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आरा में राहुल बनकर रह रहा था जम्मू-काश्मीर का परवेज

नौकरी लगाने के नाम पर ठगी करने वाले गैंग के झांसे में आकर जम्मू-कश्मीर का एक युवक धराया।

By JagranEdited By: Published: Wed, 13 Feb 2019 11:49 PM (IST)Updated: Wed, 13 Feb 2019 11:49 PM (IST)
आरा में राहुल बनकर रह 
रहा था जम्मू-काश्मीर का परवेज
आरा में राहुल बनकर रह रहा था जम्मू-काश्मीर का परवेज

आरा। नौकरी लगाने के नाम पर ठगी करने वाले गैंग के झांसे में आकर जम्मू-कश्मीर का एक युवक मो. परवेज को हवालात की हवा खानी पड़ गई। आरा शहर में राहुल बनकर रहने वाले जम्मू-कश्मीर के युवक मो. परवेज को पुलिस हिरासत में लेकर पूछताछ कर उसकी गतिविधियों का पता लगा रही है। इसके लिए जम्मू-कश्मीर पुलिस से संपर्क कर उसकी पारिवारिक हिस्ट्री को खंगाला जा रहा है। हालांकि अभी तक उसके आपराधिक पृष्ठभूमि का पता नहीं चल सका है। शुरूआती जांच में यह बात सामने आ रही है कि जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर निवासी मो. परवेज रेलवे में नौकरी लगाने का झांसा देकर ठगी करने वाले गैंग का शिकार होकर आरा चला आया था। पुलिस उसके पास से बरामद शैक्षणिक प्रमाण पत्रों से लेकर अन्य दस्तावेजों का सत्यापन कर रही है। संदिग्ध युवक मो. परवेज को आरा के नवादा थानाक्षेत्र के मौलाबाग-पकड़ी सिविल लाइन इलाके से पकड़ा गया है। बताया जा रहा कि मौलाबाग-पकड़ी सिविल लाइन मुहल्ला का निवासी मुन्ना कुमार पेशे से प्रोपर्टी डीलर है। उनके आवास पर विगत 29 जनवरी को एक युवक आया था, जो अपना नाम राहुल तथा खुद को रोहतास जिला का बताकर किराए पर कमरा लिया था। विगत 1 फरवरी से उसके रहने की बात तय हुई थी। मकान मालिक ने उससे उसका पहचान पत्र भी मांगा था। लेकिन मकान मालिक को तब शक हुआ जब उनके मकान में कोई दूसरा लड़का रहने लगा। पूछने पर उसने भी अपना नाम राहुल बताया। तब शक और बढ़ गया। क्योंकि जिस राहुल को उन्होंने कमरा दिया था वह कोई और था। जिसके बाद उन्होंने नवादा थाना पुलिस को इसकी सूचना दी। जिसके बाद पुलिस ने संदिग्ध को हिरासत में ले लिया। पूछताछ में उसने अपना नाम मो. परवेज तथा पिता का नाम मो. अब्दुल रशीद तथा श्रीनगर का निवासी बताया।

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जम्मू-कश्मीर के शफी को रेलवे में नौकरी के लिए दिए थे दो लाख रुपये

इधर, आरा के नवादा थाना में लाए गए श्रीनगर निवासी मो. परवेज ने बताया कि छह-सात महीने पहले जम्मू-कश्मीर के गांधरबल जिला निवासी मो. शफी से उसकी मुलाकात हुई थी। उसने रेलवे में नौकरी लगाने के लिए उससे दो लाख रुपये लिए थे। इसके बाद उसे दिल्ली में जाकर देवेन्द्र से संपर्क करने को कहा गया था। उसने उसे पहले धनबाद में ज्वाइन करने को कहा। लेकिन, वह वहां जाने को तैयार नहीं हुआ। इसके बाद उसे बिहार के आरा में जाकर ज्वाइन करने को कहा गया। जिसके बाद वह बिहार पहुंचकर नीरज नामक शख्स से बात की। नीरज ने उसे राहुल के पास भेज दिया। पकड़ी स्थित जज कोठी रोड स्थित एक मकान में उसे रखा गया था। उसे बताया गया कि आरा रेलवे स्टेशन पर नौकरी लगी है। उसे केवल प्रतिदिन स्टेशन जाकर ट्रेनों का टाइ¨मग नोट करना है। मो. परवेज को कोई कागजात भी नहीं दिए गए थे। कहा गया था कि मेल आएगा। यहां रहने के दौरान उसे बताया गया कि वह अपना नाम राहुल बताए। मो. परवेज नाम बताने पर उसे कोई किराए पर मकान नहीं देगा। परवेज इसी झांसे में आ गया। इसके बाद पुलिस उसे उठाकर थाने ले आई। दूसरी ओर, नवादा थाना इंस्पेक्टर सुबोध कुमार ने बताया कि युवक के विरुद्ध किसी तरह का कोई आपराधिक केस नहीं मिला है। जांचोपरांत उसे छोड़ दिया जाएगा।


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