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भोजपुर में साल के अंत तक छह हजार लंबित केसों का होगा निष्पादन

2011 बैच के आईपीएस अधिकारी हर किशोर राय आज कल जिले में अवैध बालू माफियाओं एवं शराब धंधेबाजों पर कार्रवाई को लेकर चर्चा में है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 17 Jan 2021 10:47 PM (IST)Updated: Sun, 17 Jan 2021 10:47 PM (IST)
भोजपुर में साल के अंत तक छह हजार 
लंबित केसों का होगा निष्पादन
भोजपुर में साल के अंत तक छह हजार लंबित केसों का होगा निष्पादन

आरा। 2011 बैच के आईपीएस अधिकारी हर किशोर राय आज कल जिले में अवैध बालू माफियाओं एवं शराब धंधेबाजों पर कार्रवाई को लेकर चर्चा में है। 21 अगस्त 2020 को भोजपुर के नए एसपी के रूप में उन्होंने बागडोर संभाली थी। अपराध नियंत्रण के अलावा अनुसंधान के अभाव में लंबित कांडों एवं लंबित कुर्की-वारंटों का निष्पादन अभी गंभीर चुनौती बना हुआ है। हालांकि, अपराध नियंत्रण व अनुसंधान के अभाव में लंबित कांडों एवं लंबित कुर्की-वारंटों के निष्पादन को लेकर लगातार अभियान चलाया जा रहा है। बावजूद, अभी भी चुनौतियां कम नहीं हुई है। हमारे संवाददाता ने भोजपुर एसपी से इन्हीं कई गंभीर मुद्दों पर विशेष बातचीत की। प्रस्तुत है उसका प्रमुख अंश- सवाल: भोजपुर जिले में पुलिस के पास अभी भी करीब 10 हजार कांड अनुसंधान पूर्ण होने के अभाव में लंबित है। आरोप पत्र समर्पित करवाना है। इसे लेकर क्या कदम उठाए जा रहे हैं, जिससे की पीड़ित लोगों को त्वरित न्याय मिल सके ? जवाब: दिसंबर 2020 तक जिले में 11 हजार कांड अनुसंधान पूर्ण होने के अभाव में लंबित थे। लेकिन, वर्तमान में नौ हजार 737 केस लंबित है। 2020 के दिसंबर माह में रिकॉर्ड तोड़ 2009 कांडों का निष्पादन किया गया है। जबकि, दिसंबर में कुल 821 प्रतिवेदित हुआ था। साल के अंत तक यानी दिसंबर महीने तक छह हजार से अधिक कांडों के निष्पादन का लक्ष्य है। घटा कर तीन से चार हजार तक लाने का प्रयास है। जिससे एक अनुसंधानकर्ता पर कम बोझ पड़े। अभी जिले में करीब ढाई सौ ही अनुसंधानकर्ता हैं। अगर तीन से चार हजार तक लंबित केस का ग्राफ आ जाएगा तो प्रति अनुसंधानकर्ता कम बोझ पड़ेगा। वारंट और कुर्की के शीघ्र निष्पादन के लिए प्रत्येक माह विशेष ड्राइव चल रहा है।

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सवाल : जिला पुलिस के सभी थानों में कम्प्यूटराईजेशन का कार्य शीघ्र पूर्ण करवाने का प्रयास चल रहा था। इसमें अभी तक क्या प्रगति हुई है ? जवाब: जिले में करीब 28 थाने हैं। पिछले छह माह से सीसीटीएनएस के तहत इंट्री का कार्य कुल 15 थानों में हो रहा था। नए साल के जनवरी महीने से छह और थानों में कम्प्यूटराईजेशन का कार्य शुरू हो गया है। सात और नए थानों में दो दिनों के अंदर शुरू हो जाएगा। जिसमें एफआइआर, स्टेशन डायरी, गिरफ्तारी, केस डायरी इत्यादि की प्रविष्टि की जा रही है। इन 13 थानों में भी शीघ्र पूरा कर लिया जाएगा। ट्रेनिग भी दी जा रही है। सवाल: आरा शहर के अंदर की ट्रैफिक व्यवस्था में कुछ सुधार हुआ है। लेकिन, और अधिक सुधार के लिए क्या प्रयास किये जा रहे हैं ? जवाब: शहर के अंदर अस्थायी अतिक्रमण पर कार्रवाई, कुछ स्थानों को नो पार्किंग जोन घोषित करने, दुकानों को सड़क पर बढ़ा कर लगाने वालों तथा शहर में पुराने और बिना अनुमति वाले ऑटो रिक्शा को चिन्हित कर के उन पर कार्रवाई का प्रयास चल रहा है। नो पार्किंग व वेडिग जोन दो प्रकार के स्थानों को चिन्हित किया जा रहा है। नो पार्किंग जोन जैसे बाइक व चार पहिया वाहनों के लिए पार्किंग की व्यवस्था करना है। वेडिग जोन जैसे सड़क पर लगने वाले फुटपाथी दुकानों को हटाकर दूसरी जगह शिफ्ट करने की व्यवस्था सारे बिदुओं पर प्रयास चल रहा है। स्थानीय सांसद व केन्द्रीय मंत्री आरके सिंह व जिलाधिकारी से भी इस विषय पर वार्ता हुई है। नगर निगम के साथ बैठक कर कार्य योजना बनायी जा रही है। भविष्य में बस स्टैंड को बाइपास की ओर शिफ्ट करने की भी बात चल रही है।

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सवाल : जिला पुलिस के पास से आम नागरिक से संबंधित सभी कोषांग की सूचना ऑनलाइन उपलब्ध करवाने की दिशा में अब तक क्या पहल हो सकी है ? जवाब: पोर्टल से जुड़े जानकारों को बुलाया गया है। इस महीने के अंत तक या फरवरी तक सभी कोषांग की सूचना ऑनलाइन उपलब्ध करा दी जाएगी। इसे लेकर तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। सवाल: शहर में नए साल में सीसीटीवी का कवरेज बढ़ाने व उसकी निगरानी को सुदृढ़ करवाने को लेकर जो प्रयास चल रहा है, उसमें अभी तक क्या प्रगति हुई है ? जवाब: अभी शहर में करीब 37 जगहों पर सुरक्षा के ²ष्टिकोण से सीसीटीवी कैमरे काम कर रहे हैं। शेष और संवेदनशील जगहों के अलावा पुलों को भी चिह्नित करने का काम शुरू कर दिया गया है। जिससे की अपराध नियंत्रण में मदद मिल सके। इसके लिए नगर विकास विभाग को प्रस्ताव बनाकर भेजा जाएगा। फिलहाल, खवासपुर पीपा पुल पर चेकिग व निगरानी बढ़ा दी गई है। --

सवाल: जिले में कई कुख्यात व इनामी अपराधी अभी भी सलाखों से बाहर हैं। समय-समय पर पुलिस को चुनौती भी दे रहे हैं। जिले में सितंबर 2020 में गंभीर कांडों में वांछित लगभग सात सौ अपराधियों की सूची बनाई गई थी। जिसमें अब तक कितने जेल भेजे जा चुके है ? जवाब: भोजपुर में सक्रिय व इनामी दुर्दांत अपराधियों की गिरफ्तारी के लिए डीआईयू व एसआईटी टीम को लगाया गया है। तेजी से प्रयास चल रहा है। करीब पांच सौ लोगों को जेल भेजा जा चुका है। बचे हुए लगभग दो सौ अपराधियों की शीघ्र गिरफ्तारी तथा अन्य पर कार्रवाई चल रही है।

----- सवाल: अवैध शराब पर प्रतिबंध लगाया जाना सरकार की प्राथमिकता में से एक है। लेकिन, अभी भी लगातार अभियान चलाए जाने के बावजूद शराब की तस्करी की शिकायतें आ रही हैं। आगे क्या प्लान है ? जवाब: भोजपुर में पिछले साल करीब आठ हजार गिरफ्तारियां हुई थीं। इसमें कम से कम शराब के मामले में ढाई से तीन हजार लोग गिरफ्तार कर जेल भेजे गए थे। अब बड़े धंधबाजों को चिह्नित करने का प्रयास तेजी से चल रहा है। सभी थानेदारों को निर्देश दिया गया है। कुछ धंधेबाज चिह्नित भी किए जा चुके हैं। पूर्व में दो धंधेबाज धर्मेन्द्र और एक अन्य जो पकड़े गए हैं, उनकी संपत्ति जब्ती के लिए आर्थिक अपराध इकाई को प्रस्ताव भेजा जा चुका है। ---

सवाल: अवैध बालू तस्करी को लेकर भी भोजपुर जिला काफी बदनाम रहा है। एक बड़ा रैकेट काम कर रहा है। इसके लिए अभी तक क्या पहल की गई है। आगे की क्या योजना ?

जवाब: अभी नौ जनवरी को ही कोईलवर सोन नदी के किनारे चलने वाले चार-पांच अवैध बालू घाटों पर बड़ी छापेमारी की गई थी। दो पोकलेन मशीन व छह ट्रैक्टर जब्त किए गए थे। एक देसी पिस्तौल व रायफल बरामद किया गया था। बालू तस्करी में संलिप्त 61 लोग पकड़े भी गए थे। दो एफआइआर हुआ था। जिसमें विदेशी राय, राज कुमार राय व सत्येन्द्र पांडेय जैसे धंधेबाजों की तलाश तेजी से जारी है। जो भी दोषी पाए जायेंगे जेल जायेंगे।

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सवाल: भूमि विवाद को लेकर लगातार हत्याएं हो रही हैं। इस पर अंकुश लगाने के लिए क्या प्रयास चल रहा है ? जवाब: प्रत्येक थानों में प्रत्येक शनिवार को शिविर लगाकर भूमि विवाद से जुड़े मामलों का निष्पादन किया जा रहा है। शिविर में सीओ भी रहते हैं। इससे बहुत हद तक विवादों का निपटारा भी हो रहा है। आगे भी लगातार प्रयास जारी रहेगा।


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