नई बाजार का उजड़ा पार्क बना जुआरियों का अड्डा
बक्सर। नगर परिषद द्वारा नया बाजार मोहल्ले में बना पार्क आज अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा ह
बक्सर। नगर परिषद द्वारा नया बाजार मोहल्ले में बना पार्क आज अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है। जबकि, वर्ष 2011 में बनने के साथ ही वह क्षेत्र के लिए शान हुआ करता था। मोहल्ला सहित दूर दराज के लोग उक्त पार्क में दो पल सुकून से गुजारते थे। लेकिन, आज वही पार्क उजाड़ बना हुआ है। पार्क में लगे पौधे सूख गये है। पार्क में सुबह से शाम तक जुआरियों का जमावड़ा लगा रहता है।
पार्क में असमाजिक तत्वों की उपस्थिति की वजह से क्षेत्र के घरों के बच्चे पार्क में खेलने नहीं जाते है। आज के समय में उक्त पार्क में लगे पेड़ लगभग पूरी तरह सूख गये हैं। इसमें आस-पास के युवा वर्ग कभी-कभार क्रिकेट खेल मैदान के रूप में उपयोग में लाते है। पार्क में लगे झूला भी गायब हो गया है। कुछ असमाजिक तत्वों ने उसे कबाड़ में बेच कर अपनी जरूरते पूरी कर ली है। इसके अलावा वह पार्क शादी विवाह के मौके पर बारातियों को खाना खिलाने व जूठे पत्तल फेकने के काम में आता है। इसकी टीस स्थानीय निवासी राजीव कुमार वर्मा को हमेशा रहती है। जब वे पार्क को देखते हुए उस रास्ते से गुजरते उस समय लगता है कि, इस पार्क के बनने से क्या लाभ। इसके नहीं रहना ही बेहतर था। सरकारी रूपये की बरबादी तो नहीं होती। ईट पत्थर के खड़े हो रहे जंगल में पार्क ही हरे भरे दिखते है। यह भी न रहे तो आम जनों की आंखे हरियाली देखने को तरह जाऐंगे। पार्क की शांति व हरे भरे पेड़ उसमें जाने वाले नागरिकों असीम शांती प्रदान करती है। नगर परिषद पुराने बने पार्क के रख-रखाव में रूची नहीं लेते हुए नगर में कई पार्क के निर्माण की योजना बना डाली है। ऐसे में आम जनों के रुपये का बंदरबाट यही से शुरु होता है। जबकि, नये पार्क के निर्माण कराने की जगह पुराने बने पार्क को पुन: सुव्यवस्थित करना ज्यादा उपयोगी है।
पदाधिकारियों का रवैया उदासीन
नया बाजार में बने पार्क का निर्माण नगर परिषद ने 2011 में कराया था। उसके देख-रेख में न तो नप पदाधिकारी रूची लिए और ना ही स्थानीय पार्षद इससे पार्क अपना वजूद खो दिया। जबकि, मामूली देख-रेख से उसका लाभ क्षेत्र के निवासी सहित राहगीरों को भी मिलता। इस संबंध में प कार्यपालक पदाधिकारी अनिल कुमार ने बताया कि, अभी नप बोर्ड ने शहीद भगत ¨सह पार्क सहित अन्य चार स्थानों पर पार्क के निर्माण का निर्णय लिया है। उस पर जल्द ही कार्य होगा। पुराने पार्कों पर इसके बाद ध्यान दिया जाएगा।
कहते हैं लोग
. शिक्षक डा. कन्हैया प्रसाद राय ने बताया कि बक्सर की महता धार्मिक रूप से काफी अधिक है। इसे पार्यटक स्थल के रुप में विकसित किया जा सकता है। गंगा घाट सहित पार्क की नगर में काफी जरूरत है। इसको ले प्रशासनिक पदाधिकारी व जन प्रतिनिधि दोनों का उदासीन रवैया है।. बीटेक चौथे वर्ष के छात्र आलोक कुमार ने बताया कि शहर में ताजी हवा का मुख्य श्रोत पार्क ही होते है। जब वे ही नहीं रहेंगे तो आम जन स्वच्छ हवा के लिए कहां भटकेंगे।
. भाजपा के नगर कोषाध्यक्ष अजय कुमार वर्मा ने बताया कि नया बाजार में पार्क बनने के साथ ही आस पास के लोगों को काफी खुशी हुई थी। वे अपने बच्चों के साथ पार्क में खेलकूद का मजा लेते थे। सबसे ज्यादा लाभ महिलाओं को हुआ। उन्हें मि¨टग की एक स्थल मिल गयी थी। लेकिन, पार्क उजाड़ होने से स्थिति काफी खराब हो गयी है।
. सुजीत कुमार ने कहा कि पार्क महज खेल कूद के ही नहीं पर्यावरण सुरक्षा में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है। ऐसे में इसे बरकारार रखना भी की जिम्मेवारी है।
. राजेन्द्र प्रसाद ने बताया कि पार्क के मुद्दे को सरकारी अफसरों को भी सजग रहने की जरुरत है। एक सुंदर शहर के निर्माण में पार्क महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इन्हें सहेज कर रखना प्रशासन की जिम्मेदारी है।
. शेखर कुमार कहते है की पार्क दिन व रात दोनों समय सुकून व शांति प्रदान करता है। नई बाजार पार्क की बदहाली दुर्भाग्य का विषय का विषय है और इसे यूं ही नहीं छोड़ा जाना चाहिये।
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