आरा सदर अस्पताल में मरीज की मौत के बाद बवाल, कर्मी को दौड़ाकर पीटा; जमकर हुई तोड़फोड़ CCTV में कैद
भोजपुर जिले के सदर अस्पताल आरा के इमरजेंसी वार्ड में गुरुवार की मध्य रात्रि इलाज के बाद रेफर किए गए युवक की मौत हो गई। मरीज के परिजन ने इलाज में लापरवाही का आरोप लगाते हुए अस्पताल में तोड़फोड़ कर दी। इससे इमरजेेंसी में तीन घंटे कार्य बाधित रहा।
जागरण संवाददाता, आरा। भोजपुर जिले के सदर अस्पताल, आरा के इमरजेंसी वार्ड में गुरुवार की मध्य रात्रि इलाज के दौरान एक युवक की मौत के बाद स्वजनों ने जमकर बवाल काटा गया।
इस दौरान गुस्साए स्वजनों ने इमरजेंसी ओटी में लगे फालोमीटर, कुर्सी, डाक्टर चेंबर में रखी कुर्सी सहित कई चीजों को तोड़ डाला। यही नहीं डाक्टर कक्ष में मौजूद एक निजी कर्मी की स्लाइन स्टैंड, कुर्सी, टेबल एवं डंडे से जमकर धुनाई कर दी।
जिससे वह गंभीर रूप से जख्मी हो गया। हंगामे के दौरान ड्यूटी पर कार्यरत डाक्टर ने कक्ष से भागकर अपनी जान बचाई। इसके बाद सुरक्षा कर्मियों द्वारा किसी तरह मामले को शांत कराया गया।
घटना को लेकर इसी वार्ड में मौजूद मरीज एवं उनके स्वजन के बीच काफी देर तक अफरातफरी मची रही। घटना देर रात करीब 2:45 बजे के आसपास की है। इस दौरान तीन घंटे तक इमरजेंसी सेवा बाधित रही।
देर रात इलाज को इमरजेंसी वार्ड में लाया गया था बीमार युवक
गुरुवार देर रात मुफस्सिल थाना क्षेत्र के शोभी डुमरा गांव निवासी महेंद्र सिंह के 32 वर्षीय पुत्र सुमित कुमार को स्वजन शहर के किसी निजी क्लीनिक से इलाज करवा कर सदर अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में लाए थे।
चिकित्सक ने उसकी हालत कुछ चिंताजनक देखते हुए पटना रेफर कर दिया गया था। पटना ले जाने से पहले ही उसकी मौत हो गई।
सीसीटीवी फुटेज में तोड़फोड़ करते नजर आ रहे स्वजन
सीसीटीवी कैमरे में कैद वीडियो में यह साफ नजर आ रहा है कि किस तरह मृतक के स्वजन अपने हाथ में कुर्सी लेकर तोड़फोड़ कर रहे हैं। डाक्टर के चैंबर में घुसकर उनके निजी कर्मी की कुर्सी एवं डंडे से जमकर पिटाई भी करते नजर आ रहे हैं।
चितांजनक हालत में लाया गया था मरीज: डाक्टर
इधर, ऑन ड्यूटी चिकित्सक डा. टी एन राज ने बताया कि करीब तीन बजे के आसपास आए मरीज की सांस फूल रही थी। जो भी प्राथमिक उपचार करना था, वह किया।
इसके बाद मरीज का लगातार ऑक्सीजन लेवल घटने लगा। इसके बाद चिकित्सक द्वारा पीएमसीएच रेफर कर दिया गया। बीस मिनट बाद ही मौत हो गई।
इसके बाद स्वजन हाथ में कुर्सी लिए डाक्टर चैंबर में आ गए और कुर्सी चलाने लगे। डा. प्रभात प्रकाश ने बताया कि इस तरह की घटनाएं ज्यादातर लेबर वार्ड, गायनी एवं इमरजेंसी वार्ड में अक्सर होती हैं। यहां पर पुलिस चौकी की स्थापना की जानी चाहिए।