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¨सचाई के संकट से चौपट हुई खेती

संवाद सूत्र, कोईलवर (भोजपुर): बरसात में इस वर्ष वर्षा की कमी ने किसानों को भारी परेशानी, घ्

By JagranEdited By: Published: Thu, 01 Nov 2018 06:19 PM (IST)Updated: Thu, 01 Nov 2018 06:19 PM (IST)
¨सचाई के संकट से चौपट हुई खेती

संवाद सूत्र, कोईलवर (भोजपुर): बरसात में इस वर्ष वर्षा की कमी ने किसानों को भारी परेशानी, घाटे और ¨चता में डाल दिया है । किसानों का कहना है कि पूरबा व उत्तरा नक्षत्र में तो वर्षा की कमी रही ही हथिया नक्षत्र ने भी काफी निराश किया। इसमें भी वर्षा नहीं हुई । इस अनावृष्टि से धान की पैदावार पूरी तरह प्रभावित व चौपट हुई ही साथ ही बाजरा, मसुरिया, व मूंग आदि की फसल भी मारी गयी। बाजरा तो जमीन की मामूली नमी और मामूली ¨सचाई में भी उपजने वाला अनाज है । इस बालूवही मिट्टी वाले क्षेत्र में भी पूर्व में इसे उपजाया जाता रहा है। लेकिन इस बार मेहनत के बावजूद निराशा हाथ लगी । किसान बताते हैं कि इस बार बाजरा के पौधे उपजे, पनपे व बढ़े और फुलाए भी लेकिन इसकी बाली में दाने नहीं लगे । किसान निराश होकर अब इन्हें काट कर चारा के रूप में पशुओं को खिलाने को मजबूर हैं । किसान परिवार के वयोवृद्ध सदस्य केंद्रीय सेवा से अवकाश प्राप्त नवाब राय ने भी किसानों की उक्त पीड़ा को बयान करते हुए बताया कि वर्षा और ¨सचाई की समुचित व्यवस्था के अभाव में खरीफ की पिछली फसल तो मारी गई ही अब किसानों को रबी की फसल की ¨चता सता रही है । सूखाड़ की स्थिति में किसानों की पूंजी भी डूब जाती है और हौसले भी पस्त हो जाते हैं। श्री राय ने बताया कि अपने यहां राजकीय नलकूपों की स्थिति भी ठीक नहीं है । उन्होंने बताया कि कोईलवर नगर क्षेत्र के खेत खलिहान में चार में दो राजकीय नलकूप तकनीकी कारणों से बंद हैं तो किसी नलकूप के करहों की हालत दुरुस्त नहीं है। जानकार यह भी कह रहे हैं कि वर्षा के अभाव में भूगर्भ जल स्तर के नीचे चले जाने से भविष्य में पेयजल संकट भी गहरानें की आशंका है।

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