तेज हवा के साथ जिले में औसत 16.84 मिमी. हुई वर्षा
बक्सर मंगलवार की सुबह अचानक उठी तेज हवा के साथ जिले में औसतन 16.
बक्सर : मंगलवार की सुबह अचानक उठी तेज हवा के साथ जिले में औसतन 16.84 मिलीमीटर वर्षा हुई। इससे सबसे अधिक नुकसान आम की फसल को हुआ है। वहीं, कृषि विज्ञानियों ने मूंग, मेंथा व गरमा फसल के लिए इसे लाभदायक बताया है।
मंगलवार की सुबह कई की आंखें तब खुली, जब मेघों ने गर्जना शुरू किया। इस दौरान सुबह 5.40 बजे तेज हवा के झोंके के साथ तकरीबन 15 मिनट तक जोरदार बारिश हुई। लगभग 55 मिनट तक हुई बारिश में लालगंज कृषि विज्ञान केंद्र बक्सर एवं कुकुढ़ा स्थित वर्षा मापी केंद्र में क्रमश: 27 मिलीमीटर व 18.20 मिलीमीटर वर्षा मापी की गई। जिससे वातावरण के तापमान में 2 से 3 डिग्री सेल्सियस की गिरावट आई है। हालांकि, सबसे अधिक बारिश डुमरांव (30.40 एमएम) में हुई है। यहां बता दें कि इससे पूर्व 1 मई को भी जिले में औसतन 16.4 एमएम बारिश हुई थी। मौसम विभाग ने अपने पूर्वानुमान में आगामी 10 तारीख से पूर्व लू नहीं चलने की उम्मीद जताई है।
बेमौसम बारिश ने किसानों की बढ़ाई परेशानी
अचानक से बेमौसम हुई बारिश ने किसानों की परेशानी को बढ़ा दिया है। जहां, किसानों की बची गेहूं की मड़ाई एवं भंडारण का काम प्रभावित हुआ है। वहीं, किसानों ने भूसा की गुणवत्ता पर भी इसका प्रतिकूल असर पड़ने की बात बताई है। तेज हवा के कारण सबसे अधिक नुकसान आम और लीची की फसल को हुआ है। जहां, पेड़ों पर लगे आम फल झड़ गए। वहीं, कई पेड़ों की शाखाएं भी टूट कर गिर पड़ी।
बारिश का गरमा फसल को लाभ
इधर, कृषि वैज्ञानिक डॉ. देवकरण प्रसाद ने बताया कि यह वर्षा मूंग, मेंथा व गरमा की फसल के लिए लाभदायक रही है। किसान भाइयों को सलाह देते हुए बताया कि वे फसल अवशेष प्रबंधन हेतु खेतों की जुताई करने से पहले 16 से 20 किलोग्राम यूरिया का उपरिवेशन कर जोताई कर हेंगा लगा दें तो फसल अवशेष जल्दी सड़ जाएंगे। वहीं, हरी खाद के लिए ढैंचा और मूंग 36 से 40 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर बीज का छिड़काव कर बोवाई करें। धान की नर्सरी के लिए खेत की जोताई करें।