अमृता ने बीपीएससी में हासिल किया 323वां रैंक
अगर मन में सच्ची लगन और अपने लक्ष्य को प्राप्त करने का जुनून हो तो सफलता बेशक कदम चूमती है। शहर के एक सरकारी स्कूल की शिक्षिका ने इसे सच साबित कर दिखाया है। आदर्श मध्य विद्यालय की शिक्षिका अमृता ने 63
बक्सर : अगर मन में सच्ची लगन और अपने लक्ष्य को प्राप्त करने का जुनून हो तो सफलता बेशक कदम चूमती है। शहर के एक सरकारी स्कूल की शिक्षिका ने इसे सच साबित कर दिखाया है। आदर्श मध्य विद्यालय की शिक्षिका अमृता ने 63वीं लोक सेवा आयोग की परीक्षा में 323वां रैंक हासिल किया है। उन्हें श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी का पद दिया गया है।
अमृता कुमारी इटाढ़ी थाना के ग्राम बसांव-खुर्द निवासी रामकथा प्रवक्ता डॉ. रामनाथ ओझा की पुत्रवधू है। वहीं, इनका मायका भी जिले के गोसाईंपुर में है। पति अरविद ओझा निजी विद्यालय में प्राचार्य हैं। खास बात तो यह है कि 10 साल की एक पुत्री व 5 साल के पुत्र का लालन-पालन करते हुए उन्होंने यह मुकाम हासिल किया है। अमृता बताती हैं कि 2012 में वे सरकारी विद्यालय में शिक्षिका पद से जुड़ीं। जिसमें डुमरांव, इटाढ़ी व 2014 में शहर के नई बाजार इलाके में स्थित वर्तमान समय में आदर्श मध्य विद्यालय में कार्यरत हैं। उनका कहना है कि जब से वो इस अध्यापन कार्य से जुड़ीं तभी से मन में इच्छा एक अधिकारी बनने की हो गई थी। उसके बाद से वह अधिकारी बनने का सपना देखने लगी। इस परीक्षा की पहली सीढ़ी प्राप्त होने के बाद इसके लिए प्रतिदिन 12 घंटे की कड़ी मेहनत करती थीं। अमृता का कहना है कि रिसोर्सेज की कमी नहीं है। बस मन में लक्ष्य हो और उसके प्रति समर्पण का भाव बना रहे। अमृता अपनी इस सफलता का श्रेय अपने परिवार को देती है। उनकी इस सफलता पर मायका और ससुराल समेत गांव के लोग भी गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं।