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झारखंड में पांच लोगों को गोली मारने वाला वांटेड गिरफ्तार

झारखंड के रामगढ़ जिले के बरकाकाना रेलवे कॉलोनी में करीब आठ महीने पहले एक रेलकर्मी के परिवार के पांच लोगों को गोली मारे जाने के मामले में वांछित आरपीएफ जवान पवन कुमार सिंह शुक्रवार की देर रात पकड़ा गया।

By JagranEdited By: Published: Sat, 21 Mar 2020 07:52 PM (IST)Updated: Sun, 22 Mar 2020 06:10 AM (IST)
झारखंड में पांच लोगों को गोली मारने वाला वांटेड गिरफ्तार
झारखंड में पांच लोगों को गोली मारने वाला वांटेड गिरफ्तार

आरा। झारखंड के रामगढ़ जिले के बरकाकाना रेलवे कॉलोनी में करीब आठ महीने पहले एक रेलकर्मी के परिवार के पांच लोगों को गोली मारे जाने के मामले में वांछित आरपीएफ जवान पवन कुमार सिंह शुक्रवार की देर रात पकड़ा गया। उसकी गिरफ्तारी बिहार के भोजपुर जिले के तरारी थाना के करथ गांव से संभव हो सकी। पकड़ा गया आरपीएफ जवान पवन मूल रूप से तरारी थाना के ही करथ गांव का निवासी है। शनिवार की दोपहर करीब 12 बजे के बाद पकड़े गए जवान को झारखंड रेल थाना पुलिस ने आरा सिविल कोर्ट में सीजेएम के समक्ष प्रस्तुत किया। इसके बाद 72 घंटे के ट्रांजिट रिमांड पर अपने साथ लेकर रवाना हो गई । वारदात के समय वह बरकाकाना आरपीएफ पोस्ट पर ही कार्यरत था। घटना के समय मौके से सर्विस पिस्टल को भी जब्त कर लिया गया था। भोजपुर एसपी सुशील कुमार ने गिरफ्तारी की जानकारी देते हुए बताया कि पूर्व में वांछित आरपीएफ जवान के घर कुर्की भी हुई थी। मालूम हो कि 17 अगस्त 2019 को झारखंड के रामगढ़ जिले के बरकाकाना रेलवे कॉलोनी में शराब के नशे में धुत आरपीएफ जवान पवन कुमार सिंह ने एक रेलकर्मी अशोक राम के परिवार के पांच लोगों को घर में घुसकर गोली मार दी थी। मृत रेलवे कर्मी अशोक राम का परिवार मूल रूप से बिहार के औरंगाबाद जिला का निवासी था और सभी बरकाकाना रेलवे कॉलोनी में रहते थे। सिरफिरे जवान पवन ने घर के मालिक रेलवे कर्मी अशोक राम, उसकी पत्नी लीलावती, शादीशुदा पुत्री वर्षा देवी उर्फ मीना, पुत्र संजय राम और एक पुत्री सुमन कुमारी को घर में घुसकर गोली मार दी थी, जिसमें रेलवे पोर्टर अशोक राम, उसकी पत्नी लीलावती, शादीशुदा गर्भवती पुत्री मीना उर्फ वर्षा की मौत हो गई थी। घटना को अंजाम देने के बाद से पवन फरार था। इस बीच शुक्रवार की देर रात करीब दो बजे तरारी थानाध्यक्ष अरविद कुमार ने गुप्त सूचना के आधार पर उसके गांव करथ में छापेमारी की और वांछित आरपीएफ जवान को धर दबोचा। बाद में सूचना मिलने पर झारखंड के बरकाकाना रेल थाना की पुलिस भोजपुर पहुंची। बरकाकाना रेल थाना के एएसआई एके सिंह ने शनिवार की दोपहर आरा सिविल कोर्ट में पकड़े गए आरपीएफ जवान को प्रस्तुत किया। इसके बाद ट्रांजिट रिमांड पर अपने साथ लेकर रवाना हो गई।

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गिरफ्तार सिरफिरा जवान बोला, ब्लैकमेल करता था रेलवे कर्मी का परिवार

- प्रेम प्रसंग में वारदात को अंजाम दिए जाने की बात कबूली

-08 महीने से तलाश कर रही थी दो राज्यों की पुलिस

-05 महीना पहले हुई थी कुर्की-जब्ती जागरण संवाददाता, आरा: झारखंड के रामगढ़ जिला के बरकाकाना रेलवे कॉलोनी में एक रेलवे कर्मी के परिवार के पांच लोगों को गोली मारे जाने के मामले में गिरफ्तार आरपीएफ जवान पवन कुमार सिंह ने पूछताछ के दौरान पुलिस को कई अहम जानकारियां दी है। उसने मारे गए रेलवे पोर्टर अशोक राम और उसके परिवार के सदस्यों पर ब्लैक मेलिग किए जाने का गंभीर आरोप लगाया है। उसके अनुसार वह रेलवे कर्मी की पुत्री से प्रेम करता था। करीब चार सालों से उसे ब्लैकमेल किया जा रहा था। जिसे लेकर वाद-विवाद हुआ था। इसके बाद यह घटना घटित हुई थी। वारदात के बाद वह भागकर भोजपुर अपने गांव चला आया था। सर्विस पिस्टल वहीं छोड़ दिया था। इधर, भोजपुर एसपी सुशील कुमार ने बताया कि घटना के बाद से ही भोजपुर पुलिस वांछित जवान को गिरफ्तार करने के प्रयास में लगी हुई थी।दोनों राज्यों की पुलिस आठ महीने से तलाश में लगी हुई थी। मामला झारखंड से जुड़ा हैं इसलिए वहीं की रेल पुलिस पूछताछ कर आगे की कानूनी कार्रवाई करेगी।

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वारदात के समय आई थी दूध के पैसे को लेकर विवाद की बात

बरकाकाना रेलवे कॉलोनी में रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) के जवान पवन कुमार सिंह ने 17 अगस्त 2019 को रेलवे पोर्टर अशोक राम के घर में घुस कर परिवार के पांच लोगों को गोली मार दी थी। गोली लगने से अशोक राम, उनकी पत्नी लीला देवी व गर्भवती बेटी मीना देवी की मौत हो गई थी। जबकि बेटी सुमन देवी और बेटा संजय राम गंभीर रूप से घायल हो गये थे। हमले में अशोक राम की छोटी बेटी रजनी उर्फ प्रियंका बाल-बाल बच गई। घटना को अंजाम देने के बाद पवन सिंह पिस्टल छोड़कर फरार हो गया था। वहीं, फायरिग की आवाज सुन कर आसपास के लोग अशोक राम के घर पहुंच गए थे और सभी को रेलवे अस्पताल ले गये थे। उस समय हमले में बची रजनी उर्फ प्रियंका ने पुलिस को बताया था कि उसके घर के सामने ही पवन कुमार सिंह रहता था और उसी के यहां से दूध लेने आता था। घटना की रात में भी पवन दूध लेने आया था। इसी दौरान पिता अशोक राम से पैसे को लेकर उसकी बकझक हो गई थी। तब पिता ने दूध देने से इनकार कर दिया था। जिसके बाद पवन ने पिस्टल निकाल कर पिता, मां, दो बहनों और भाई को गोली मार दी थी। मृत अशोक राम के घायल संजय राम के बयान पर बरकाकाना रेल थाना में हत्या एवं एससी-एसटी एक्ट के तहत केस हुआ था।

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छह साल पहले आरपीएफ में हुआ था बहाल पवन

भोजपुर के तरारी थाना के करथ गांव निवासी किसान विनोद सिंह को कुल दो पुत्र है। इसमें पवन कुमार सिंह छोटा है। वह साल 2014 में रेलवे सुरक्षा बल में बहाल हुआ था। करीब चार साल से रामगढ़ जिला के बरकाकाना आरपीएफ पोस्ट पर पदस्थापित था। अभी शादी नहीं हुई है।

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रात में पड़ोस के चाचा के घर सोया था तभी पकड़ा गया

इधर, झारखंड के बरकाकाना सामूहिक हत्याकांड में फरार पवन कुमार सिंह के विरुद्ध कोर्ट से कुर्की-जब्ती वारंट भी निकला था। नंवबर 2019 महीने में झारखंड रेल पुलिस कुर्की जब्ती वारंट लेकर आई थी। जिसके बाद वांछित के करथ गांव स्थित घर पर कुर्की-जब्ती की गई थी। इधर, शुक्रवार की देर रात तरारी थानाध्यक्ष अरविद कुमार को गुप्त सूचना मिली कि वांछित जवान अपने चाचा के घर में छिपा हुआ है। जिसके बाद तरारी पुलिस ने छापेमारी कर वांछित आरपीएफ जवान को धर दबोचा। तरारी थानाध्यक्ष अरविद ने बताया कि वह अपने चचेरे भाई विकास के घर में था तभी पकड़ा गया।

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मूल रूप से औरंगाबाद का निवासी था झारखंड में मारा गया रेलवे कर्मी का परिवार

झारखंड के रामगढ़ जिले के बरकाकाना रेलवे कॉलोनी में करीब आठ महीने मारा गया रेलवे पोर्टर अशोक राम का परिवार मूल रूप से औरंगाबाद जिले का निवासी था। अशोक राम भुरकुंडा रेलवे स्टेशन पर रेलवे पोर्टर के पद पर कार्यरत था। परिवार समेत बरकाकाना रेलवे कॉलोनी में रहता था।


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