धर्म की स्थापना को अवतार लेते हैं हरि : प्राचीजी
बक्सर। जब-जब संसार में धर्म का ह्रास और पाप की वृद्धि होती है। तब-तब सर्वशक्तिमान भगवान श्रीहरि
बक्सर। जब-जब संसार में धर्म का ह्रास और पाप की वृद्धि होती है। तब-तब सर्वशक्तिमान भगवान श्रीहरि अवतार ग्रहण करते हैं। उक्त बातें प्रसिद्ध भागवत कथा वाचक प्राची देवी जी ने गुरुवार को सिमरी प्रखंड क्षेत्र के राजापुर पंचायत अंतर्गत उच्च विद्यालय अर्जुनपुर के खेल मैदान में आयोजित श्रीमछ्वागवत कथा ज्ञान यज्ञ के चौथे दिन प्रवचन के दौरान कही। उन्होंने कहा कि भगवान सबके द्रष्टा और असंग आत्मा है। इसलिए आत्मस्वरुपिणी योगमाया के अतिरिक्त उनके जन्म अथवा कर्म का अन्य कोई कारण नहीं है। उन्होंने कहा कि कंस के अत्याचार से कराह रही पृथ्वी का भार हल्का करने के लिए श्रीहरि का अवतार अवश्यंभावी था। देवकी के आठवें पुत्र के रुप में उनका प्रार्दूभाव भी हुआ। उन्होंने कहा कि श्री हरि के मंगलमय नामों का श्रवण, कीर्तन, स्मरण और ध्यान करने से प्राणी भवमुक्त हो जाता है।
प्राची देवी को उपहार मिला स्वर्ण मुकुट : गुरुवार को कृष्ण जन्मोत्सव कथा के दौरान चन्द्रमा प्रसाद चैरिटेबिल ट्रस्ट के विजय कुमार मिश्रा ने कथा वाचक प्राची देवी जी को करीब एक किलो वजन का स्वर्ण मुकुट उपहार स्वरुप दिया गया। वहीं, छठ पूजा समिति सिमरी द्वारा राकेश पाण्डेय के नेतृत्व मे प्राची देवी जी को 251 किलो वजन के पुष्पहार से स्वागत किया। स्वागत समारोह में अनिल पाण्डेय, संजय पाण्डेय, विमलेश पाण्डेय, टुनु पाण्डेय, उमापति पाण्डेय, विनोद पाण्डेय, गुप्तेश्वर माली, राजेश माली, छोटू माली सहित कई अन्य लोग शामिल थे।
आज होगा कंस वध : कथा ज्ञान यज्ञ आयोजन समिति द्वारा 19 मार्च को अर्जुनपुर उच्च विद्यालय के मैदान में 100 फीट ऊंचा कंस वध कार्यक्रम का आयोजन किया गया है। इस कार्यक्रम को लेकर क्षेत्रीय लोगों में अदम्य उत्साह व्याप्त है।