ऑनलाइन म्यूटेशन से भ्रष्टाचार पर रोक, गति धीमी
भ्रष्टाचार पर रोक लगाने का ध्येय लेकर अंचल कार्यालय में शुरू किए गए ऑनलाइन म्यूटेशन की गति में बढ़ोतरी नहीं हो पा रही है। नतीजतन, म्यूटेशन के लिए दी गई फाइलों का अंबार बढ़ता जा रहा है।
बक्सर । भ्रष्टाचार पर रोक लगाने का ध्येय लेकर अंचल कार्यालय में शुरू किए गए ऑनलाइन म्यूटेशन की गति में बढ़ोतरी नहीं हो पा रही है। नतीजतन, म्यूटेशन के लिए दी गई फाइलों का अंबार बढ़ता जा रहा है। पिछले साल दिसंबर से अंचल कार्यालय में शुरू हुए ऑनलाइन म्यूटेशन कार्य में तकनीकी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा हे। आवेदकों में जागरूकता की कमी भी आनलाइन कार्य का निपटारा करने में बाधा बन रही है।
कार्यालय सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार अब तक 2198 ऑनलाइन म्यूटेशन के आवेदन प्राप्त किए गए हैं। जिनमें से 614 आवेदनों का ही अबतक अंतिम रूप से निपटारा किया गया। बताया जा रहा है कि तकरीबन 30 से 35 आवेदन प्रतिदिन ऑनलाइन म्यूटेशन के लिए कार्यालय में जमा किए जाते हैं। लेकिन, उनमें से महज 4 से 5 आवेदन ही प्रतिदिन अंतिम रूप से निपट पाते हैं। हालांकि, इसके कारण भी अलग-अलग होते हैं। जागरुकता की कमी के साथ-साथ ¨लक फेल हो जाने तथा अन्य तकनीकी कारण भी इसके जिम्मेदार होते हैं। ऑनलाइन आवेदनों के लंबित रहने से आवेदकों का धैर्य जवाब दे जाता है और वे दलालों के चंगुल में फंस जाते हैं। हालांकि, ऑनलाइन प्रक्रिया में दलालों की कोई भूमिका नहीं होती, लेकिन आवेदन लंबित रहने पर वे लोग आवेदकों को दिग्भ्रमित करने में कामयाब हो जाते हैं। त्रुटिपूर्ण आवेदन के कारण होती है परेशानी मामले में अंचलाधिकारी सत्येंद्र कुमार ¨सह से बात करने पर उन्होंने बताया कि ऑनलाइन म्यूटेशन का कार्य 1 दिसंबर से ही शुरु हुआ था। लेकिन, विभिन्न परिस्थितियों के कारण जुलाई माह से कार्य की विधिवत शुरुआत हो पाई है। उन्होंने बताया कि जो भी म्यूटेशन के कार्य संपन्न किए गए हैं, उसमें 90 फीसद कार्य जुलाई माह के बाद ही किए गए हैं। उन्होंने बताया कि म्यूटेशन की गति कम होने का कारण लोगों में जागरूकता की कमी भी है। आवेदन देते समय खाता नंबर गलत लिख देना तथा अन्य त्रुटियां रहने से भी म्यूटेशन में परेशानी होती है। जिसके कारण एक ही म्यूटेशन के कार्य को पूरा करने में काफी समय लग जाता है। उन्होंने बताया कि धीरे-धीरे ऑनलाइन म्यूटेशन के लिए आवेदन जमा करनेवाले लोगों को भी जागरूक किया जा रहा है। वहीं, प्राप्त आवेदनों की अधिकता देखते हुए छुट्टी के दिनों में भी कार्य को युद्धस्तर पर पूरा कराया जा रहा है। अंचलाधिकारी ने बताया कि आने वाले एक-दो माह के अंदर ही प्राप्त आवेदन तथा उनके निस्तारण के अनुपात को ठीक कर लिया जाएगा।