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दुर्गा पूजा में सार्वजनिक कार्यक्रम व पूजा-पंडालों के निर्माण पर लगी रोक

वैश्विक महामारी कोरोना वायरस का असर इस वर्ष शहर से लेकर देहात तक दुर्गा पूजा में भी दिखेगा।

By JagranEdited By: Published: Sun, 11 Oct 2020 11:16 PM (IST)Updated: Mon, 12 Oct 2020 05:11 AM (IST)
दुर्गा पूजा में सार्वजनिक कार्यक्रम व 
पूजा-पंडालों के निर्माण पर लगी रोक
दुर्गा पूजा में सार्वजनिक कार्यक्रम व पूजा-पंडालों के निर्माण पर लगी रोक

आरा। वैश्विक महामारी कोरोना वायरस का असर इस वर्ष शहर से लेकर देहात तक दुर्गा पूजा में भी दिखेगा। पंडालों में इस बार मूर्ति की स्थापना नहीं होगी। ऐसा करने पर जिलाधिकारी ने रोक लगा दिया है। इस बार कहीं भी बड़े स्तर पर दुर्गा पूजा का आयोजन करने पर रोक लगा दिया गया है। किसी भी प्रकार के सार्वजनिक कार्यक्रम या बड़े-बड़े पूजा पंडालों का निर्माण नहीं होगा। ऐसा जिला प्रशासन ने बिहार सरकार के गृह विभाग से मिले आदेश के बाद शांति समिति की बैठक के दौरान सभी पूजा समिति के लोगों को आदेश दिया है। शनिवार की देर शाम डीएम रोशन कुशवाहा व एसपी हरि किशोर राय की अध्यक्षता में हुई बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए हैं। इसकी जानकारी देते हुए सदर एसडीओ वैभव श्रीवास्तव ने बताया कि इस बार दुर्गा पूजा के दौरान विधानसभा चुनाव के साथ-साथ कोविड-19 के भी नियमों का पालन करना जरूरी है। इसे देखते हुए सभी प्रकार के सार्वजनिक कार्यक्रम जिसमें ज्यादा भीड़ भाड़ लगता हो उस पर पाबंदी लगा दी गई है। कोई व्यक्ति चाहे तो अपने निजी मकान और मंदिरों में साधारण रूप में पूजा पाठ कर सकते हैं, उस पर कोई रोक नहीं है। मंदिर या घर में पूजा करने के दौरान भी कोविड-19 के सभी नियमों का पालन करने के साथ-साथ चुनाव आचार संहित का भी पालन करना जरूरी होगा। मंदिर में पूजा के दौरान पूजा पंडाल या मंडप का निर्माण नहीं किया जाएगा और न ही लाउडस्पीकर ही लगेगा। मेले का आयोजन और स्टॉल भी नहीं लगाए जाएंगे। किसी भी प्रकार के जुलूस को मूर्ति विसर्जन की इजाजत नहीं दी जाएगी। मंदिर में कोई मूर्ति रखता है तो उसे हर हाल में 25 अक्टूबर को ही विसर्जन कर देना होगा। बैठक में डीएम और एसपी के अलावे जिले के तीनों अनुमंडल के एसडीओ और एसडीपीओ के साथ-साथ कई पूजा समिति के लोग मौजूद थे।

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नहीं होगा प्रसाद का वितरण न बंटेगा आमंत्रण कार्ड

आरा: इस बार पूजा के दौरान किसी भी प्रकार का सामुदायिक प्रसाद का वितरण नहीं किया जाएगा और न ही पूजा समिति के द्वारा किसी भी प्रकार के आमंत्रण पत्र बांटे जाएंगे। इस पर भी प्रशासन ने रोक लगा दिया है। जिले में किसी भी सार्वजनिक स्थल पर या होटल में किसी भी प्रकार के सांस्कृतिक कार्यक्रम या रामलीला का आयोजन नहीं होगा। आदेश के बाद भी यदि किसी प्रकार का कोई आयोजन करता है, तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने की चेतावनी दी गई है।


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