धान खरीद का रेट बढ़ा, कहां बिकेगा पता नहीं
धान खरीद के लिए इस वर्ष का रेट दो सौ रुपये बढ़ाते हुए सूखे की मार झेल रहे किसानों के जले पर मरहम लगाने का प्रयास किया गया है। विभाग द्वारा जारी निर्देश के अनुसार इस वर्ष 15 नवम्बर से ही धान खरीद का निर्णय लिया गया है।
बक्सर । धान खरीद के लिए इस वर्ष का रेट दो सौ रुपये बढ़ाते हुए सूखे की मार झेल रहे किसानों के जले पर मरहम लगाने का प्रयास किया गया है। विभाग द्वारा जारी निर्देश के अनुसार इस वर्ष 15 नवम्बर से ही धान खरीद का निर्णय लिया गया है। बावजूद इसके जिला मुख्यालयों को अब तक इस संबंध में कोई दिशा निर्देश नहीं मिलने के कारण धान अधिप्राप्ति का मामला अधर में ही लटका हुआ है।
सूखे की मार झेल रहे किसानों को धान खरीद के नाम पर दो सौ रूपया प्रति ¨क्वटल दर बढ़ाते हुए सहकारिता विभाग द्वारा मरहम लगाने का काम तो कर दिया गया। पर, 15 नवम्बर की तारीख गुजर जाने के बाद भी जिले में कहीं कोई क्रय केंद्र नहीं खोले गए हैं। इसको ले खाद्य उपभोक्ता एवं संरक्षण विभाग के सचिव पंकज कुमार ने पटना में आयोजित विभाग की समीक्षा बैठक में किसानों के हित में इस बात का निर्णय लिया था कि गत वर्ष के धान खरीद की दर से दो सौ रुपये बढ़ाकर 1750 रुपये प्रति ¨क्वटल की दर से धान की खरीद की जाएगी। बैठक के बाद इस बारे में राज्य के सभी पैक्सों एवं व्यापार मंडलों के लिए दिशा निर्देश भेज दिया गया है। जबकि जिला सहकारिता विभाग की माने तो इस संबंध में अब तक विभाग से कोई लिखित दिशा निर्देश प्राप्त नहीं हुआ है। जिसके कारण जिला स्तरीय सभी कर्मचारी अभी तक अंधकार में हैं। इस संबंध में जिला सहकारिता पदाधिकारी से बात करने का प्रयास किया गया पर फोन नहीं उठाए जाने के कारण बात नहीं हो सकी। वहीं विभाग के प्रसार अधिकारी खालिद हुसैन ने बताया कि इस बार दो सौ रुपया प्रति ¨क्वटल रेट बढ़ाए जाने का आदेश दिया गया है। साथ ही रैयती किसानों से प्रति किसान दो सौ तथा गैर रैयति किसानों से प्रति किसान 75 ¨क्वटल धान खरीद किए जाने का आदेश भी जारी किया गया है। बावजूद इसके क्रय केंद्र कब से खोले जाएंगे इस संबंध में अभी तक कोई मार्गदर्शन नहीं दिया गया। हालांकि जिले में कुल 93 पैक्सों में से 88 पैक्सों तथा पांच व्यापार मंडलों द्वारा खरीद किए जाने का प्रस्ताव बक्सर से मुख्यालय पटना को प्रस्ताव भेजा जा चुका है। पर, अभी तक कोई निर्देश नहीं मिला है। इसके लिए विभागीय आदेशों का इंतजार किया जा रहा है।