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मौसम का मिजाज: सुबह धूप निकली, फिर बादलों में छिपा सूरज; हल्‍की बूंदाबादी के बावजूद न्यूनतम तापमान में वृद्ध‍ि

Buxar Weather News दो-तीन दिनों की चटख धूप के बाद मौसम बेहाल हो गया है। मौसम विज्ञानियों के अनुसार बसंत पंचमी तक तापमान में मामूली फेरबदल के साथ शीतलहर का प्रभाव तो कम होगा लेकिन भरपूर आर्द्रता के चलते बीच-बीच में रह-रहकर बूंदा-बांदी हो सकती है।

By Girdhari AgrwalEdited By: Prateek JainPublished: Sun, 22 Jan 2023 05:06 PM (IST)Updated: Sun, 22 Jan 2023 05:06 PM (IST)
मौसम का मिजाज: सुबह धूप निकली, फिर बादलों में छिपा सूरज; हल्‍की बूंदाबादी के बावजूद न्यूनतम तापमान में वृद्ध‍ि
दो-तीन दिनों की चटख धूप के बाद मौसम बेहाल हो गया है।

बक्सर, जागरण संवाददाता: दो-तीन दिनों की चटख धूप के बाद मौसम बेहाल हो गया है। मौसम विज्ञानियों के अनुसार, बसंत पंचमी तक तापमान में मामूली फेरबदल के साथ शीतलहर का प्रभाव तो कम होगा, लेकिन भरपूर आर्द्रता के चलते बीच-बीच में रह-रहकर बूंदा-बांदी हो सकती है। मौसम में कमोबेश यह प्रभाव बसंत पंचमी तक बने रहने की संभावना है।

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रविवार की सुबह लगभग 7:30 बजे कोहरे की ओट से सूरज झांकते तो दिखा पर थोड़ी ही देर बाद ही बादलों ने अपने आगोश में ले लिया। वहीं, 8:45 बजे मामूली बूंदों की छींट भी पड़ी। दूसरी ओर शाम चार बजे भी बूंदाबांदी हुई। मौसम में यह परिवर्तन का रुख शनिवार की मध्य रात्रि के बाद से ही बना हुआ है। जब भोर में बादलों की गर्जना बीच टिपटाप बूंदें गिरीं।

रविवार को 7.9 डिग्री सेल्सियस रहा न्यूनतम तापमान

हालांकि, दिन में चटख धूप बनी हुई थी, लेकिन रविवार को मौसम का मिजाज कुछ अलग ही बना रहा। कोहरे और बादलों की आपाधापी में सूर्य का आना-जाना पूरे दिन लगा हुआ था। इसमें मिली गुनगुनी धूप ठंड के प्रभाव पर आज कोई विशेष राहत देते नहीं दिखी है। मौसम के बदले इस सूरत-ए-हाल में तापमान पर भी असर पड़ा है। कृषि विज्ञानी डा. देवकरण ने बताया कि रविवार को कृषि लघु ताप मापी केंद्र, कुकुढ़ा में अधिकतम 23.0 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचा तापमान रविवार को गिरावट के साथ 22.5 डिग्री सेल्सियस पर दर्ज किया गया है। बादलों की वजह से न्यूनतम तापमान 0.4 की मामूली वृद्धि के साथ 7.9 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है।

मौसम में होने वाले परिवर्तन की वजह

रविवार की सुबह जो स्थिति बनी हुई थी, उसमें मौसम के जानकारों ने बताया कि सतह से एक किलोमीटर ऊपर तक तो गर्म हवा और नमीयुक्त पूर्वी हवा चल रही है। उसके ऊपर पछुआ हवा है, जो ठंडी और शुष्क है। मौसम विज्ञानियों का मानना है कि ऐसे में नीचे की गर्म हवा ऊपर उठना चाहेगी तथा ऊपर की ठंडी हवा इसे दबाएगी। इन दोनों के मिलने से नीचे की हवा भी ठंडी होगी तो संभव है कि इन दिनों में कभी-कभार रह-रहकर कहीं-कहीं बूंदाबांदी हो, लेकिन यह बहुत तेज वर्षा जैसी नहीं होगी।

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