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जदयू नेता की हत्या में वांटेड गिरफ्तार

संवाद सूत्र बिहिया (भोजपुर) बहोरनपुर ओपी पुलिस ने गौरा गांव से कथित अपहृत किशोरी को आरा के गोपाली कुआं के पास से बरामद कर लिया है। पुलिस ने इस दौरान मामले के आरोपित नगर थाना आरा के मीराचक निवासी धर्मेन्द्र राम को भी गिरफ्तार कर लिया। बताते चलें कि गौरा गांव निवासी 17 वर्षीय किशोरी को 1 संवाद सूत्र बिहिया (भोजपुर) बहोरनपुर ओपी पुलिस ने गौरा गांव से कथित अपहृत किशोरी को आरा के गोपाली कुआं के पास से बरामद कर लिया है। पुलिस ने इस दौरान मामले के आरोपित नगर थाना आरा के मीराचक निवासी धर्मेन्द्र राम को भी गिरफ्तार कर लिया। बताते चलें कि गौरा गांव निवासी 17 वर्षीय किशोरी को 1

By JagranEdited By: Published: Sat, 23 May 2020 09:21 PM (IST)Updated: Sat, 23 May 2020 09:21 PM (IST)
जदयू नेता की हत्या में वांटेड गिरफ्तार
जदयू नेता की हत्या में वांटेड गिरफ्तार

आरा। जगदीशपुर थाना क्षेत्र के दावां मोड़ के समीप शनिवार को पुलिस ने छापेमारी कर हत्याकांड में वांटेड योगेन्द्र यादव उर्फ लंगड़ समेत दो बदमाशों को अवैध हथियार व गोली के साथ पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। इसे लेकर आ‌र्म्स एक्ट के तहत केस दर्ज किया गया है। एसपी सुशील कुमार के अनुसार जगदीशपुर के रूपबांध गांव निवासी योगेन्द्र यादव उर्फ लंगड़ा और हसन बाजार ओपी के अरैयाडीह गांव निवासी दीपक कुमार उर्फ नेपाली यादव को गिरफ्तार किया गया है। इसमें योगेन्द्र यादव पहले से हिस्ट्रीशीटर रहा है। उसके विरुद्ध छह मामले मिले है। इसमें जगदीशपुर थाना से जुड़े डकैती के चार मामले भी शामिल है। फिलहाल, जदयू नेता साहेब यादव की हत्या के मामले में फरार चला आ रहा था। दूसरा दीपक भी हसनबाजार व तरारी के दो कांडों में दागी रहा है। इसमें एक हत्या का मामला है। एसपी के अनुसार गुप्त सूचना मिली थी कि दावां मोड़ के पास हथियार बंद अपराधी किसी वारदात को अंजाम देने के फिराक में है। जिसके आधार पर पुलिस ने छापेमारी कर दोनों को धर दबोचा। तलाशी में दोनों के पास से देसी पिस्तौल ,एक गोली व 315 बोर का दो खोखा बरामद किया गया। जगदीशपुर एसडीपीओ श्याम किशोर रंजन के नेतृत्व में हुई छापेमारी में जगदीशपुर इंस्पेक्टर ईश्वर दयाल, दारोगा रामस्वरूप राम व नागेन्द्र कुमार शामिल थे। मालूम हो कि नौ जनवरी 2020 को जगदीशपुर के रूपबांध गांव में युवा जदयू के जिला सचिव साहेब यादव की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। मृतक के भाई गुप्तेश्वर यादव ने दस नामजद समेत अज्ञात के विरुद्ध केस दर्ज कराया था। जिसमें योगेन्द्र यादव भी नामजद था और फरार चला आ रहा था। अवैध शराब निर्माण का विरोध करने पर हत्या की घटना को अंजाम दिया गया था।

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