मां कालरात्रि की महानिशा पूजा में उमड़े भक्त
वासंतिक नवरात्र की सप्तमी तिथि को मां कालरात्रि की महानिशा पूजा के दौरान या देवी सर्वभुतेषू शक्ति रूपेण संस्थिता के जयघोष से पूरा वातावरण गूंज उठा।
बक्सर । वासंतिक नवरात्र की सप्तमी तिथि को मां कालरात्रि की महानिशा पूजा के दौरान 'या देवी सर्वभुतेषू शक्ति रूपेण संस्थिता' के जयघोष से पूरा वातावरण गूंज उठा। यह प्रक्रिया गुरुवार अहले सुबह से ही जारी थी। मगर जैसे ही मध्य रात्रि में विद्वान पंडितों द्वारा वैदिक परम्परा के अनुसार परम्बा जगदम्बा के पूजनोत्सव का कार्य प्रारंभ हुआ। पूरा जनसैलाब मातारानी की भक्ति में तल्लीन हो गया।
मां के पूजन एवं महाआरती के बाद श्रद्धालुओं का हुजुम ममतामयी मां की एक झलक पाने को बेताब हो उठा। इस क्रम में भारी भीड़ से लोगों को पूजन-अर्चन एवं दर्शन में काफी परेशानी हुई। घंटों इंतजार के बाद उन्हें पूजा करने का मौका मिला। परन्तु मां के प्रति सच्ची आस्था एवं अटूट प्रेम के समक्ष सारी परेशानियां बौनी साबित हो रही थी। दूसरी ओर, मंदिर प्रबंधन समिति की ओर से श्रद्धालुओं की सुविधा हेतु व्यापक इंतजाम किए गए थे। मगर हुजूम के सामने वह नाकाफी सिद्ध हुआ। अन्त में समिति सदस्यों ने उपस्थित लोगों के साथ साथ पूरे नगर में प्रसाद वितरण करवाया। महानिशा पूजा की पौराणिक मान्यताएं मां कालरात्रि की महानिशा पूजा के संबंध में ऐसी पौराणिक मान्यता है कि इसमे शामिल होनेवाले लोगों की सारी मनोकामनाएं एक साल के अन्दर पूरी हो जाती है। मंदिर प्रबंधन कमेटी के सदस्य साहित्यकार चन्द्रदीप चौबे'गुमनाम', दयाशंकर राय, उमेश राय, रविन्द्र राय आदि की मानें तो मां के सानिध्य में जो जिस रूप में आया, उसके अनुसार उसे अभीष्ट फल की प्राप्ति हुई है। पूजनोत्सव को लेकर क्षेत्रिय लोगों में उत्साह चरम पर था। कहते हैं ग्रामीण स्थानीय ग्रामीण चौधरी रामजी राय का कहना है कि ममतामयी मां के दरबार में जिसने भी सच्ची श्रद्धा एवं विश्वास के साथ पूजा अर्चना की, उन सबकी मुराद पुरी हुई है। वहीं, मकरध्वज राय, आरएन पाण्डेय, अनिल पाण्डेय, राकेश पाण्डेय, संजय पाण्डेय, रामाकांत राय आदि ने बताया कि वासंतिक नवरात्र के सप्तमी तिथि को महाआरती में शामिल होनेवाले भक्तों पर मां की असीम कृपा होती है।