पागल कुत्ते के काटने से दो बच्चों की मौत, ग्रामीणों में खौफ
पागल कुत्ते के काटने से एक माह के अंदर दो बच्चों की मौत हो चुकी है।
आरा। पागल कुत्ते के काटने से एक माह के अंदर दो बच्चों की मौत हो चुकी है। बता दें कि विगत 17 मार्च को महुरही गांव में एक कुत्ते ने पांच लोगों को काट खाया था। इनमें एक बच्ची की मौत विगत 21 मार्च को हो गई थी। जबकि एक अन्य बच्चे ने शनिवार को दम तोड़ दिया। बताया जाता है कि महुरही गांव में विगत 17 मार्च को एक पागल कुत्ते ने रानी शर्मा, गुड़ी कुमारी, दसई यादव और गुड्डू कुमार को काट लिया था। तब परिजनों द्वारा जगदीशपुर रेफरल अस्पताल में एंटी रैबीज इंजेक्शन दिलवाया गया था। लेकिन इंजेक्शन दिलवाने के चार दिन बाद ही उमेश शर्मा की 10 वर्षीय पुत्री रानी शर्मा की मौत हो गई। अब शनिवार को कविनंदन यादव के 14 वर्षीय पुत्र गुड्डू कुमार की भी मौत हो गई। बताया जाता है कुत्ता काटने की घटना के एक माह बाद 20 अप्रैल को गुड्डू कुमार अचानक कुत्ते की तरह बोलने लगा। तब परिजनों द्वारा उसे इलाज के लिए अस्पताल ले जाया जा रहा था कि रास्ते में ही गुड्डू की मौत हो गई। कुत्ता काटने वाली इस घटना में बचे दो लोगों के परिजन सहित गांव के लोग चितित हैं और पूरे गांव में भय का माहौल है। इस घटना से दुखी स्थानीय लोगों द्वारा कुत्ता काटने के बाद दी गई एंटी रैबीज इंजेक्शन की गुणवत्ता पर सवाल उठने लगे हैं। ग्रामीणों का आरोप है कि अस्पताल प्रबंधक द्वारा एंटी रैबीज के तीन इंजेक्शन का डोज नहीं दिया गया था। अस्पताल प्रबंधक ने तीन की जगह एक ही इंजेक्शन देकर अपना कोरम पूरा कर लिया।
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क्या कहते हैं रेफरल अस्पताल प्रभारी :
इस संबंध में जगदीशपुर रेफरल अस्पताल के प्रभारी डॉ. विनोद प्रताप सिंह ने कहा है कि मृत्यु की घटना से हमलोग भी दुखी हैं। उन्होंने कहा कि चार लोगों को एंटी रैबीज इंजेक्शन दिया गया था। एक बच्चे की मौत चार दिन बाद और एक बच्चे की मौत एक माह बाद और दो लोग अभी ठीक हैं। इस बात से वे भी आश्चर्यचकित भी है। आखिर ऐसा क्यों हुआ। अस्पताल प्रभारी ने बताया कि इसके लिए जांच टीम बनाई गई है। जो रिपोर्ट मिलने के बाद ही कुछ स्पष्ट होगा कि बच्चों की मौत की वजह क्या है?