साहित्यकार जख्मीकांत निराला का निधन
प्रगतिशील जनवादी चेतना के प्रखर पहरेदार हिन्दी-भोजपुरी के मूर्धन्य साहित्यकार अर्जक संघ एवं बामसेफ विचारधारा को अपने गीत कविता लेखन से जन-जन तक पहुंचाने वाले जय कुमार राय जख्मीउर्फ जख्मीकांत निराला का दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया।
आरा। प्रगतिशील जनवादी चेतना के प्रखर पहरेदार, हिन्दी-भोजपुरी के मूर्धन्य साहित्यकार, अर्जक संघ एवं बामसेफ विचारधारा को अपने गीत, कविता, लेखन से जन-जन तक पहुंचाने वाले जय कुमार राय जख्मी'उर्फ जख्मीकांत निराला का दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। 56 वर्षीय जख्मीकांत निराला का बुधवार को अंतिम संस्कार गंगाघाट, बबुरा में किया गया। मुखाग्नि उनके द्वय बेटे पुष्कर आनंद और कुणाल आनंद ने दी। भोजपुर जिले के बड़हरा प्रखंड अंतर्गत कोल्हराम पुर के निवासी स्व. निराला अपने लेखन एवं मंच के माध्यम से भोजपुर जनपद का नाम पूरे बिहार के साथ राष्ट्रीय स्तर पर भी रौशन किया। जनवादी लेखक संघ, पटना के संयुक्त सचिव के पद पर रहते हुए उन्होंने साहित्यिक गतिविधियों में जान डालने का कार्य करते रहे। अपनी पहली भोजपुरी कविता संग्रह अनमोल रतन भिखारी ठाकुर में जख्मीकांत निराला की भिखारी ठाकुर के जीवन से संबंधित 77 कविताएं संकलित हैं। इसके अतिरिक्त प्रकाशित यादवेश, चौथा खंभा, चित्रगुप्त, चेतना, जगदेव प्रसाद स्मारिका, भोजपुरी विश्व आदि पुस्तकें हैं। दूसरा कविता संग्रह अइसन रहलन भिखारी प्रेस में छपने की प्रक्रिया में है। सैकड़ों गीत, गजल, कविता संग्रह यथा: कुतुबपुर के कलाकार (कविता संग्रह), मन भरम में ना परी (भोजपुरी गीत संग्रह), मरजाद (उपन्यास), कफन ना मंगलीं (कविता संग्रह), रवो बेटा के बावग करीं (नाटक) तथा मैं विज्ञान के साथ हू (कविता संग्रह) और आठवां आश्चर्य (कविता संग्रह) है। जख्मीकांत निराला के निधन पर मनेर विधायक भाई वीरेंद्र, सनसाईन पब्लिक स्कूल के प्रबंधक विजय सिंह यादव, जनवादी लेखक संघ, बिहार प्रदेश अध्यक्ष डॉ. नीरज सिंह, भोजपुर जिला अध्यक्ष जगदीश नलिन, जिला उपाध्यक्ष राजाराम सिंह प्रियदर्शी, घमंडी राम उर्फ रामदास आर्य, कुमार गौरव, सुमन कुमार, सुरेंद्र शर्मा विशाल, सीपी चक्रवर्ती, महेंद्र प्रताप सिंह, अर्जुन सिंह, हृदय नारायण शर्मा समेत अन्य समाजसेवियों व संस्कृतिकर्मियों ने शोक प्रकट किया गया।