ईश्वर की अनुभूति के लिए होनी चाहिए भक्त प्रह्लाद जैसी निष्ठा : रंगनाथाचार्य
पीरो प्रखंड के वैसाडीह गांव स्थित तोताद्रि मठ वेंकटेश्वर धाम के महंत रंगनाथाचार्य जी महाराज ने प्रवचन के दौरान श्रद्धालुओं से कहा कि ईश्वर की अनुभूति तभी होगी जब मन में भक्त प्रह्लाद जैसी निष्ठा हो।
भोजपुर। पीरो प्रखंड के वैसाडीह गांव स्थित तोताद्रि मठ वेंकटेश्वर धाम के महंत रंगनाथाचार्य जी महाराज ने प्रवचन के दौरान श्रद्धालुओं से कहा कि ईश्वर की अनुभूति तभी होगी जब मन में भक्त प्रह्लाद जैसी निष्ठा हो। अगर भक्त ईश्वर को अपने मन में बसा ले तो ईश्वर अपने भक्त से ज्यादा देर तक दूर नहीं रह सकते। स्वामी रंगनाथाचार्य जी महाराज ने ये बाते यहां आयोजित 12 दिवसीय श्रीकृष्ण जन्मोत्सव अनुष्ठान के नौवें दिन अपने प्रवचन के दौरान कही। स्वामी जी ने विष्णु भक्त प्रह्लाद की चर्चा करते हुए कहा कि प्रह्लाद की विष्णु भक्ति से क्रोधित उनके पिता राजा हिरणकाश्यप ने अपने पुत्र पर कई जुल्म किये। प्रह्लाद को विषपान कराया गया, पर्वत से फिकवाया गया, हाथी से कुचलवाया गया, समुद्र में फेका गया और अंत में अग्नि में जलाया गया। लेकिन भक्त प्रह्लाद नाम मात्र भी विचलित नहीं हुए और न ही ईश्वर के प्रति उनकी भक्ति में कोई कमी आई। परिणाम स्वरुप प्रभु को अपने भक्त की रक्षा के लिए आना ही पड़ा। यहां आयोजित श्री कृष्ण जन्मोत्सव अनुष्ठान में शामिल होने के लिए विभिन्न तीर्थ स्थलों से आए स्वामी चक्रपाणि जी महाराज, स्वामी अनन्ताचार्य जी महाराज, स्वामी कौशलेन्द्राचार्य जी महाराज, स्वामी चंद्र भूषणाचार्य जी महाराज, स्वामी विस्वक सेनाचार्य जी महाराज सहित अन्य साधु महात्माओं का प्रवचन सुनने व उनके दर्शन के लिए नित्य भक्तों की भीड़ उमड़ी। तोताद्रि मठ में आयोजित इस कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए स्थानीय स्वयंसेवी अमरीश उपाध्याय, नीलेश्वर उपाध्याय, वेंकटेश उपाध्याय, गुप्तेश्वर उपाध्याय सहित अन्य ग्रामीण भरपूर सहयोग कर रहे हैं।