डीएलएड में फेल हुए तो जा सकती है नौकरी
राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षण संस्थान द्वारा संचालित अप्रशिक्षित अध्यापकों का दो वर्षीय डिप्लोमा।
बक्सर। राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षण संस्थान द्वारा संचालित अप्रशिक्षित अध्यापकों का दो वर्षीय डिप्लोमा कोर्स के तहत डीएलएड प्रशिक्षण स्थानीय प्रखंड संसाधन केन्द्र में प्रारंभ हुआ है। केन्द्र सरकार द्वारा स्पष्ट कर दिया गया है कि निजी व सरकारी किसी भी स्कूलों में पढ़ाने वाले शिक्षकों का प्रशिक्षित होना अनिवार्य है।
हाईकोर्ट के निर्देश पर 31 मार्च 2019 तक सभी अप्रशिक्षित शिक्षक को डीएलएड प्रशिक्षण प्राप्त कर लेना है। प्रशिक्षण पूर्ण नहीं होता है, तो एनसीईआरटी के प्रावधान के तहत किसी सरकारी व गैरसरकारी स्कूलों में अध्यापन कार्य नहीं कर सकते हैं। इसको लेकर बीआरसी में सप्ताह के प्रत्येक शनिवार व रविवार को डीएलएड का प्रशिक्षण अप्रशिक्षित शिक्षकों को दिया जा रहा है। यहां दो भागों में प्रशिक्षण चल रहा है। जिसमें एक सौ पुरुष एवं सौ महिला प्रतिभागी भाग ले रही हैं। समन्वयक मनोज कुमार मिश्रा ने बताया कि पर्सनल कांट्रेक्ट प्रोग्राम के तहत इस प्रशिक्षण का कुल कार्य दिवस पन्द्रह दिन का होगा। जिसमें प्रतिभागियों की 12 दिन उपस्थिति अनिवार्य है। प्रथम एवं दूसरे वर्ष में पांच-पांच विषयों की परीक्षा क्रमश: सात-सात सौ अंकों की होगी। जिसमें 350-350 सैद्धांतिक व प्रायोगिक परीक्षा होगी। प्रशिक्षण में समन्वयक मनोज मिश्रा, ट्रेनर शैलेश कुमार पांडेय, एहसान अहमद खां, उपेन्द्र पांडेय, मो.नसीर, धीरज गुप्ता, अनिल कुमार व मो.मंसूर शामिल हैं। बता दें कि अप्रशिक्षित शिक्षकों को प्रशिक्षण के दौरान दो बार परीक्षा आयोजित की जाएगी। इसमें फाइनल परीक्षा में उतीर्ण होना अनिवार्य है। प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे प्रशिक्षु अगर इस परीक्षा में फेल हो गए तो उनकी नौकरी जा सकती है।