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श्रीकृष्ण ने अपनी बाल लीलाओं के माध्यम से कभी भी हार नहीं मानने का दिया संदेश

श्री त्रिदंडी देव राधाकृष्ण धाम जीरोमाइल में सोशल डिस्टेसिग का पालन करते हुए भगवान श्री कृष्ण के जन्मदिन को भव्य तरीके से मनाया गया।

By JagranEdited By: Published: Tue, 11 Aug 2020 11:13 PM (IST)Updated: Wed, 12 Aug 2020 06:11 AM (IST)
श्रीकृष्ण ने अपनी बाल लीलाओं के माध्यम से कभी भी हार नहीं मानने का दिया संदेश
श्रीकृष्ण ने अपनी बाल लीलाओं के माध्यम से कभी भी हार नहीं मानने का दिया संदेश

आरा। श्री त्रिदंडी देव राधाकृष्ण धाम, जीरोमाइल में सोशल डिस्टेसिग का पालन करते हुए भगवान श्री कृष्ण के जन्मदिन को भव्य तरीके से मनाया गया। इस अवसर पर श्री भगवान राधा गिविद का सहस्त्राभिषेक हुआ। संस्थान के पीठाधीश्वर श्री स्वामी ज्योतिनारयाणाचार्य जी महाराज ने भगवान श्रीकृष्ण के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि वसुदेव नंदन भगवान श्रीकृष्ण के जन्म कारागार में हुआ, लेकिन गीता का ज्ञान से सम्पूर्ण जगत को ज्ञान के प्रकाश से प्रकाशित किया। भगवान श्रीकृष्ण ने हमेशा अपनी बाल लीलाओं के माध्यम से कभी भी हार नहीं मानने का सन्देश सम्पूर्ण जगत को दिया। दोस्ती के नाम पर अपना सर्वस्व लुटाने के साम‌र्थ्य रखने वाले भगवान ने वर्षों बाद सुदामा को गले लगाया था। कृष्ण ने सुदामा की दोस्ती के माध्यम से यह बताया की दोस्ती से बढकर कोई अनमोल रत्न नहीं होता। मानव जीवन सभी जीवधारियों में श्रेष्ठ है। भगवान को मानव जीवन प्राप्त करके पृथ्वी पर लीला के लिए आना हुआ।

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इस अवसर पर यजमान के रूप में श्री त्रिदंडी देव राधाकृष्ण धाम के सचिव श्री चितरंजन सिंह, पुरोहित के रूप में उमाशंकर पाण्डेय, सुभाष पाण्डेय के आलावा श्रीराम चौबे, विनोद सिंह, विजय सिंह, निरंजन सिंह, उमेश राय, धन†जय चौबे, दशरथ स्वामी, शगुन जी, त्रिपुरारी जी, अमन मिश्रा, मृगांशु गिरी, बहादुर जी आदि मौजूद थे।


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