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निजीकरण के खिलाफ रेलकर्मियों में आक्रोश

ऑल इंडिया रेलवे मेन्स फेडरेशन के तत्वाधान में ईस्ट सेंट्रल रेलवे कर्मचारी यूनियन द्वारा 109 मांगों के तहत 151 ट्रेनों का निजीकरण करने एवं रेलवे के पदों को समाप्त कर नई बहाली बंद करने के खिलाफ शुक्रवार को आरा में ईस्ट सेंट्रल रेलवे कर्मचारी यूनियन की एक बैठक की गई।

By JagranEdited By: Published: Fri, 10 Jul 2020 10:55 PM (IST)Updated: Fri, 10 Jul 2020 10:55 PM (IST)
निजीकरण के खिलाफ  रेलकर्मियों में आक्रोश
निजीकरण के खिलाफ रेलकर्मियों में आक्रोश

आरा। ऑल इंडिया रेलवे मेन्स फेडरेशन के तत्वाधान में ईस्ट सेंट्रल रेलवे कर्मचारी यूनियन द्वारा 109 मांगों के तहत 151 ट्रेनों का निजीकरण करने एवं रेलवे के पदों को समाप्त कर नई बहाली बंद करने के खिलाफ शुक्रवार को आरा में ईस्ट सेंट्रल रेलवे कर्मचारी यूनियन की एक बैठक की गई। बैठक में आनेवाले दिनों में इस विरोध को और मजबूत करने तथा फेडरेशन के आदेशानुसार विरोध प्रदर्शन करने का फैसला किया गया। बैठक को संबोधित करते हुए यूनियन के शाखा अध्यक्ष मनोज कुमार पाण्डेय ने कहा कि 02 जुलाई को रेलवे बोर्ड ने एक पत्र जारी कर संरक्षा कोटि के पदों को छोड़कर रेलवे में नए पदों के सृजन को अगले आदेश तक फ्री•ा रखने का आदेश दिया है। उन्होंने कहा कि जब विपरीत परिस्थितियों में भी अपने रेलवे को हम चला सकते है तो आखिर क्या कारण है कि सरकार रेलवे का निजीकरण कर रही है। हमारा संगठन सरकार की इस रोजगार विरोधी नीति का विरोध करता है। जबकि आज रेलवे में ढाई लाख पद रिक्त है। बैठक में अध्यक्ष मनोज कुमार पाण्डेय के अलावा नीरज कुमार सिंह, आरके सिंह, अशोक कुमार, रंजन कुमार भानु समेत संगठन के गणमान्य कार्यकर्ता मौजूद थे।

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