पुण्यतिथि पर याद किए गए भिखारी ठाकुर
भोजपुर । लोक कलाकार भिखारी ठाकुर की पुण्यतिथि पर बस पड़ाव स्थित स्वर्गीय ठाकुर की प्रति
भोजपुर । लोक कलाकार भिखारी ठाकुर की पुण्यतिथि पर बस पड़ाव स्थित स्वर्गीय ठाकुर की प्रतिमा पर माल्यार्पण रविवार को किया गया। 'भिखारी और भोजपुरी' पर आयोजित परिचर्चा की अध्यक्षता डा. के.डी. सिंह ने की। वक्ताओं में कवि नंद किशोर कमल ने कहा कि भोजपुरी के जन्मदाता के रूप में कबीर को माना जाता है, जबकि भिखारी ठाकुर ने अपने नाटकों के माध्यम से इसे जनभाषा के रूप में तब्दील कर दिया। आज दोनों एक-दूसरे के पूरक हैं। डा. वीरेन्द्र शर्मा ने कहा कि वे सामाजिक उत्पीड़न को रंगकर्म में ढालकर मजबूती से रखने का प्रयास किया। उमेश कुमार सुमन ने कहा कि बाजारवाद में फंसी भोजपुरी भाषा को ले भोजपुरी समाज सतर्क रहें। अध्यक्षता डा. के सिंह ने की। संचालन नरेन्द्र एवं धन्यवाद ज्ञापन राज कुमार ने किया। अन्य वक्ताओं में चन्द्रभूषण पांडेय, रवीन्द्र भारती, पवन पांडेय, चित्रकार कौशलेन्द्र पांडेय, विष्णु मिश्रा, बलवंत सिंह, डा. राज कुमार भट्ट आदि थे। कार्यक्रम का नेतृत्व डा. शेखर कुमार एवं संस्कृतिकर्मी अनिल सिंह ने किया। कार्यक्रम के अंत में युवा व्यवसायी मुन्ना साई की हत्या पर गहरा दुख जताया गया।