पुलिस पर हमले के दौरान जवानों की हत्या का प्रयास करने का आरोप
भोजपुर जिला के आरा मुफस्सिल थाना क्षेत्र के कौशिक दुलारपुर गांव में बुधवार की रात छापेमारी करने गई पुलिस पर हमले के दौरान जवानों की हत्या करने का भी प्रयास किया गया था।
आरा। भोजपुर जिला के आरा मुफस्सिल थाना क्षेत्र के कौशिक दुलारपुर गांव में बुधवार की रात छापेमारी करने गई पुलिस पर हमले के दौरान जवानों की हत्या करने का भी प्रयास किया गया था। दर्ज प्राथमिकी में नाजायज मजमा बनाकर पुलिस पर हमला करने, हत्या करने का प्रयास करने, सरकारी कारबाइन और इंसास रायफल छीनने और पुलिस गाड़ी को क्षतिग्रस्त किए जाने जैसे गंभीर आरोप लगाया गए है। लाठी-डंडा, भाला, लोहे का रड से हमला करने का आरोप है। इस दौरान पुलिस पर हमला करने, कारबाइन और रायफल छीने जाने के मामले में पकड़े गए करीब 34 आरोपियों को दूसरे दिन न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया। इसमें तीन महिलाएं भी हैं। इसे लेकर थानाध्यक्ष ज्योति कुमारी के बयान पर संबंधित थाना में दो अलग-अलग प्राथमिकी दर्ज कराई गई है। पुलिस पर हमले के मामले में दर्ज प्राथमिकी में करीब 41 नामजद नामजद समेत 125 अज्ञात को आरोपी बनाया गया है। हमले में संलिप्तत अन्य आरोपियों की तलाश की जा रही है। इधर, भोजपुर एसपी सुशील कुमार ने बताया कि जवानों के पास से लूटी गई सरकारी कारबाइन और रायफल सुनील यादव और मुकेश यादव के घर से बरामद किया गया है। हालांकि दोनों हाथ नहीं लग सके। इन दोनों मुख्य आरोपियों ने ही अपने सहयोगियों के साथ मिलकर हवलदार व जवान से कारबाइन व रायफल छीना था। इस बीच शाहाबाद प्रक्षेत्र के डीआईजी पी. कन्नन ने आरा आकर पुलिस पर हुए हमले और हमलावरों के बारे में विशेष जानकारी प्राप्त की। पुलिस ने एफआईआर में 13 अलग-अलग दफाएं लगाई हैं।
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कोर्ट में प्रस्तुत करने से पहले कराया गया मेडिकल, दिखाए जख्म
इधर, कौशिक दुलारपुर कांड में कोर्ट में प्रस्तुत किए जाने से पहले स्वर्गीय रंग लाल यादव के पुत्र कृष्णा यादव, रुदल यादव के बेटे सरोज यादव, सरयू यादव के बेटे कृष्णा कुमार, रामायण यादव के पुत्र वीरेंद्र यादव,सुशील कुमार के पुत्र संदीप कुमार, कृष्णा यादव के पुत्र सुधीर कुमार, जितेंद्र यादव के पुत्र सतीश कुमार, स्व. विष्णु यादव के पुत्र गोरख यादव, कृष्णा यादव के पुत्र धर्मेंद्र यादव, वीरेंद्र यादव के पुत्र बृजमोहन यादव, स्व. पारसनाथ यादव के पुत्र जितेंद्र प्रसाद, सुद्दामा सिंह के पुत्र संजय कुमार सिंह एवं बलजीत कुमार सिंह, सुरेश यादव के बेटे प्रधान कुमार, जयनंदन यादव के पुत्र रतन यादव, प्रेम यादव के बेटे चंदन यादव, केदारनाथ यादव के बेटे निहोरा यादव, हीरा यादव के पुत्र जय बिहारी यादव, श्रीराम सिंह के बेटे रामाकांत सिंह, रामाकांत सिंह के बेटे आशीष कुमार एवं आयुष कुमार, उमाशंकर सिंह के बेटे अमरजीत कुमार, विदेशी यादव के बेटे हरे राम कुमार, हीरा यादव के बेटे मनीष कुमार, सुशील यादव के पुत्र छोटू कुमार, केदार यादव के पुत्र तलेश्वर यादव, जयनंदन यादव के पुत्र पंचरतन यादव, सुरेश यादव के पुत्र प्रदुमन कुमार, विश्वजीत कुमार सिंह, जितेंद्र प्रसाद यादव, बिरजू मोहन, धर्मेंद्र यादव, शांति देवी, पुतल देवी एवं आशा देवी शामिल का सदर अस्पताल,आरा में मेडिकल भी कराया गया। मेडिकल के दौरान आरोपियों ने पुलिस पर भी मारपीट किए जाने का आरोप लगाया।
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एफआईआर में पिता समेत तीन बेटे भी बने आरोपी
दर्ज प्राथमिकी में सुनील यादव, उसके भाई विष्णु यादव, घुरन यादव तथा पिता शिवजी यादव, मुकेश यादव, हरेराम कुमार, निहोरा यादव, रवि प्रकाश, आशीष कुमार, रामाकांत सिंह, अवध बिहारी यादव, मनीष कुमार, छोटू कुमार, चंदन यादव, तारकेश्वर यादव, अमरजीत यादव, आयुष कुमार, शिवजी यादव की पत्नी शांति देवी, कृष्णा यादव, विष्णु यादव की पत्नी पुतुल कुमारी, मुन्ना कुमार की पत्नी आशा देवी, अप्पू यादव की पत्नी चंदोना देवी, उमाशंकर यादव के पुत्र दीपक कुमार, नंदन यादव के पुत्र पंचरतन यादव, बिरेन्द्र यादव के पुत्र बृज मोहन, सुशील यादव के पुत्र कुलदीप कुमार, पारसनाथ यादव के पुत्र जितेन्द्र, रामायण यादव के पुत्र बिरेन्द्र यादव, सुदामा सिंह के पुत्र संजय कुमार, सुरेश यादव के पुत्र सिपाही प्रधान, कृष्णा यादव के पुत्र अमरेन्द्र यादव, सरयू यादव के पुत्र कृष्णा कुमार, जितेन्द्र कुमार यादव के पुत्र सतीश कुमार, सुशील यादव के पुत्र संदीप कुमार, सुबेदार सिंह, कृष्णा यादव के पुत्र सुधीर कुमार, सुदामा सिंह के पुत्र बलजीत कुमार, रुदल यादव के पुत्र सरोज कुमार, जितेन्द्र यादव के पुत्र सुनील कुमार को नामजद व 125 अज्ञात को आरोपी बनाया गया है।
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सात घंटे तक चले सर्च ऑपरेशन के बाद पुलिस को मिली सफलता
आरा: भोजपुर जिला के आरा मुफस्सिल थाना क्षेत्र के कौशिक दुलारपुर गांव में बुधवार की रात पुलिस पर हमले के बाद करीब सात घंटे तक चली सघन छापेमारी और सर्च ऑपरेशन के बाद जवानों के पास से लूटी गई कारबाइन और रायफल को बरामद करने में सफलता मिल सकी। जिसके बाद पुलिस ने राहत की सांस ली। खुद पुलिस अधीक्षक सुशील कुमार हथियारों की बरामदगी होने तक यहां जमे हुए थे। बाद में लूटी गई कारबाइन और रायफल की बरामदगी के बाद इसकी सूचना शाहाबाद के डीआईजी पी.कन्नन से लेकर सूबे के डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय तक को दी गई। इस दौरान पुलिस पर हमले और हथियारों को छीने जाने के मामले में 34 आरोपित भी पकड़े गए। गुरुवार को शाहाबाद के डीआईजी पी.कन्नन ने खुद आरा पहुंचकर मामले की जांच-पड़ताल की।
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तीन डीएसपी और 15 थानों के अलावा पुलिस केन्द्र के 100 से अधिक जवान लगे थे ऑपरेशन में
हमले के बाद रात करीब नौ बजे एसपी सुशील कुमार के आदेश पर तीन डीएसपी और 15 थानों की पुलिस के अलावा पुलिस केन्द्र से सौ से अधिक जवानों को कौशिक दुलारपुर गांव भेजा गया था। खुद एसपी भी वहां गए हुए थे। सुबह चार बजे तक घरों से लेकर खेत-खलिहानों में छापेमारी चलती रही। इसके बाद जवानों से लूटी गई कारबाइन और रायफल की बरामदगी हो सकी। जिसके बाद पुलिस ने राहत की सांस ली। एएसपी अभियान नितिन कुमार, एएसपी सदर अम्बरीष राहुल,पीरो डीएसपी अशोक कुमार आजाद और जगदीशपुर डीएसपी श्याम किशोर रंजन के अलावा टाउन, नवादा, बड़हरा,धोबहां, कृष्णागढ़, सिन्हा, और गजराजगंज ओपी समेत पन्द्रह थानों की पुलिस छापेमारी में लगी रही।
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एक देसी कट्टा व गोली बरामदगी में सिपाही प्रधान धराया
कौशिक दुलारपुर गांव में छापेमारी के दौरान सिपाही प्रधान के घर से एक देसी पिस्तौल व तीन गोली भी बरामद किया गया है। इसे लेकर अलग से आर्म्स एक्ट के केस दर्ज किया गया है। सिपाही प्रधान को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।
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अवैध शराब के धंधेबाज सुनील और उसके पिता शिवजी यादव पर भीड़ को उकसाने का आरोप आरोप हैं कि थानाध्यक्ष समेत छापेमारी दल में शामिल पदाधिकारी जब मकान के तहखाने में छिपाए गए जब्त शराब को ऑटो व पुलिस गाड़ी पर लोड कर लौटने की तैयारी कर रही थी तभी सुनील यादव व उसके पिता शिवजी यादव भीड़ को उकसाने लगे। जिसके बाद धंधेबाजों के साथ ग्रमीणों ने भी पुलिस पर हमला कर दिया। पथराव शुरू कर दिए। जवानों के पास से कारबाइन व रायफल छीन लिया गया। गाड़ी में बैठाए गए सुनील यादव के चचेरे भाई और एक दुकानदार को जबरन छुड़ा लिया गया। ऑटो पर लदे जब्त शराब को लूट लिया गया। इस दौरान पुलिस ने काफी सब्र का परिचय दिया। एक राउंड भी फायरिग नहीं की। खुद जान बचाकर भागने बधार की ओर भाग निकले। एफआईआर में सुनील यादव, धुरन यादव तथा विष्णु यादव तथा उनके पिता शिवजी यादव पर अवैध शराब का कारोबार करने का आरोप लगाया गया है। छापामारी के दौरान पुलिस ने करीब 85 कार्टून शराब जब्त किया था। जिसे हमला कर लूट लिया गया।
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महिलाओं को थाना लाने का प्रयास किए जाने पर भड़के लोग इधर, यह भी चर्चा हैं कि पुलिस अवैध शराब बरामदगी के मामले में कौशिक दुलारपुर गांव निवासी सुनील यादव की पत्नी और मां दोनों को गाड़ी पर बैठाकर थाने ले जाने का प्रयास कर रही थी। इस दौरान दोनों महिलाओं को घर से निकालकर गाड़ी की ओर बढ़ ही रहे थे तभी हो-हल्ला मचाना शुरू कर दिया गया। जिसके बाद ग्रामीण उग्र हो गए। पहले धक्का-मुक्की हुई। बाद में पुलिस पर हमला कर दिया गया। हालांकि, पुलिस का कहना था कि महिलाओं से अभी पूछताछ ही चल ही रही थी तभी हमला कर दिया गया।
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पुलिस की बोलेरो के अलावा जिस ऑटो पर जब्त शराब लदा था उसे भी कर दिए क्षतिग्रस्त कौशिक दुलारपुर गांव में छापेमारी के दौरान पुलिस की बोलेरो गाड़ी, जिप्सी व जिस ऑटो पर जब्त शराब लदा था उसे भी रात में क्षतिग्रस्त कर दिया गया था। जब्त शराब भी लूटकर लेते चले गए थे। बाद कुछ शराब का कार्टून व टूट अवशेष पुलिस के हाथ लग सका। मालूम हो कि मुफस्सिल थाना पुलिस को बुधवार की रात गुप्त सूचना मिली थी कि कौशिक दुलारपुर गांव स्थित सुनील यादव घर में अवैध शराब छिपाकर रखा गया है। सूचना के आधार पर पुलिस टीम थानाध्यक्ष ज्योति कुमारी के नेतृत्व में छापेमारी के लिए गई हुई थी। दो अलग-अलग गाड़ियों से गई पुलिस ने संबंधित घर में छापेमारी कर अवैध शराब की खेप बरामद किया था। दो महिलाओं समेत चार लोग हिरासत में भी लिए गए थे।इस दौरान पुलिस बरामद शराबों को जब्त कर गाड़ी पर लोड कर रही थी तभी धंधेबाजों ने अचानक समूह बनाकर पुलिस टीम पर ईट-पत्थर से हमला बोल दिया था। जिसमें छापेमारी दल में शामिल थानाध्यक्ष ज्योति कुमारी , दारोगा अरविद कुमार, केके सिंह, आनंद कुमार, हवलदार शम्मी आलम ,सिपाही राम इकबाल राय, सिपाही अशोक कुमार,लाल बाबू, कामेश्वर सिंह व चालक रविन्द्र कुमार समेत दर्जन भर पुलिस कर्मी घायल हो गए थे। इस दौरान हवलदार शम्मी आलम के पास से सर्विस कारबाइन व जिला बल के सिपाही धीरज कुमार के पास से सर्विस रायफल भी छीन लिया गया था। हिरासत में लिए गए आरोपियों को भी जुड़ा लिया गया था। पथराव में पुलिस की बोलेरो गाड़ी, जिप्सी व जिस ऑटो पर जब्त शराब लदा था उसे क्षतिग्रस्त कर दिया गया था। जब्त शराब भी लूटकर लेते चले गए थे। बाद में पुलिसकर्मियों को जान बचाकर वहां से बधार की ओर भागना पड़ा था। इस दौरान इसकी सूचना वरीय अफसरों को दी गई थी।