाऊ पुत्र के निधन की खबर ने परिजनों की कमर तोड़ दी है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 06 Oct 2019 06:31 PM (IST)Updated: Sun, 06 Oct 2019 06:31 PM (IST)
विदेश कमाने गए व्यक्ति की मौत, सदमे में परिजन

बक्सर। प्रखंड के कोरानसराय थाना अंतर्गत मोतीसाबाद गांव के एक व्यक्ति की विदेश में मौत हो गई है। विदेश में हुई मौत की खबर से सदमे में डूबे परिजन शव को विदेश से लाने की प्रक्रिया को लेकर परेशान हैं। हर आने-जाने वालों से घरवाले शव लाने में मदद की गुहार लगा रहे हैं। घर के एकमात्र कमाऊ पुत्र के निधन की खबर ने परिजनों की कमर तोड़ दी है। बताया जाता है कि मोतीसाबाद गांव निवासी बंशीधर प्रसाद बिद का पुत्र दुदुल प्रसाद पिछले 3 वर्षों से दुबई में काम कर अपने परिवार का भरण-पोषण करता था। एक साल पूर्व वह फिर से रोजी-रोटी के लिए विदेश गया था। घरवालों का कहना है कि लाइफ लाइन कंपनी के माध्यम से वह फिर से दुबई गए थे तथा दुबई स्थित एक मॉल में काम कर अपने परिवार का पेट भरते थे। हालांकि, दुदुल की मौत दुबई में किस वजह से हुई। इसकी सही जानकारी अभी नहीं मिल पाई है। लेकिन, कंपनी और उनके दोस्त-मित्रों से दूरभाष पर मिली जानकारी में यह तय हो चुका है कि दुदुल अब इस दुनिया में नहीं है तथा उसका परिवार अनाथ हो चुका है। दुदुल के पुत्र पिटू ने बताया कि उनकी तबीयत खराब थी। 24-25 सितंबर को दुदुल से घरवालों की आखिरी बार बातचीत हुई थी। बताया जाता है कि उसकी तबीयत में सुधार नहीं हुई और 2 अक्टूबर को उसका निधन हो गया। दुदुल की मौत की वजह कोई बीमारी है या दुर्घटना? इसका पता नहीं चल पाया है। उनकी विधवा शिवकुमारी देवी पति की मौत से गहरे सदमे में है। उसके ससुर बंशीधर प्रसाद बिद का पहले ही निधन हो चुका है। दुदुल ही घर का एकमात्र कमाऊ सदस्य था। जिसकी कमाई से परिवार का भरण-पोषण होता था। दुदुल की मौत के बाद बड़ा सवाल उसके शव को विदेश से लाने का है। परेशान परिजन आने-जाने वाले लोगों से एक ही सवाल कर रहे हैं कि किसी तरह शव विदेश से घर तक आ सके। इसके लिए परिजनों ने विधायक, सांसद के अलावा स्थानीय प्रशासन को लिखित आवेदन देकर न्याय की गुहार लगाई है। लेकिन, किसी स्तर पर अभी तक पहल नहीं हुई है। जिससे परिजन निराश हैं।

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